सीएम के आदेशों पर अब डिप्टी मेयर के वार्ड में विकास कार्यों की होगी जांच


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पानीपत। डिप्टी मेयर के वार्ड नंबर छह में निगम के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और गड़बड़झाले का एक और मामला सामने आया है। इसकी पोल स्वयं पूर्व मेयर सुरेश वर्मा ने खोलते हुए अधिकारियों और मौजूदा जनप्रतिनिधियों पर गड़बड़झाले के आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत उन्होंने सीएम को भी दी है। सीएम के आदेश पर इन विकास कार्यों की जांच के लिए जिला प्रशासन की ओर से अधिकारियों और इंजीनियरों की कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी को 16 जून तक जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी।
पूर्व मेयर का आरोप है कि डिप्टी मेयर रविंद्र फुले के वार्ड में करीब सवा करोड़ रुपये के ऐसे चार विकास कार्यों को भुगतान किया गया है, जिनका धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। इसके सभी सबूत उनके पास हैं। वहीं, डिप्टी मेयर का कहना है कि उनके वार्ड में सभी काम सही हुए हैं। वह इसके लिए मौका रिपोर्ट से लेकर हर सबूत दिखाने को तैयार हैं।
बता दें कि वार्ड नंबर छह के इन विकास कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत लेकर पूर्व मेयर, पूर्व पार्षद खुद सीएम हाउस तक पहुंचे थे, जिसके बाद सीएम की ओर से जिला उपायुक्त को इनकी जांच के आदेश 27 मई को जारी किए गए और एक माह में इनकी जांच रिपोर्ट मांगी गई। उपायुक्त ने नौ जून को अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। अब अधिकारियों को यह रिपोर्ट 16 जून तक देनी होगी।

पानीपत। डिप्टी मेयर के वार्ड नंबर छह में निगम के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और गड़बड़झाले का एक और मामला सामने आया है। इसकी पोल स्वयं पूर्व मेयर सुरेश वर्मा ने खोलते हुए अधिकारियों और मौजूदा जनप्रतिनिधियों पर गड़बड़झाले के आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत उन्होंने सीएम को भी दी है। सीएम के आदेश पर इन विकास कार्यों की जांच के लिए जिला प्रशासन की ओर से अधिकारियों और इंजीनियरों की कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी को 16 जून तक जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी।

पूर्व मेयर का आरोप है कि डिप्टी मेयर रविंद्र फुले के वार्ड में करीब सवा करोड़ रुपये के ऐसे चार विकास कार्यों को भुगतान किया गया है, जिनका धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। इसके सभी सबूत उनके पास हैं। वहीं, डिप्टी मेयर का कहना है कि उनके वार्ड में सभी काम सही हुए हैं। वह इसके लिए मौका रिपोर्ट से लेकर हर सबूत दिखाने को तैयार हैं।

बता दें कि वार्ड नंबर छह के इन विकास कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत लेकर पूर्व मेयर, पूर्व पार्षद खुद सीएम हाउस तक पहुंचे थे, जिसके बाद सीएम की ओर से जिला उपायुक्त को इनकी जांच के आदेश 27 मई को जारी किए गए और एक माह में इनकी जांच रिपोर्ट मांगी गई। उपायुक्त ने नौ जून को अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। अब अधिकारियों को यह रिपोर्ट 16 जून तक देनी होगी।

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