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पिपली-थर्ड गेट की सड़क बनने में चार साल से ज्यादा समय लग गया। 57 करोड़ की लागत से बन रही यह सड़क अब जाकर अपने असली रूप में आई ही थी कि प्रशासन को इसके नीचे सीवरेज लाइन डालना याद आ गया, जिसके लिए थानेसर रेलवे स्टेशन से लेकर थर्ड गेट तक की सड़क को उखाड़ दिया गया। पिछले करीब तीन माह से एक तरफ की सड़क उखड़ी पड़ी है। सीवरेज लाइन डालने के बाद जन स्वास्थ्य विभाग ने उसके ऊपर खानापूर्ति करते हुए थोड़ी बहुत मिट्टी गिरा दी, लेकिन विभाग की इस लापरवाही की पोल प्री मानसून की बारिश से खोलकर रख दी।
बारिश में थर्ड गेट से लेकर वाल्मीकि चौक तक मिट्टी नीचे बैठ गई है, जिस कारण रोजाना हादसे हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने उखाड़ी सड़क को फिर से बनाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग से हर्जाना मांगा था, जिस पर जन स्वास्थ्य विभाग 45 लाख रुपये दे चुका है। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौके के हिसाब से इससे ज्यादा राशि की डिमांड है। फिलहाल तो हैरानी की बात तो यह है कि निर्माण कार्य के चलते यहां कोई चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जिस कारण कब बड़ा हादसा हो जाए कुछ नहीं पता। यह शहर की मुख्य सड़क है, जिस पर दिन रात पांच हजार से ज्यादा छोटे-बड़े व भारी वाहन गुजरते हैं। रात के समय तो स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जाती है।
मोहन लाल ने कहा कि बड़ी मुश्किल से सड़क बनी थी। अब इसे सीवरेज लाइन के लिए उखाड़ दिया। लोगों को परेशानी हो रही है और अधिकारी हैं कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे।
रामचंद्र ने कहा कि शायद प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है तभी तो इस गंभीर समस्या को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। कई वाहन चालक सड़क किनारे नीचे बैठी मिट्टी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।
मुकेश ने कहा कि रात के समय तो स्थिति सबसे ज्यादा खराब रहती है। सड़क पर लगी लाइटें अक्सर बंद रहने से धंस चुकी मिट्टी दिखाई ही नहीं देती। अगर मिट्टी को डालकर उसे अच्छे से दबाया जाता तो यह समस्या ही खड़ी न होती।
अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने कहा कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट बारे रिपोर्ट ली थी। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो राशि पीडब्ल्यूडी को दी जानी है उसमें से कुछ राशि का भुगतान हो चुका है। बाकी राशि भी जल्द पीडब्ल्यूडी के पास आ जाएगी। यह शहर की मुख्य सड़क है इसलिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इसे जल्द बनाने के आदेश दिए जाएंगे।
जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन दिनेश गाबा ने कहा कि पहले से मापदंड के अनुसार पीडब्ल्यूडी को 45 लाख का भुगतान किया जा चुका है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौके के हिसाब से इससे ज्यादा राशि की डिमांड है, जिस बारे वे उनके साथ डिस्कस करेेंगे। वहीं बारिश के कारण जहां से मिट्टी बैठ गई है, उसके ऊपर और मिट्टी डलवा दी जाएगी, ताकि सड़क बनने तक किसी को कोई परेशानी न आए।
पिपली-थर्ड गेट की सड़क बनने में चार साल से ज्यादा समय लग गया। 57 करोड़ की लागत से बन रही यह सड़क अब जाकर अपने असली रूप में आई ही थी कि प्रशासन को इसके नीचे सीवरेज लाइन डालना याद आ गया, जिसके लिए थानेसर रेलवे स्टेशन से लेकर थर्ड गेट तक की सड़क को उखाड़ दिया गया। पिछले करीब तीन माह से एक तरफ की सड़क उखड़ी पड़ी है। सीवरेज लाइन डालने के बाद जन स्वास्थ्य विभाग ने उसके ऊपर खानापूर्ति करते हुए थोड़ी बहुत मिट्टी गिरा दी, लेकिन विभाग की इस लापरवाही की पोल प्री मानसून की बारिश से खोलकर रख दी।
बारिश में थर्ड गेट से लेकर वाल्मीकि चौक तक मिट्टी नीचे बैठ गई है, जिस कारण रोजाना हादसे हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने उखाड़ी सड़क को फिर से बनाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग से हर्जाना मांगा था, जिस पर जन स्वास्थ्य विभाग 45 लाख रुपये दे चुका है। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौके के हिसाब से इससे ज्यादा राशि की डिमांड है। फिलहाल तो हैरानी की बात तो यह है कि निर्माण कार्य के चलते यहां कोई चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जिस कारण कब बड़ा हादसा हो जाए कुछ नहीं पता। यह शहर की मुख्य सड़क है, जिस पर दिन रात पांच हजार से ज्यादा छोटे-बड़े व भारी वाहन गुजरते हैं। रात के समय तो स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जाती है।
मोहन लाल ने कहा कि बड़ी मुश्किल से सड़क बनी थी। अब इसे सीवरेज लाइन के लिए उखाड़ दिया। लोगों को परेशानी हो रही है और अधिकारी हैं कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे।
रामचंद्र ने कहा कि शायद प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है तभी तो इस गंभीर समस्या को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। कई वाहन चालक सड़क किनारे नीचे बैठी मिट्टी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।
मुकेश ने कहा कि रात के समय तो स्थिति सबसे ज्यादा खराब रहती है। सड़क पर लगी लाइटें अक्सर बंद रहने से धंस चुकी मिट्टी दिखाई ही नहीं देती। अगर मिट्टी को डालकर उसे अच्छे से दबाया जाता तो यह समस्या ही खड़ी न होती।
अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने कहा कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट बारे रिपोर्ट ली थी। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो राशि पीडब्ल्यूडी को दी जानी है उसमें से कुछ राशि का भुगतान हो चुका है। बाकी राशि भी जल्द पीडब्ल्यूडी के पास आ जाएगी। यह शहर की मुख्य सड़क है इसलिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इसे जल्द बनाने के आदेश दिए जाएंगे।
जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन दिनेश गाबा ने कहा कि पहले से मापदंड के अनुसार पीडब्ल्यूडी को 45 लाख का भुगतान किया जा चुका है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौके के हिसाब से इससे ज्यादा राशि की डिमांड है, जिस बारे वे उनके साथ डिस्कस करेेंगे। वहीं बारिश के कारण जहां से मिट्टी बैठ गई है, उसके ऊपर और मिट्टी डलवा दी जाएगी, ताकि सड़क बनने तक किसी को कोई परेशानी न आए।
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