बारिश के अभाव में सूख रही सावनी की फसल।
सावन का महीना लगभग समाप्त होने को है और पैंतालिसा क्षेत्र के करीब 15 गांवों में बारिश के अभाव में खेतों में खड़ी सावनी की फसल खराब हो रही है। मौसम की बेरुखी के चलते गवार, बाजरा, मूंगफली, धान और बीटी नरमे की फसल मुरझा रही है खेत सूखते जा रहे हैं। जिसस
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करीब 15 गांव में नहीं हुई बारिश
राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले के चोपटा क्षेत्र में शक्कर मंदोरी, शाहपुरिया, तरकांवाली, माखोसरानी, दड़बा कला, रुपाणा, नहराना सहित करीब 15 गांवों में बारिश नहीं हुई है। बारिश के अभाव में फसलें सूखने के कगार पर हैं। इन गांवों में करीब 1500 हेक्टेयर में मूंगफली, 2500 हेक्टेयर में ग्वार, 400 हेक्टेयर में बाजरा, 1000 हेक्टेयर में धान और 3000 हेक्टेयर में बीटी नरमे की फसल पर सिंचाई का संकट गहराया हुआ है। गवार, बाजरा, धान और मूंगफली की फसल तो बारिश के अभाव में पूरी तरह से मुरझा गई है, जिससे उत्पादन नगण्य में हो गया है और नरमे की फसल में लीफ कर्ल और जड़ गलन रोग से का प्रकोप बढ़ने से फसल खराब हो रही है।
पशुओं को हो रही भारी परेशानी
किसान विकास कुमार, सतवीर सिंह, महेंद्र सिंह, सुल्तान सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कई दिनों से बारिश न होने के कारण सावनी की फसल खराब हो रही है। इनका कहना है कि सावन के महीने में तो हमेशा ही अच्छी बारिश की उम्मीद करते हैं, लेकिन लगभग पूरा सावन बीत गया गर्मी और उमस से फसलों के साथ-साथ लोगों और पशुओं को भी भारी परेशानी हो रही है। इनका कहना है कि फसल पर काफी खर्च हो चुका है और अब सूखा पड़ने से फसल जलने के कगार पर पहुंच गई है। जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। किसान बारिश की एक बूंद को तरस रहे हैं। इस संबंध में कृषि विकास अधिकारी डॉ. शैलेंद्र सहारण ने बताया कि इस बार चोपटा क्षेत्र में मूंगफली, गवार, बाजरा, धान नरमे की 62000 हेक्टेयर में बिजाई की गई थी। क्षेत्र के कई गांवों में बारिश ठीक-ठाक हुई है लेकिन 15 गांवों में अभी भी सूखे की चपेट में है।