विश्व रक्तदान दिवस : 50 ने रक्तदान कर दी निभाई जिम्मेदारी


भिवानी। विश्व रक्तदान दिवस पर अमर उजाला फाउंडेशन और उड़ान वेलफेयर सोसायटी की ओर से बाबा खूबीनाथ स्कूल मिताथल में रक्तदान शिविर लगाया गया। शिविर में 50 युवाओं ने रक्तदान कर विश्व रक्तदान दिवस के पथ पर अपना योगदान दिया। युवाओं, महिलाओं और बेटियों में विशेष उत्साह रहा। रक्तदान शिविर के बाद भी काफी युवा पहुंचे और रक्तदान नहीं कर पाने के कारण निराश दिखे।
मंगलवार को बाबा खूबीनाथ स्कूल मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि गुरु द्रोणाचार्य व अर्जुन अवार्डी कैप्टन अशन कुमार सांगवान व विशिष्ट अतिथि ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. मोनिका सांगवान ने किया। उन्होंने रक्तदाताओं की हौसला बढ़ाया शिविर में रक्तदाताओं का उत्साह देखते ही बनता था। शिविर में 50 युवाओं ने रक्तदान किया। रक्तदान के प्रति जोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लड बैंक की टीम ने 50 यूनिट लेते ही रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया। जिसके बाद काफी युवा टीम के साथ बहस करने लगे और रक्त लिए जाने की मांग करने लगे। बाद में उन्हें बताया गया कि वे ब्लड किट 50 ही लेकर आए है। शिविर में उड़ान वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजक मा. पवन कुमार की पुत्री इंदू ने प्रथम बार रक्तदान किया। महिलाओं में बिमला, युवती निधि, निशु, पूनम रेढू सिवाच ने भी रक्तदान किया,
इस दौरान मास्टर सतबीर सिंह रतेरा, चतर सिंह पहलवान, कोच साधुराम सिवाच, प्राचार्य नीर कुमार, मा. सुभाष सिवाच, धर्मवीर सिंह दहिया रिटायर्ड बैंक मैनेजर, मनोरंजन शर्मा रेडक्रास सचिव भिवानी, जयभवान शर्मा, संजय कामरा, एसडीओ नरेंद्र कुमार, प्रधान अशोक सिवाच, रोहित यादव डीवाईओ नेहरू युवा केंद्र भिवानी, मा. तेजराम शर्मा, कुलदीप फौगाट, प्रोफेसर राजेश कुमार अध्यक्ष सम्मान एक प्रयास समिति, रक्तवीर राजेश डुडेजा ने सभी रक्तदाताओ को बैज लगाएं, स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर मा. अनूप सिवाच, सुखबीर गोताखोर, प्रधान महाबीर उर्फ पोलू, डॉ. विनोद सिवाच, मा. राजेश चौहान, सुरेंद्र चौहान, नरेश उर्फ नेशी सिवाच, जयंत शर्मा, फौजी रामनिवास शर्मा, डॉ. हरिओम सांगवान, ओमबीर कोच, अजमेर सिवाच, महेंद्र सिवाच, मंगल वैद्य, अनुराज उर्फ राजा डाक्टर, अशोक बुरा, समुन्द्र दास दिल्ली पुलिस , प्रधान मोनू चौधरी, गब्दू पहलवान, कप्तान कोच , माॎ अजय , पुष्पंत शास्त्री, धर्मबीर हुड्डा, मा. प्रकाश, मा. नवीन , मा. सतबीर , राजेश क्लर्क, ओमबीर हुड्डा, मनोज बेलदार , विकास, संदीप बडेसरा, जितेन्द्र सिवाच आदि उपस्थित रहे।
ये बोली पहली बार रक्तदान कर नारी शक्ति
पहली बार रक्तदान किया है। गांव में अमर उजाला की ओर से रक्तदान शिविर की जानकारी मिली तो रक्तदान करने पहुंच गई। रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा महसूस हो रहा है। आगे भी नियमित रूप से रक्तदान करती रहूंगी।
-नीतू कुमारी, बीए तृतीय की छात्रा।
पहली बार रक्तदान किया है। पीजीआई में मरीजों को रक्त के लिए काफी परेशान होते देखा है, इसलिए गांव में कैंप लगा तो मैंने भी इसमें रक्तदान कर अपना योगदान दिया है। रक्तदान के बाद काफी अच्छा अनुभव हुआ है। दूसरों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करूंगी।
– पूनम रेढू, सहायक प्रोफेसर एमडीयू रोहतक।
एमएससी प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे पहली बार रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा महसूस हुआ है। रक्तदान करने से कोई कमजोरी या फिर दिक्कत नहीं होती, इसका डर भी निकल गया है। मैं हमेशा रक्तदान करने में नियमित रूप से अपना योगदान देती रहूंगी।
-निधि कुमारी, मिताथल वासी।
गृहणी हूं, मैंने पहले कभी रक्तदान नहीं किया था। आज पहली बार रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा अनुभव हुआ है। इस बात की खुशी है कि मेरे साथ बहनों व बेटियों ने भी बढ़चढ़कर रक्तदान में अहम योगदान दिया है। हमारे रक्त किसी जरूरतमंद के ही काम आएगा।
-बिमला, गृहणी, मिताथल वासी।
पहली बार रक्तदान का सुखद अनुभव किया है। आगे से भी रक्तवीरों की टीम के साथ जुड़कर जरूरतमंदों के लिए हमेशा रक्तदान करता रहूंगा। मुझे रक्तदान से कोई कमजोरी या फिर दिक्कत नहीं हुई है।
-प्रेम, मिताथल वासी।
नौंवी बार रक्तदान किया है। पिछले कुछ सालों से नियमित रक्तदान करता आ रहा हूं। जिससे बिलकुल स्वस्थ भी रहता हूं। हमें नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। ऐसा करने से दूसरों को जीवनदान मिलेगा और खून भी साफ होगा।
-सतीश कुमार, मिताथलवासी।
12वीं बार रक्तदान किया है। एक शिक्षक होने के नाते भी रक्तदान के लिए हमेशा दूसरों को प्रेरित करता रहता हूं। सबको रक्तदान रूपी महायज्ञ में अपनी आहुति डालनी चाहिए। ये न केवल मानवता की सेवा का बेहतर तरीका है, बल्कि खुद को स्वस्थ रखने का भी बेहतर विकल्प है।
-मास्टर सतबीर मिताथल वासी
आठवीं बार रक्तदान किया है। मेरे गांव में रक्तदाताओं की बहुत बड़ी फौज हैं, जिसमें मैं भी एक सिपाही हूं। युवा हमेशा रक्तदान कर जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर हैं। युवाओं को नशाखोरी से बचाने और जनसेवा से जोड़ने का एक बहुत ही अच्छा मंच भी मिला है।
-विजय कुमार, मिताथलवासी।
अमर उजाला की सराहनीय पहल है। जिसमें तीसरी बार रक्तदान किया है। गांव के युवाओं में भी रक्तदान के प्रति जोश देख अच्छा लगा। इसमें महिलाएं भी रक्तदान के लिए आगे आई हैं, यह नारी शक्ति के लिए प्रेरणादायी है।
-पुष्पंत, मिताथलवासी।
जरूरतमंदों और सड़क हादसों में गंभीर घायलों के लिए रक्त की एक-एक बूंद उनके लिए जीवनदायी होती है। पांचवीं बार रक्तदान कर रहा हूं। मेरे इस योगदान से किसी जरूरतमंद की जान बच जाएगी। वहीं बीमारियों से भी बचाव होगा।
-मोनू पंघाल, तालू वासी

अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर रक्तदान करतीं महिलाएं।

अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर रक्तदान करतीं महिलाएं।– फोटो : Bhiwani

अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं को बैज लगातें अत?– फोटो : Bhiwani

भिवानी। विश्व रक्तदान दिवस पर अमर उजाला फाउंडेशन और उड़ान वेलफेयर सोसायटी की ओर से बाबा खूबीनाथ स्कूल मिताथल में रक्तदान शिविर लगाया गया। शिविर में 50 युवाओं ने रक्तदान कर विश्व रक्तदान दिवस के पथ पर अपना योगदान दिया। युवाओं, महिलाओं और बेटियों में विशेष उत्साह रहा। रक्तदान शिविर के बाद भी काफी युवा पहुंचे और रक्तदान नहीं कर पाने के कारण निराश दिखे।

मंगलवार को बाबा खूबीनाथ स्कूल मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि गुरु द्रोणाचार्य व अर्जुन अवार्डी कैप्टन अशन कुमार सांगवान व विशिष्ट अतिथि ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. मोनिका सांगवान ने किया। उन्होंने रक्तदाताओं की हौसला बढ़ाया शिविर में रक्तदाताओं का उत्साह देखते ही बनता था। शिविर में 50 युवाओं ने रक्तदान किया। रक्तदान के प्रति जोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लड बैंक की टीम ने 50 यूनिट लेते ही रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया। जिसके बाद काफी युवा टीम के साथ बहस करने लगे और रक्त लिए जाने की मांग करने लगे। बाद में उन्हें बताया गया कि वे ब्लड किट 50 ही लेकर आए है। शिविर में उड़ान वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजक मा. पवन कुमार की पुत्री इंदू ने प्रथम बार रक्तदान किया। महिलाओं में बिमला, युवती निधि, निशु, पूनम रेढू सिवाच ने भी रक्तदान किया,

इस दौरान मास्टर सतबीर सिंह रतेरा, चतर सिंह पहलवान, कोच साधुराम सिवाच, प्राचार्य नीर कुमार, मा. सुभाष सिवाच, धर्मवीर सिंह दहिया रिटायर्ड बैंक मैनेजर, मनोरंजन शर्मा रेडक्रास सचिव भिवानी, जयभवान शर्मा, संजय कामरा, एसडीओ नरेंद्र कुमार, प्रधान अशोक सिवाच, रोहित यादव डीवाईओ नेहरू युवा केंद्र भिवानी, मा. तेजराम शर्मा, कुलदीप फौगाट, प्रोफेसर राजेश कुमार अध्यक्ष सम्मान एक प्रयास समिति, रक्तवीर राजेश डुडेजा ने सभी रक्तदाताओ को बैज लगाएं, स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर मा. अनूप सिवाच, सुखबीर गोताखोर, प्रधान महाबीर उर्फ पोलू, डॉ. विनोद सिवाच, मा. राजेश चौहान, सुरेंद्र चौहान, नरेश उर्फ नेशी सिवाच, जयंत शर्मा, फौजी रामनिवास शर्मा, डॉ. हरिओम सांगवान, ओमबीर कोच, अजमेर सिवाच, महेंद्र सिवाच, मंगल वैद्य, अनुराज उर्फ राजा डाक्टर, अशोक बुरा, समुन्द्र दास दिल्ली पुलिस , प्रधान मोनू चौधरी, गब्दू पहलवान, कप्तान कोच , माॎ अजय , पुष्पंत शास्त्री, धर्मबीर हुड्डा, मा. प्रकाश, मा. नवीन , मा. सतबीर , राजेश क्लर्क, ओमबीर हुड्डा, मनोज बेलदार , विकास, संदीप बडेसरा, जितेन्द्र सिवाच आदि उपस्थित रहे।

ये बोली पहली बार रक्तदान कर नारी शक्ति

पहली बार रक्तदान किया है। गांव में अमर उजाला की ओर से रक्तदान शिविर की जानकारी मिली तो रक्तदान करने पहुंच गई। रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा महसूस हो रहा है। आगे भी नियमित रूप से रक्तदान करती रहूंगी।

-नीतू कुमारी, बीए तृतीय की छात्रा।

पहली बार रक्तदान किया है। पीजीआई में मरीजों को रक्त के लिए काफी परेशान होते देखा है, इसलिए गांव में कैंप लगा तो मैंने भी इसमें रक्तदान कर अपना योगदान दिया है। रक्तदान के बाद काफी अच्छा अनुभव हुआ है। दूसरों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करूंगी।

– पूनम रेढू, सहायक प्रोफेसर एमडीयू रोहतक।

एमएससी प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे पहली बार रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा महसूस हुआ है। रक्तदान करने से कोई कमजोरी या फिर दिक्कत नहीं होती, इसका डर भी निकल गया है। मैं हमेशा रक्तदान करने में नियमित रूप से अपना योगदान देती रहूंगी।

-निधि कुमारी, मिताथल वासी।

गृहणी हूं, मैंने पहले कभी रक्तदान नहीं किया था। आज पहली बार रक्तदान करने के बाद काफी अच्छा अनुभव हुआ है। इस बात की खुशी है कि मेरे साथ बहनों व बेटियों ने भी बढ़चढ़कर रक्तदान में अहम योगदान दिया है। हमारे रक्त किसी जरूरतमंद के ही काम आएगा।

-बिमला, गृहणी, मिताथल वासी।

पहली बार रक्तदान का सुखद अनुभव किया है। आगे से भी रक्तवीरों की टीम के साथ जुड़कर जरूरतमंदों के लिए हमेशा रक्तदान करता रहूंगा। मुझे रक्तदान से कोई कमजोरी या फिर दिक्कत नहीं हुई है।

-प्रेम, मिताथल वासी।

नौंवी बार रक्तदान किया है। पिछले कुछ सालों से नियमित रक्तदान करता आ रहा हूं। जिससे बिलकुल स्वस्थ भी रहता हूं। हमें नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। ऐसा करने से दूसरों को जीवनदान मिलेगा और खून भी साफ होगा।

-सतीश कुमार, मिताथलवासी।

12वीं बार रक्तदान किया है। एक शिक्षक होने के नाते भी रक्तदान के लिए हमेशा दूसरों को प्रेरित करता रहता हूं। सबको रक्तदान रूपी महायज्ञ में अपनी आहुति डालनी चाहिए। ये न केवल मानवता की सेवा का बेहतर तरीका है, बल्कि खुद को स्वस्थ रखने का भी बेहतर विकल्प है।

-मास्टर सतबीर मिताथल वासी

आठवीं बार रक्तदान किया है। मेरे गांव में रक्तदाताओं की बहुत बड़ी फौज हैं, जिसमें मैं भी एक सिपाही हूं। युवा हमेशा रक्तदान कर जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर हैं। युवाओं को नशाखोरी से बचाने और जनसेवा से जोड़ने का एक बहुत ही अच्छा मंच भी मिला है।

-विजय कुमार, मिताथलवासी।

अमर उजाला की सराहनीय पहल है। जिसमें तीसरी बार रक्तदान किया है। गांव के युवाओं में भी रक्तदान के प्रति जोश देख अच्छा लगा। इसमें महिलाएं भी रक्तदान के लिए आगे आई हैं, यह नारी शक्ति के लिए प्रेरणादायी है।

-पुष्पंत, मिताथलवासी।

जरूरतमंदों और सड़क हादसों में गंभीर घायलों के लिए रक्त की एक-एक बूंद उनके लिए जीवनदायी होती है। पांचवीं बार रक्तदान कर रहा हूं। मेरे इस योगदान से किसी जरूरतमंद की जान बच जाएगी। वहीं बीमारियों से भी बचाव होगा।

-मोनू पंघाल, तालू वासी

अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर रक्तदान करतीं महिलाएं।

अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर रक्तदान करतीं महिलाएं।– फोटो : Bhiwani

अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं को बैज लगातें अत?

अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से गांव मिताथल में आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं को बैज लगातें अत?– फोटो : Bhiwani

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