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संसद में कानून पर चर्चा के दौरान लगभग हर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने इसका विरोध किया है. कांग्रेस, सपा, एआईएमआईएम डीएमके से लेकर एनसीपी के नेता भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
वक्फ बोर्ड के बिल को लेकर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि यह बिल अधिकारों पर चोट है. यह हमारे संविधान पर हमला है. उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव होने वाले हैं, इसी को देखते हुए यह बिल लाया गया है.
टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. वहीं डीएमके का कहना है कि संविधान सबसे ऊपर है और केंद्रीय सरकार संविधान के खिलाफ जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड पर लाया हुआ बिल मानवता के खिलाफ है.
जनता दल यूनाइटेड से राजीव रंजन ने कहा कि मैंने सबकी बातें सुनीं और ऐसा लग रहा है जैसे कि यह मुस्लिम विरोधी कानून है. उन्होंने सवाल पूछा कि इसका कौन सा प्रावधान मुस्लिम विरोधी है? उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, इस देश में हजारों पंजाबी सिखों को किसने मारा था? आपकी पार्टी द्वारा सड़कों पर सिखों को ढूंढ ढूंढ कर मारा गया था और आज अल्पसंख्यकों की दुहाई दे रहे हैं.
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप मुझे प्रार्थना करने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ की प्रॉपर्टी पब्लिक नहीं है और यह सरकार वक्फ और दरगाहों की जमीनों को छीनना चाहती है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप मुसलमान के दुश्मन है और यह इसका प्रमाण है.
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह तो सरकार की सोची समझी साजिश है. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी अपने निराश कट्टर समर्थकों के लिए यह सब कर रही है और वह लोग अभी-अभी हारे हैं इसलिए यह बिल लाया गया है.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कहा कि वह इस बिल का विरोध करते हैं क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है. इस बिल के जरिए मुसलमान को निशाना बनाया जा रहा है जो की बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा. कल्याण बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की जा रही थी जिस देश की जनता ने नकार दिया.
श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने इस बिल का समर्थन किया उन्होंने संसद में शाहबानो केस का भी जिक्र किया.
Published at : 08 Aug 2024 03:18 PM (IST)
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