डेस्कटॉप या लैपटॉप पर इंटरनेट चलाने के लिए गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, तो तुरंत अलर्ट हो जाइए। सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने क्रोम यूजर्स के लिए वॉर्निंग जारी की है। अपने लेटेस्ट नोट में सरकार की साइबर सिक्योरिटी टीम CERT-In ने गूगल क्रोम वेब ब्राउजर में पाए गए कई खतरों को हाइलाइट किया है। इन खतरों का फायदा उठा कर हैकर बड़े आराम से टारगेट किए गए सिस्टम में आर्बिट्रेरी कोड को एग्जिक्यूट कर सकते हैं। आर्बिट्रेरी कोड वे कोड होते हैं, जिनकी मदद से हैकर आपके सिस्टम में अपनी मर्जी के अनुसार कोई भी कमांड या कोड रन करा सकते हैं।
सिस्टम को कर सकते हैं शटडाउन
आर्बिट्रेरी कोड हैकर्स को आपके कंप्यूटर में मलीशियस यानी वायरस वाले सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने की भी आजादी देता है। साथ ही हैकर दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर आपने सिस्टम को पूरी तरह शटडाउन भी कर सकते हैं। CERT-In के अनुसार गूगल क्रोम स्टेबल चैनल के विंडोज और macOS के 127.0.6533.88/89 और इससे पहले वाले वर्जन और Linux के लिए गूगल क्रोम स्टेबल चैनल के 127.0.6533.88 और इससे पहले वाले वर्जन में इस खतरे को पाया गया है। इन वर्जन वाले क्रोम यूजर्स को हैकर आसानी से अटैक कर सकते हैं। इन खतरों के जरिए हैकर यूजर को खास तरह से तैयार किए रिक्वेस्ट भेज कर अपने जाल में फंसा सकते हैं।
CERT-In ने बताई दो बड़ी वजह
रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह गूगल क्रोम के डेटाबेस में Uninitialised use और Insufficient data validation in dawn है। Uninitialised use में कंप्यूटर गलत तरीके से काम करने लगता है। साथ ही यह बिना डिफाइन्ड वैल्यू किसी भी प्रोग्राम के वैरिएबल का यूज करने लगता है। वहीं, Dawn एक WebGPU इंप्लीमेंटेशन है, जिसे क्रोम ग्राफिक्स को रेंडर करने के लिए यूज करता है। डॉन में कम डेटा वैलिडेशन होने के कारण क्रोम प्रोसेस किए जाने वाले डेटा को सही से चेक नहीं कर पाता। इसका फायदा सीधे हैकर्स को मिलता है और वे टारगेटेड सिस्टम मे गलत कोड को रन करा देते हैं।
तुरंत अपडेट करें अपना क्रोम ब्राउजर
राहत की बात यह है कि गूगल ने विंडोज, मैक और Linus के लिए क्रोम के स्टेबल चैनल का अपडेट रिलीज कर दिया है। CERT-In ने यूजर्स को क्रोम ब्राउजर को लेटेस्ट वर्जन से अपडेट करने की सलाह दी है। क्रोम को अपडेट करने के लिए ब्राउजर मेन्यू में दिए गए Help ऑप्शन पर क्लिक करके About Google Chrome में जाएं। यहां ब्राउजर अपडेट को खुद चेक करके उसे इंस्टॉल कर देगा। इसरे अलावा आगे आने वाले ऐसे खतरों से खुद को सेफ रखने के लिए आप आप ऑटोमैटिक अपडेट्स को भी इनेबल कर सकते हैं।
सरकार की हाई रिस्क वॉर्निंग ने बढ़ाई टेंशन, इंटरनेट यूजर्स के ऊपर बड़ा खतरा, तुरंत हो जाएं अलर्ट