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शेख हसीना ने जिसे सेनाध्यक्ष बनाया, क्या उसने दिया धोखा:भारत ने 12 महीने पहले किया था अलर्ट; बांग्लादेश में अब सेना की क्या भूमिका होगी Today World News

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के एक घंटे बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

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5 अगस्त 2024 की दोपहर करीब 2:45 बजे। बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने सेना के हेलिकॉप्टर से देश छोड़ दिया। ठीक एक घंटे बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने बताया कि ‘हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। अब देश हम संभालेंगे।’ मौजूदा सेना प्रमुख की नि

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बांग्लादेश में आगे क्या होगा, इसमें सेना की भूमिका सबसे बड़ी है। वो शेख हसीना की वापसी का रास्ता बनाएंगे, खुद सत्ता चलाएंगे या चुनाव कराकर नई सरकार बनवाएंगे। हालांकि, बांग्लादेश के इतिहास में सेना का दामन बहुत साफ नहीं है।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के एक घंटे बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के एक घंटे बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि कैसी है बांग्लादेश की सेना। उसने कब-कब सत्ता हासिल करने की कोशिश की और मौजूदा सिनेरियो में सेना क्या करेगी…

1971 में पाकिस्तान विभाजन के बाद बांग्लादेश बना। आजादी की लड़ाई लड़ने वाली मुक्ति बाहिनी ही बांग्लादेश आर्मी बनी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देखें, तो बांग्लादेश बनने के बाद से अगले 15 सालों तक सेना का देश की राजनीति में हस्तक्षेप रहा। सेना ने 3 बार तख्तापलट किया…

पहला तख्तापलटः बांग्लाबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या

  • बांग्लादेश की आाजादी के बाद जैसे-जैसे साल बीतते गए, बांग्लादेशी सेना के बीच ही मतभेद बढ़ता गया और यह 1975 में तख्तापलट की स्थिति में बदल गया। दरअसल मुक्ति बाहिनी में जो बंगाली सैनिक शामिल नहीं हुए थे। उनके साथ भेदभाव होना शुरू हो गया।
  • इन्हीं सैनिकों ने 15 अगस्त 1975 को बांग्लाबंधु मुजीब उर रहमान समेत परिवार के 17 लोगों की हत्या कर दी। विदेश में होने की वजह उनकी बेटी शेख हसीना बच गई।
  • इसी घटना के साथ बांग्लादेश में मेजर सईद फारुख रहमान, मेजर खांडकर अब्दुल राशिद और राजनेता मुश्ताक अहमद की अगुआई में पहला तख्तापलट हुआ। सेना की सहमति से मुश्ताक अहमद को राष्ट्रपति बनाया गया। जनरल जियाउर रहमान को 24 अगस्त 1975 को सेना प्रमुख बनाया गया। नवंबर में जनरल जियाउर रहमान ने सत्ता पर कब्जा किया।

दूसरा तख्तापलटः राष्ट्रपति के सीने पर बंदूक रखकर कहा- इस्तीफा लिखो

  • 24 मार्च 1982 को सेनाध्यक्ष जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद के वफादार सैनिकों ने राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार के सीने पर बंदूक रखी और कहा इस्तीफा लिख दो। राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं तुम्हें आदेश देता हूं कि यहां से तुरंत चले जाओ।’ जब सैनिक जाने की बजाय डटे रहे तो सत्तार समझ गए कि इस्तीफा देना ठीक रहेगा।
  • तख्तापलट के तीन दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अबुल फजल मुहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी को इरशाद ने राष्ट्रपति नियुक्त किया। इरशाद ने ऐलान किया कि BNP की भ्रष्ट सरकार को हटाने के लिए उन्होंने तख्तापलट किया था। इसके बाद बांग्लादेश की संसद को भंग कर सभी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • देश का हितैषी दिखाने के लिए इरशाद ने पहले प्रशासक की तरह सत्ता को ऑपरेट किया और 1983 में राष्ट्रपति बन गया। दरअसल सेना प्रमुख इरशाद ने राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार से कहा कि सरकार में सेना की भी भागीदारी होना चाहिए। राष्ट्रपति ने इससे इनकार दिया। इसके बाद इरशाद ने विद्रोह कर दिया।

तीसरा तख्तापलटः केयर टेकर सरकार को सत्ता से हटाया

  • सेना प्रमुख जनरल मोईन यू. अहमद ने 11 जनवरी 2007 को सैन्य तख्तापलट किया। केयर टेकर सरकार को संविधान संशोधन करके सत्ता से हटा दिया। इसके बाद फखरुद्दीन अहमद को सरकार का मुखिया बनाया गया।
  • राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद को सैन्य शासन के दौरान बंदूक की नोक पर राष्ट्रपति पद चलाना पड़ा। सैन्य सरकार ने 29 दिसंबर 2008 में संसदीय चुनाव कराए। इसके बाद शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को 230 सीटें मिलीं। इस तरह 2008 में सेना का शासन खत्म हुआ।

शेख हसीना के करीबी हैं बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वकार

बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान पिछले 39 साल से बांग्लादेश की सेना में हैं। बांग्लादेश सैन्य अकादमी में 13वें बीएमए लॉन्ग कोर्स से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडी में MA की डिग्री ली है।

नवंबर 2020 में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में प्रमोशन किया गया था। वे इन्फेट्री ब्रिगेड, स्कूल ऑफ इन्फैंट्री एंड टैक्टिक्स और आर्मी हेडक्वार्टर्स की कमान संभाल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी वकार ने काम किया है।

सेना प्रमुख का पदभार संभालने से पहले वह करीब 6 महीने सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रहे। 23 जून 2024 को वे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी बांग्लादेश के सेना प्रमुख बने।

वकार, शेख हसीना के काफी क्लोज रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश सेना प्रमुख की पत्नी बेगम साराहनाज कामालिका रहमान शेख हसीना के चाचा मुस्तफिजुर रहमान की बेटी हैं। मुस्तफिजुर रहमान 1997 से 2000 तक सेना की बागडोर संभाल चुके हैं। इस दौरान शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भी थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार के अधिकारियों ने पिछले साल जून में ही बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जनरल वकर-उज-जमान को सेना प्रमुख बनाने से जुड़े संभावित खतरों की चेतावनी दी थी। इन चेतावनी को दरकिनार करके शेख हसीना ने जनरल वकर-उज-जमान को सेना प्रमुख बनाया। कहा जा रहा है कि शेख हसीना को उनके पद से हटाने में चीन की ओर झुकाव रखने वाले जनरल वकर-उज-जमान की अहम भूमिका है।

बांग्लादेश की सेना आगे क्या कर सकती है, इसके 3 सिनेरियो बन रहे हैं…

1. बांग्लादेश की सेना सत्ता संभाले

  • 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा, ‘हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।’
  • छात्रों को इंसाफ दिलाने के बहाने सेना खुद सत्ता संभाल सकती है और तमाम अव्यवस्था का हवाला देकर चुनाव टाल सकती है। हालांकि अभी बांग्लादेश की जनता गुस्से में है। ऐसे में आर्मी लंबे वक्त तक सत्ता में रहेगी, इसकी संभावना कम है।

2. सेना मामला ठंडा होने के बाद शेख हसीना की वापसी का रास्ता तैयार करे

  • एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बांग्लादेश में सेना फिलहाल राजनातिक सत्ता को अपने हाथ में नहीं लेना चाहती।
  • सेना कुछ दिनों तक कमान अपने हाथ में रखे, जब तक जनता का गुस्सा शांत नहीं हो जाता। इसके बाद श्रीलंका मॉडल पर वो शेख हसीना की वापसी करवा ले।
  • इसके संकेत इस बात से मिलते हैं कि हसीना सेना के हेलिकॉप्टर से भागी हैं। सेना प्रमुख ने ही इस्तीफे की घोषणा की है। सेना प्रमुख उनके करीबी हैं और उन्होंने अब तक साफ तौर पर चुनाव कराने की बात नहीं कही है।

3. सेना केयर टेकर सरकार बनाकर 3 महीने में चुनाव कराए

  • बांग्लादेश में सेना प्रमुख जनरल वकार ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि देश में एक अंतरिम सरकार की स्थापना होगी। इसके लिए उन्होंने अलग अलग पक्षों से बात भी की है।
  • ये केयर टेकर सरकार हालात सामान्य होने के बाद 90 दिनों में चुनाव करा सकती है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद सहाबुद्दीन ने सोमवार को बैठक के बाद बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया को जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं। यानी अगर चुनाव हुए तो खालिदा जिया कि पार्टी बीएनपी इसमें शामिल होगी।
  • चुनाव में बीएनपी को शेख हसीना के खिलाफ जनता के गुस्से का फायदा मिल सकता है। ऐसे में बदलाव के तौर पर जनता बीएनपी को सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। इस सिनैरियो में खालिदा जिया या उनके बेटे पीएम बन सकते हैं।

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शेख हसीना ने जिसे सेनाध्यक्ष बनाया, क्या उसने दिया धोखा:भारत ने 12 महीने पहले किया था अलर्ट; बांग्लादेश में अब सेना की क्या भूमिका होगी

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