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नेशनल हाईवे (एनएच-44), कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे व कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) पेरिफेरल-वे पर यातायात नियमों को तोड़ने वालों के चालान अब पुलिस कर्मी नहीं एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉनाइजेशन) सीसीटीवी से होंगे। एएनपीआर कैमरा तीन सौ किमी प्रति घंटे की स्पीड से आ रहे वाहनों का नंबर भी कंप्यूटर में रिकॉर्ड कर लेगा।
कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर चालक की ओर से किए गए यातायात उल्लंघन को रिकॉर्ड कर उसकी फोटो, उस दिन की तारीख व समय के साथ सीधे कंट्रोल रूम को भेज देंगे। यहां से चालान बनाकर चालक के पते पर भेजा जाएगा।
सड़कों पर हादसे रोकने को पुलिस-प्रशासन लगातार प्रयत्नशील है। जिले में सबसे ज्यादा हादसे एनएच-44 और केजीपी-केएमपी पर होते हैं। इन मार्ग की गुणवत्ता अच्छी है, ऐसे में वाहन तीव्र गति से चलते हैं। ज्यादातर हादसों का कारण वाहनों का निर्धारित से ज्यादा गति से चलना है।
जिले में हर महीने औसतन 20 लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है, जबकि 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। इसे लेकर एनएचएआई, यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और आई-रेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा) के पदाधिकारियों ने हादसों को कम करने पर बैठक की थी। इसमें वाहनों की गति को नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया था।
लगाए जा रहे हैं कैमरे
बैठक में निर्णय लिया गया कि वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए निगरानी की जाए। इसके साथ ही निर्धारित से ज्यादा गति से चलने वाले वाहनों के चालान भी काटे जाएं। इसके लिए एनएच-44, केजीपी और केएमपी पर स्पीडोमीटर वाले कैमरे लगाने का काम शुरू हुआ। कैमरा पुलिस, एनएचएआई और परिवहन विभाग लगवा रहा है।
तीनों मार्ग पर 40 से ज्यादा एएनपीआर कैमरे सोनीपत क्षेत्र में लगाए जा चुके हैं। इन कैमरों के ट्रायल का काम पूरा हो गया है। सीसीटीवी लगने के बाद नियम तोड़ने वाले चालकों की तेज गति, बाइक स्टंट, हिट एंड रन, चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं पर 24 घंटे नजर रहेगी। सड़कों पर रात के समय कई वाहन चालक वाहनों को तेज गति से दौड़ाते हैं। अब अधिक गति होने पर यह कैमरे से रिकॉर्ड हो जाएगा।
दिल्ली की निजी कंपनी करेगी नियंत्रण
सीसीटीवी का नियंत्रण दिल्ली की एक निजी कंपनी को दिया गया है। इसके लिए कंपनी अपना कंट्रोल रूम बहालगढ़ में बना रही है। किसी भी वाहन के क्षेत्र में प्रवेश करने पर जीपीएस के माध्यम से पहले वार्निंग मैसेज भेजा जाएगा। उसके साथ ही कैमरे वाहनों की गति की निगरानी करेंगे।
निर्धारित से ज्यादा गति होने, लेन तोड़कर दूसरी लेन में चलने और ओवरटेक लेन में वाहन चलाने का मैसेज कैमरों से कंट्रोल रूम में कंप्यूटर पर मिलेगा। इसके साथ ही संबंधित वाहनों की नंबर प्लेट के आधार पर उसका चालान कर दिया जाएगा। चालान का मैसेज संबंधित वाहन के पंजीकरण में दिए गए मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
एनएच-44 और केजीपी-केएमपी पर प्रवेश और निकासी प्वाइंट पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए जाएंगे। इनके साथ ही प्रत्येक तीन-चार किमी पर कैमरा लगा होगा। इन सभी कैमरों की निगरानी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी। कंट्रोल में 24 घंटे के दौरान 8-8 घंटे के शिफ्ट में दो कर्मचारियों को लगाया जाएगा। ये कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान ओवर स्पीड वाहनों की निगरानी कर ट्रैफिक पुलिस की मदद से उनके खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। -आनंद दहिया, उप महाप्रबंधक, एनएचएआई
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