in

विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS कोर्ट 13 अगस्त को फैसला सुनाएगा; 100 ग्राम ओवरवेट की वजह से अयोग्य घोषित हुई थीं Today Sports News

विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS कोर्ट 13 अगस्त को फैसला सुनाएगा; 100 ग्राम ओवरवेट की वजह से अयोग्य घोषित हुई थीं Today Sports News

[ad_1]

स्पोर्ट्स डेस्क5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

विनेश फोगाट ने रेसलिंग फाइनल से डिसक्वालिफाई होने के बाद संन्यास ले लिया।

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला अब 13 अगस्त को आएगा। यह जानकारी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने दी है।

पहले कहा जा रहा था कि CAS भारतीय समयानुसार 9:30 बजे अपना फैसला सुनाएगा, लेकिन कोर्ट ने इसकी समय सीमा बढ़ा दी है। शुरुआती जानकारी में 11 अगस्त को फैसला सुनाने की बात सामने आई थी, लेकिन इसे अब फिर 13 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है।

9 अगस्त को CAS ने 3 घंटे तक इस मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान विनेश भी वर्चुअली मौजूद रहीं। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा।

फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जबकि शुरुआती दौर से पहले किए गए वजन में विनेश 50 kg वेट कैटेगरी की तय सीमा से कम थीं। ऐसे में विनेश ने जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की है।

इस मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने कहा, ‘हम विनेश के केस में प्रक्रियाएं तेजी से कर रहे हैं, लेकिन उनकी अपील पर एक घंटे में फैसला देना संभव नहीं है। इस मामले में पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुना जाना जरूरी है। फैसला डॉक्टर एनाबेल बेनेट को करना है।’

विनेश ने सेमीफाइनल में क्यूबा की गुजमेन लोपेज को हराकर फाइनल में जगह बनाई।

विनेश ने सेमीफाइनल में क्यूबा की गुजमेन लोपेज को हराकर फाइनल में जगह बनाई।

थॉमस बाक ने कहा था- हम कोर्ट का निर्णय मानेंगे
विनेश के मामले में इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने ‘क्या एक भार वर्ग में दो सिल्वर दिए जा सकते हैं?’ इस सवाल पर कहा- ‘नहीं, यदि आप सामान्य रूप से एक वर्ग में दो सिल्वर मेडल दिए जाने के बारे में पूछ रहे हैं।

मुझे लगता है कि इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम CAS के निर्णय का पालन करेंगे। फिर भी फेडरेशन को अपने नियमों को लागू करना है। यह उनकी जिम्मेदारी है।’

2 दिन पहले विनेश ने लिया संन्यास
​​​​​पेरिस ओलिंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

100 ग्राम ने विनेश को गोल्ड नहीं दिलवाया
6 अगस्त को विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक की महिला रेसलिंग के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। रेसलिंग नियम के मुताबिक मैच की सुबह रेसलर का वजन मापा जाता है। विनेश का जब वजन मापा गया, तब वे अपनी कैटेगरी यानी 50 किग्रा से 100 ग्राम ज्यादा थीं, जिसके बाद उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया था।

ओलिंपिक खेलों के विवाद की CAS करता है सुनवाई
ओलिंपिक खेलों के दौरान किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां CAS विभाग होता है। सेमीफाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज ने फाइनल में उनकी जगह ली थी। CAS में पहले शुक्रवार को सुनवाई हुई।

क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों को खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई हुई।

हरीश साल्वे से जुड़ी खास बातें…
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल साल्वे ने एडवोकेसी में अपने करियर की शुरुआत 1975 में अभिनेता दिलीप कुमार के केस से की थी। महाराष्ट्र में जन्मे साल्वे मुख्य रूप से नागपुर के रहने वाले हैं। 1992 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील का पद दिया था। इसके बाद 1999 में उन्हें सॉलिसिटर जनरल घोषित किया गया।

कुलभूषण जाधव केस में 1 रुपए ली थी फीस
साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में पहले एंटी-डंपिंग मामले की पैरवी की थी। साल 2015 में हिट और रन केस मामले में सलमान खान को कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में हरीश साल्वे ने सलमान खान का पक्ष रखा। जिसके बाद हिट-एंड-रन और ड्रंक-एंड-ड्राइव मामले के सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया। वहीं कुलभूषण जाधव के मामले में उन्होंने भारत सरकार से सिर्फ एक रुपए फीस ली थी। योग गुरु रामदेव मामले में दिल्ली पुलिस का पक्ष भी कोर्ट में रख चुके हैं।

ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश 3 मुकाबले जीतकर 50 kg रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS कोर्ट 13 अगस्त को फैसला सुनाएगा; 100 ग्राम ओवरवेट की वजह से अयोग्य घोषित हुई थीं

Karnal News: शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया शुरू करने की उठी मांग Latest Karnal News

Karnal News: कुल देवी गंगा को 114 वर्षों से ज्योत कर रहे समर्पित Latest Karnal News