पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्वाचन आयोग (ईसी) की मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति ने शिअद के पोस्टर को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि इससे अनावश्यक अशांति पैदा होगी।
चीमा ने बताया कि पोस्टर में संगरूर उपचुनाव के लिए शिअद उम्मीदवार कमलदीप कौर ने सभी ‘बंदी वीरों’’ (सिख कैदियों) को रिहा किए जाने की अपील की है।
कौर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा की बहन है।
चीमा ने कहा, ‘‘एक बहन ने अपने भाई राजोआणा सहित बंदियों की रिहाई के लिए पंजाब के लोगों से मदद मांगी है। यह उनका अधिकार है। यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत भी आता है।’’
उन्होंने दावा किया कि पंजाब के सीईओ ने इन पोस्टर को अनुमति नहीं देने का निर्णय लेकर ‘‘त्रुटि’’ की है और इन पोस्टर के कारण राज्य में शांति भंग होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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