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सिरसा। स्थानीय अनाज मंडी में जगतगुरु संत शिरोमणि सद्गुरु श्री कबीर साहेब के 624वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सांसद सुनीता दुग्गल ने सद्गुरु कबीर साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि संत कबीर दास धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। उनकी शिक्षाएं समाज की धरोहर हैं और हम संत कबीर के सिद्धांतों के अनुरूप अंत्योदय को वचनबद्ध हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कमजोर वर्गों का सर्वांगीण विकास ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगा। अपने पूर्वजों, संतों, महात्माओं एवं महापुरुषों को याद करना किसी भी समाज एवं देश के लिए गौरव की बात है। इससे युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों के आदर्शों एवं शिक्षाओं की जानकारी मिलती है। इस मौके पर राज्य सभा सांसद डीपी वत्स, जिलाध्यक्ष भाजपा आदित्य देवीलाल, पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, श्री धानक धर्मशाला के प्रधान रतनलाल बामणिया, बसंत नागोकी, प्रदीप रातुसरिया, धवल कांडा, नक्षत्र सिंह, सांसद के सचिव पंकज दुग्गल, मुकेश मोहर, ओम प्रकाश गडवाल, विनोद नागर, राजू गडवाल मौजूद रहे।
कार्यक्रम में निशुल्क जांच शिविर लगाया गया
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया और जरूरतमंदों को दवाइयां भी वितरित की गईं। इसके अलावा समारोह स्थल पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने छबील भी लगाई।
महापुरुष किसी जाति धर्म से नहीं होते : राज्य सभा सांसद
राज्य सभा सांसद डीपी वत्स ने कहा कि जितने भी महापुरुष पैदा हुए हैं, उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि हम किसी धर्म या जाति से संबंध रखते हैं, उनका तो केवल एक ही ध्येय था मानव कल्याण। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने विभिन्न दोहों के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया। कद ऊंचा हो जाने से मनुष्य बड़ा नहीं हो जाता, अच्छे कर्म करने वाला व्यक्ति ही हमेशा बड़ा होता है।
सिरसा। स्थानीय अनाज मंडी में जगतगुरु संत शिरोमणि सद्गुरु श्री कबीर साहेब के 624वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सांसद सुनीता दुग्गल ने सद्गुरु कबीर साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि संत कबीर दास धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। उनकी शिक्षाएं समाज की धरोहर हैं और हम संत कबीर के सिद्धांतों के अनुरूप अंत्योदय को वचनबद्ध हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कमजोर वर्गों का सर्वांगीण विकास ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगा। अपने पूर्वजों, संतों, महात्माओं एवं महापुरुषों को याद करना किसी भी समाज एवं देश के लिए गौरव की बात है। इससे युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों के आदर्शों एवं शिक्षाओं की जानकारी मिलती है। इस मौके पर राज्य सभा सांसद डीपी वत्स, जिलाध्यक्ष भाजपा आदित्य देवीलाल, पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, श्री धानक धर्मशाला के प्रधान रतनलाल बामणिया, बसंत नागोकी, प्रदीप रातुसरिया, धवल कांडा, नक्षत्र सिंह, सांसद के सचिव पंकज दुग्गल, मुकेश मोहर, ओम प्रकाश गडवाल, विनोद नागर, राजू गडवाल मौजूद रहे।
कार्यक्रम में निशुल्क जांच शिविर लगाया गया
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया और जरूरतमंदों को दवाइयां भी वितरित की गईं। इसके अलावा समारोह स्थल पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने छबील भी लगाई।
महापुरुष किसी जाति धर्म से नहीं होते : राज्य सभा सांसद
राज्य सभा सांसद डीपी वत्स ने कहा कि जितने भी महापुरुष पैदा हुए हैं, उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि हम किसी धर्म या जाति से संबंध रखते हैं, उनका तो केवल एक ही ध्येय था मानव कल्याण। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने विभिन्न दोहों के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया। कद ऊंचा हो जाने से मनुष्य बड़ा नहीं हो जाता, अच्छे कर्म करने वाला व्यक्ति ही हमेशा बड़ा होता है।
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