ख़बर सुनें
जींद। आज समाज में अच्छे और मददगार लोगों की कमी नहीं है। एडवोकेट सुशीला धनखड़ भी इनमें से एक हैं। वह वकालत के साथ समाजसेवी भी कर रही हैं। बेटियों की पढ़ाई के लिए उन्हें और उनके अभिभावकों को जागरूक कर रही हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करती हैं।
उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए 50 से ज्यादा शिविर स्कूलों में लगाकर 500 से ज्यादा बेटियों को पढ़ाई के प्रति जागरूक किया है। उनके अभिभावकों को भी बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। समाज में बढ़ रहे नशे के प्रकोप को रोकने के लिए भी आए दिन शिविर लगाकर नशे से होने वाले समाज को नुकसान के बारे में भी लोगों की विचारधारा को बदलने के लिए काम कर ही है।
भू्रण हत्या को रोकने के लिए भी वह अस्पताल और कॉलेजों में विद्यार्थियों को जागरूक कर रही है। वकील होने के नाते भी वह लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति लगातार जागरूक करने के लिए अभियान चलाए हुए हैं, साथ ही महिलाओं को भी उनके अधिकारों के प्रति सजग करती हैं। महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर भी उन्होंने शिविर लगाकर जागरूक करने का काम किया है। जिसके चलते सुशीला लगातार महिला उत्थान के लिए काम कर रही है। घरेलू हिंसा के मामलों को रोकने के लिए भी उन्होंने अलग से अभियान चलाए हैं। अपने वकालत के पेशे की परवाह किए बिना लगातार समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का उनका यह प्रयास रंग भी ला रहा है। इसके अलावा महिलाओं के कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाए।
फोटो कैप्शन
12जेएनडी33: सुशीला धनखड़ एडवोकेट।
12जेएनडी34: लड़कियों को शिक्षा के लिए जागरूक करते हुए।
जींद। आज समाज में अच्छे और मददगार लोगों की कमी नहीं है। एडवोकेट सुशीला धनखड़ भी इनमें से एक हैं। वह वकालत के साथ समाजसेवी भी कर रही हैं। बेटियों की पढ़ाई के लिए उन्हें और उनके अभिभावकों को जागरूक कर रही हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करती हैं।
उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए 50 से ज्यादा शिविर स्कूलों में लगाकर 500 से ज्यादा बेटियों को पढ़ाई के प्रति जागरूक किया है। उनके अभिभावकों को भी बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। समाज में बढ़ रहे नशे के प्रकोप को रोकने के लिए भी आए दिन शिविर लगाकर नशे से होने वाले समाज को नुकसान के बारे में भी लोगों की विचारधारा को बदलने के लिए काम कर ही है।
भू्रण हत्या को रोकने के लिए भी वह अस्पताल और कॉलेजों में विद्यार्थियों को जागरूक कर रही है। वकील होने के नाते भी वह लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति लगातार जागरूक करने के लिए अभियान चलाए हुए हैं, साथ ही महिलाओं को भी उनके अधिकारों के प्रति सजग करती हैं। महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर भी उन्होंने शिविर लगाकर जागरूक करने का काम किया है। जिसके चलते सुशीला लगातार महिला उत्थान के लिए काम कर रही है। घरेलू हिंसा के मामलों को रोकने के लिए भी उन्होंने अलग से अभियान चलाए हैं। अपने वकालत के पेशे की परवाह किए बिना लगातार समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का उनका यह प्रयास रंग भी ला रहा है। इसके अलावा महिलाओं के कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाए।
फोटो कैप्शन
12जेएनडी33: सुशीला धनखड़ एडवोकेट।
12जेएनडी34: लड़कियों को शिक्षा के लिए जागरूक करते हुए।
.