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विनेश पर फैसला ओलिंपिक खत्म होने से पहले:CAS बोली- वर्ल्ड रेसलिंग को भी सुनेंगे; ओलिंपिक प्रेसिडेंट ने कहा- कोर्ट का फैसला मानेंगे Today Sports News

विनेश पर फैसला ओलिंपिक खत्म होने से पहले:CAS बोली- वर्ल्ड रेसलिंग को भी सुनेंगे; ओलिंपिक प्रेसिडेंट ने कहा- कोर्ट का फैसला मानेंगे Today Sports News


स्पोर्ट्स डेस्क7 घंटे पहले

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विनेश फोगाट की CAS केस सुनवाई में शीर्ष वकील हरीश साल्वे इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन को रिप्रजेंट करेंगे।

पेरिस ओलिंपिक में भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को ओलिंपिक खत्म होने तक टाल दिया गया हैं।

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने कहा, “हम विनेश के केस में प्रक्रियाएं तेजी से कर रहे हैं, लेकिन उनकी अपील पर एक घंटे में फैसला देना संभव नहीं है। इस मामले में पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुना जाना जरूरी है। फैसला डॉक्टर एनाबेल बेनेट को करना है, सभी पार्टियों के साथ आज मीटिंग करेंगे। उम्मीद है कि वे ओलिंपिक खत्म होने से पहले अपना फैसला सुना देंगे।”

सीनियर वकील हरीश साल्वे कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में विनेश फोगाट का पक्ष रखेंगे। कार्ट में विनेश ने ज्वॉइंट सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है। फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

विनेश ने सेमीफाइनल में क्यूबा की गुजमेन लोपेज को हराकर फाइनल में जगह बनाई।

विनेश ने सेमीफाइनल में क्यूबा की गुजमेन लोपेज को हराकर फाइनल में जगह बनाई।

थॉमस बाक का बयान- हम कोर्ट के निर्णय को मानेंगे
विनेश के मामले में इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने ‘क्या एक भार वर्ग में दो सिल्वर दिए जा सकते हैं?’ इस सवाल पर कहा- ‘नहीं, यदि आप सामान्य रूप से एक वर्ग में दो सिल्वर मेडल दिए जाने के बारे में पूछ रहे हैं।

मुझे लगता है कि इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम CAS के निर्णय का पालन करेंगे। फिर भी फेडरेशन को अपने नियमों को लागू करना है। यह उनकी जिम्मेदारी है।’

विनेश के मामले पर बात करते इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक।

विनेश के मामले पर बात करते इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक।

एक दिन पहले विनेश ने लिया संन्यास
​​​​​पेरिस ओलिंपिक फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

100 ग्राम ने विनेश को गोल्ड नहीं दिलवाया
6 अगस्त को विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक की महिला रेसलिंग के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। रेसलिंग नियम के मुताबिक रेसलर को मैच की सुबह वजन का मापन करना होता है। विनेश का जब वजन नापा गया तब वो अपने कैटेगरी यानी 50 किग्रा से 100 ग्राम ज्यादा थी, जिसके बाद उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया था।

ओलिंपिक खेलों के विवाद की CAS करता है सुनवाई
ओलिंपिक खेलों के दौरान किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां CAS विभाग होता है। सेमीफाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज ने फाइनल में उनकी जगह ली थी। CAS में पहले गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन भारतीय स्क्वॉड ने सुनवाई के लिए भारतीय वकील भी नियुक्त करने के लिए समय की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार यानी आज तक के लिए स्थगित कर दी थी।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल हरीश साल्वे इस केस में CAS के सामने भारतीय ओलिंपिक संघ की ओर से विनेश के केस को रिप्रजेंट करने वाले हैं। ऐसे में फैसला आज ही आ सकता है, लेकिन अगर कोर्ट को लगता है कि इस मामले में और सुनवाई की जरूरत है तो वो अगली तारीख दे सकती है।

क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों का खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई होनी है।

हरीश साल्वे से जुड़ी खास बातें…
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल साल्वे ने एडवोकेसी में अपने करियर की शुरुआत 1975 में अभिनेता दिलीप कुमार के केस से की थी। महाराष्ट्र में जन्मे साल्वे मुख्य रूप से नागपुर के रहने वाले हैं। 1992 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील का पद दिया था। इसके बाद 1999 में उन्हें सॉलिसिटर जनरल घोषित किया गया।

साल्वे ने अपने करियर की शुरुआत 1975 से की थी।

साल्वे ने अपने करियर की शुरुआत 1975 से की थी।

कुलभूषण जाधव केस में 1 रुपए ली थी फीस
साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में पहले एंटी-डंपिंग मामले की पैरवी की थी। साल 2015 में हिट और रन केस मामले में सलमान खान को कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में हरीश साल्वे ने सलमान खान का पक्ष रखा। जिसके बाद हिट-एंड-रन और ड्रंक-एंड-ड्राइव मामले के सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया। वहीं कुलभूषण जाधव के मामले में उन्होंने भारत सरकार से सिर्फ एक रुपए फीस ली थी। योग गुरु रामदेव मामले में दिल्ली पुलिस का पक्ष कोर्ट में रख चुके हैं।

ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश 3 मुकाबले जीतकर 50 kg रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी।

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