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- Sri Lankan President ‘Don’t Want To Be Sandwiched, Especially Between China And India’: Sri Lankan New President Anura Kumara Dissanayake
कोलंबो4 घंटे पहले
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अनुरा दिसानायके श्रीलंका के 10वें राष्ट्रपति बने हैं उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की जगह ली।
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा है कि वे भारत और चीन के बीच सैंडविच बनकर नहीं रहना चाहते हैं। मोनोकल मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में अनुरा ने कहा कि श्रीलंका दुनिया में चल रही दबदबे की लड़ाई में नहीं फंसना चाहता है।
उन्होंने कहा, “हम न तो दबदबे की होड़ में शामिल लेंगे और न ही होड़ में शामिल किसी देश का साथ देंगे। दोनों देश (भारत-चीन) हमारे अच्छे दोस्त हैं, मुझे उम्मीद है भविष्य में हमारी साझेदारी अच्छी होगी।”
दिसानायके ने कहा कि वे यूरोपियन यूनियन (EU) मिडिल ईस्ट और अफ्रीका से भी अच्छे रिश्ते रखेंगे। श्रीलंका की विदेश नीति निष्पक्ष होगी। दरअसल, राजपक्षे ब्रदर्स की सत्ता में श्रीलंका चीन के कर्ज के जाल में फंस गया था। 2022 में आर्थिक मंदी के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने भारत से संबंध सुधारे थे।
दिसानायके वामपंथी विचारधारा के हैं। इसके अलावा वे भारत के आलोचक भी रह चुके हैं। ऐसे में श्रीलंका में दिसानायके के जीतने पर आशंकाएं जताई जा रही थी कि वे वैश्विक मुद्दों पर भारत की बजाय चीन का समर्थन करेंगे। हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति बनने के पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया कि उनकी विदेश नीति किसी एक देश को समर्थन वाली नहीं होगी।
शपथ ग्रहण के बाद एक बौद्ध मंदिर में दर्शन करने पहुंचे नए राष्ट्रपति अनुरा। (फोटो- AFP)
श्रीलंका बैंकरप्ट हो चुका देश दिसानायके ने कल ही राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। श्रीलंका में 2022 में आए आर्थिक संकट के बाद हुए चुनाव में उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी सजिथ प्रेमादासा से 10 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए। जबकि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति तीसरे स्थान पर रहे।
दिसानायके ने कहा, “श्रीलंका बैंकरप्ट हो चुका देश है। हम पर 28 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। मेरी प्राथमिकता देश के आर्थिक संकट को दूर करना है।” श्रीलंका के नए राष्ट्रपति को भारत और चीन के अलावा पाकिस्तान और मालदीव से भी बधाई मिली है।
23 अप्रैल 2024 को अनुरा ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इंटरनेशनल पार्टी की वाइस-मिनिस्टर सन हैयान से मुलाकात की।
विद्रोह से सत्ता तक: 5 साल पहले पार्टी रिलॉन्च की और राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे अनुरा उत्तर मध्य प्रांत के थंबुत्तेगामा से आने वाले अनुरा ने कोलंबो की केलानिया यूनिवर्सिटी से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। वे 1987 में जेवीपी में शामिल हुए, जब भारत-विरोधी विद्रोह चरम पर था। पार्टी ने दो खूनी विद्रोहों का नेतृत्व किया था।
2014 में अनुरा पार्टी के प्रमुख बने। 2019 में जेवीपी का नाम एनपीपी हो गया। अनुरा फरवरी 2024 भारत सरकार के न्योते पर नई दिल्ली आए। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की।
मीटिंग में अनुरा ने द्विपक्षीय संबंधों और इन्हें मजबूत करने पर चर्चा की। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत हमेशा श्रीलंका का एक विश्वसनीय मित्र और भरोसेमंद साझेदार रहेगा।
भारत से लौटने के बाद अनुरा ने जोर देकर कहा था कि ‘भारत के साथ हुई हाई-लेवल मीटिंग्स से यह मतलब न निकाला जाए कि हमारी पार्टी की ‘पॉलिटिकल और इकोनॉमिकल पॉलिसी’ में कोई बदलाव आया है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में हम भारत से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। हम देश में बदलाव लाने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में हमें इंटरनेशनल सपोर्ट की जरूरत है। हम एक अलग-थलग देश के तौर पर नहीं रह सकते, हमें इंटरनेशनल रिलेशंस को मजबूत करने की जरूरत है।’
5 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में अनुरा दिसानायके ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी।
देश छोड़कर जा रहे विक्रमसिंघे और राजपक्षे की पार्टियों के नेता श्रीलंका में चुनावी नतीजे आने के साथ ही राजपक्षे और विक्रमसिंघे की पार्टी के कई राजनेता और बौद्ध भिक्षु कोलंबो एयरपोर्ट से देश छोड़कर चले गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व मंत्री सुसंथा पंचिनिलामे शनिवार को चेन्नई चले गए।
वहीं, यूनाइटेड नेशनल पार्टी के महासचिव पालिथा बंडारा शनिवार रात थाईलैंड के लिए रवाना हुए। रविवार को इत्तेकंडे सद्दातिसा हॉन्गकॉन्ग के लिए रवाना हुए। इससे पहले, महिदा राजपक्षे के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे शुक्रवार को ही चले गए थे।
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अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के नए राष्ट्रपति हैं। 23 सितंबर को शपथ ग्रहण के साथ ही देश को पहला कम्युनिस्ट राष्ट्रपति मिला। दिहाड़ी मजदूर के बेटे अनुरा ने दशकों से श्रीलंका की सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार का सफाया कर दिया।
कभी हथियारबंद आंदोलन में शामिल रहे अनुरा की पार्टी का स्टैंड इतिहास में भारत विरोधी रहा है। चीन की ओर झुकाव के बावजूद दिसानायके ने भारत के साथ जुड़ने और दोस्ताना रिश्ते बनाए रखने की इच्छा जाहिर की है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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