रौनक हत्याकांड: मासूम को जिंदा बोरे में डाल लात मार किया अधमरा, फिर पैर से गला दबाया


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हरियाणा के पानीपत में मासूम रौनक की हत्या बेरहमी से की गई। उसे जिंदा ही बोरे में डालकर बंद कर दिया गया। इसके बाद उसे लातों से मारकर अधमरा कर दिया गया। इसके बाद उसकी आखिरी सांस तक गला दबाकर रखा गया। मुख्य आरोपी विनोद और संजय को कोर्ट में पेश करने के बाद बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया गया।  

मुख्य आरोनी विनोद नौ वर्षीय रौनक का अपहरण करने का प्रयास तीन दिन से कर रहा था। वह अपहरण के इरादे से रौनक को तीन दिन से लगातार बाहर दुकान से कुछ न कुछ खाने के लिए दिला रहा था, लेकिन उसे मौका हाथ नहीं लगा।

20 जून को अपहरण करने में वह कामयाब हो गया। तीन दिन से रोज कुछ न कुछ खाने के लिए दिलाने पर चौथी बार में रौनक उसके बुलाने पर तुरंत आ गया। 20 जून की सुबह 10:45 बजे वह रौनक को आम खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था और जब मासूम आम खाकर घर जाने लगा तो पीछे से उसे पकड़ लिया।
 
पिता को आते देख रौनक ने लगाई थी आवाज 
रौनक को पकड़ने के बाद विनोद और संजय ने उसे थप्पड़ मारे। इस बीच रौनक ने अपने पिता शिवकुमार को ट्रैक्टर पर जाते देखा। इस पर उसने पिता को आवाज लगाई, लेकिन विनोद एवं संजय ने तुरंत उसका मुंह दबा दिया। 
 
फंसने के डर से रौनक को बोरे में जिंदा डालकर मार डाला 
फंसने के डर से दोनों ने रौनक को जिंदा ही बोरे में डाल दिया था। बोरे में डालकर रौनक के मुंह पर लातों से बुरी तरह हमला किया गया। उसकी गर्दन पर विनोद एवं संजय ने लात रख दी। जब शिवकुमार ट्रैक्टर लेकर घर के अंदर चला गया तब दोनों ने रौनक को बोरे से बाहर निकाला। एक ने उसके पैर पकड़े दूसरे ने गला दबा दिया। जिससे वह बेहोश हो गया था। रौनक को मरा समझकर उसको दोबारा बोरे में डाल दिया। जब रौनक को दोबारा सांस आई और वह हिलने लगा तो दोनों ने उसके मुंह और गर्दन पर लात मारी और उसकी गर्दन पर पैर से दबाकर तब तक खड़े रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। उसके शव को तालाब में फेंक दिया गया।
 
रौनक की चप्पल बरामद नहीं हो सकीं
रौनक की चप्पलों को भी तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस रौनक की चप्पल बरामद नहीं कर पाई। सीआईए वन ने विनोद से वह कॉपी बरामद की है, जिसके पेज पर लिखकर 15 लाख की फिरौती मांगी गई थी। आरोपी संजय से बाइक बरामद की गई है। विनोद ने पेन तोड़ दी थी। सीआईए ने दोनों पर साक्ष्य को मिटाने का भी केस दर्ज कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

आरोपियों को रिमांड के बाद जेल भेजा 
विनोद से पेन व संजय से बाइक बरामद कर ली गई है। दोनों ने रौनक की चप्पल जोहड़ में फेंक दी थी। पेन तोड़ दिया था। आरोपियों को रिमांड के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। – राजपाल सिंह, प्रभारी सीआईए-1

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हरियाणा के पानीपत में मासूम रौनक की हत्या बेरहमी से की गई। उसे जिंदा ही बोरे में डालकर बंद कर दिया गया। इसके बाद उसे लातों से मारकर अधमरा कर दिया गया। इसके बाद उसकी आखिरी सांस तक गला दबाकर रखा गया। मुख्य आरोपी विनोद और संजय को कोर्ट में पेश करने के बाद बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया गया।  

मुख्य आरोनी विनोद नौ वर्षीय रौनक का अपहरण करने का प्रयास तीन दिन से कर रहा था। वह अपहरण के इरादे से रौनक को तीन दिन से लगातार बाहर दुकान से कुछ न कुछ खाने के लिए दिला रहा था, लेकिन उसे मौका हाथ नहीं लगा।

20 जून को अपहरण करने में वह कामयाब हो गया। तीन दिन से रोज कुछ न कुछ खाने के लिए दिलाने पर चौथी बार में रौनक उसके बुलाने पर तुरंत आ गया। 20 जून की सुबह 10:45 बजे वह रौनक को आम खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था और जब मासूम आम खाकर घर जाने लगा तो पीछे से उसे पकड़ लिया।

 

पिता को आते देख रौनक ने लगाई थी आवाज 

रौनक को पकड़ने के बाद विनोद और संजय ने उसे थप्पड़ मारे। इस बीच रौनक ने अपने पिता शिवकुमार को ट्रैक्टर पर जाते देखा। इस पर उसने पिता को आवाज लगाई, लेकिन विनोद एवं संजय ने तुरंत उसका मुंह दबा दिया। 

 

फंसने के डर से रौनक को बोरे में जिंदा डालकर मार डाला 

फंसने के डर से दोनों ने रौनक को जिंदा ही बोरे में डाल दिया था। बोरे में डालकर रौनक के मुंह पर लातों से बुरी तरह हमला किया गया। उसकी गर्दन पर विनोद एवं संजय ने लात रख दी। जब शिवकुमार ट्रैक्टर लेकर घर के अंदर चला गया तब दोनों ने रौनक को बोरे से बाहर निकाला। एक ने उसके पैर पकड़े दूसरे ने गला दबा दिया। जिससे वह बेहोश हो गया था। रौनक को मरा समझकर उसको दोबारा बोरे में डाल दिया। जब रौनक को दोबारा सांस आई और वह हिलने लगा तो दोनों ने उसके मुंह और गर्दन पर लात मारी और उसकी गर्दन पर पैर से दबाकर तब तक खड़े रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। उसके शव को तालाब में फेंक दिया गया।

 

रौनक की चप्पल बरामद नहीं हो सकीं

रौनक की चप्पलों को भी तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस रौनक की चप्पल बरामद नहीं कर पाई। सीआईए वन ने विनोद से वह कॉपी बरामद की है, जिसके पेज पर लिखकर 15 लाख की फिरौती मांगी गई थी। आरोपी संजय से बाइक बरामद की गई है। विनोद ने पेन तोड़ दी थी। सीआईए ने दोनों पर साक्ष्य को मिटाने का भी केस दर्ज कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

आरोपियों को रिमांड के बाद जेल भेजा 

विनोद से पेन व संजय से बाइक बरामद कर ली गई है। दोनों ने रौनक की चप्पल जोहड़ में फेंक दी थी। पेन तोड़ दिया था। आरोपियों को रिमांड के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। – राजपाल सिंह, प्रभारी सीआईए-1

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