रोहतक की बेटी ने भारोत्तोलन में नगरोटा में जीते दो स्वर्ण


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रोहतक। जिले के मोरखेड़ी गांव की बेटी संजना ने हिमाचल प्रदेश के नगरोटा में आयोजित खेलो इंडिया नेशनल वुमेन रैंकिंग वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में रविवार को जूनियर व यूथ वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीते। 71 किलोग्राम भार वर्ग की खिलाड़ी संजना ने जूनियर व यूथ वर्गों में देश में पहली रैंकिंग पर कब्जा कर लिया है। फादर डे के अवसर पर संजना ने पदक अपने पिता के संघर्ष को समर्पित किए।
कोच दुष्यंत ने बताया कि संजना ने जूनियर व यूथ वर्गों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता के स्नैच में 75 किलोग्राम व क्लीन एंड जर्क में 99 किलोग्राम वजन उठाकर पहला स्थान हासिल किया है। 15 वर्ष की आयु में संजना राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर अनेक पदक जीत चुकी है। गत दिनों पंचकूला में आयोजित खेलो इंडिया यूूथ गेम्स में संजना ने रजत पदक जीता था। मार्च में भुवनेश्वर में हुए यूथ नेशनल गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता था। संजना 2020 से एनआईएस पटियाला में अभ्यास कर रही है। वहीं, मोरखेड़ी गांव की ही बेटी ऊषा ने भी इसी प्रतियोगिता में 55 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता।
पिता ट्रक चालक, मां करती है मजदूरी
15 वर्षीय संजना के परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही कमजोर रही है। जिस कारण उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पिता जितेंद्र करीब 15 वर्षों से ट्रक चालक हैं व मां रानी देवी मजदूरी करती हैं। चार भाई-बहनों में तीसरे स्थान पर जन्मी संजना के सबसे बड़े भाई सुमित ने आर्थिक हालात बिगड़ने के कारण पढ़ाई से किनारा कर लिया व गांव में ही टायर पंचर की दुकान कर ली। बड़ी बहन मंजू अभी 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। वहीं, संजना ने इसी वर्ष दसवीं कक्षा पास की है। छोटा भाई हन्नी अभी छठी कक्षा में पढ़ रहा है।
बच्चों को खेलता देख शुरू किया अभ्यास
संजना के पिता जितेंद्र ने बताया कि वर्ष 2018 में गांव के सरकारी स्कूल में कोच नीरज मलिक बच्चों को भारोत्तोलन के गुर सिखाते थे। अन्य बच्चों को खेलते हुए देख कर संजना ने भी खेलने की इच्छा जताई। बेटी के खेलने की इच्छा को देखते हुए पिता ने हामी भर दी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह डर लग रहा था कि वह खेल का खर्चा नहीं उठा पाएंगे। लेकिन संजना की मेहनत और किस्मत ने भी साथ दिया। ब्लॉक, जिला व प्रदेश स्तर पर बेहद ही कम समय में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से वर्ष 2020 में संजना का एनआईएस पटियाला में चयन हो गया। वहां कोच दुष्यंत के मार्गदर्शन में संजना अभ्यास कर रही है। उम्मीद है संजना ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाएगी।

रोहतक। जिले के मोरखेड़ी गांव की बेटी संजना ने हिमाचल प्रदेश के नगरोटा में आयोजित खेलो इंडिया नेशनल वुमेन रैंकिंग वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में रविवार को जूनियर व यूथ वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीते। 71 किलोग्राम भार वर्ग की खिलाड़ी संजना ने जूनियर व यूथ वर्गों में देश में पहली रैंकिंग पर कब्जा कर लिया है। फादर डे के अवसर पर संजना ने पदक अपने पिता के संघर्ष को समर्पित किए।

कोच दुष्यंत ने बताया कि संजना ने जूनियर व यूथ वर्गों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता के स्नैच में 75 किलोग्राम व क्लीन एंड जर्क में 99 किलोग्राम वजन उठाकर पहला स्थान हासिल किया है। 15 वर्ष की आयु में संजना राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर अनेक पदक जीत चुकी है। गत दिनों पंचकूला में आयोजित खेलो इंडिया यूूथ गेम्स में संजना ने रजत पदक जीता था। मार्च में भुवनेश्वर में हुए यूथ नेशनल गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता था। संजना 2020 से एनआईएस पटियाला में अभ्यास कर रही है। वहीं, मोरखेड़ी गांव की ही बेटी ऊषा ने भी इसी प्रतियोगिता में 55 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता।

पिता ट्रक चालक, मां करती है मजदूरी

15 वर्षीय संजना के परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही कमजोर रही है। जिस कारण उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पिता जितेंद्र करीब 15 वर्षों से ट्रक चालक हैं व मां रानी देवी मजदूरी करती हैं। चार भाई-बहनों में तीसरे स्थान पर जन्मी संजना के सबसे बड़े भाई सुमित ने आर्थिक हालात बिगड़ने के कारण पढ़ाई से किनारा कर लिया व गांव में ही टायर पंचर की दुकान कर ली। बड़ी बहन मंजू अभी 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। वहीं, संजना ने इसी वर्ष दसवीं कक्षा पास की है। छोटा भाई हन्नी अभी छठी कक्षा में पढ़ रहा है।

बच्चों को खेलता देख शुरू किया अभ्यास

संजना के पिता जितेंद्र ने बताया कि वर्ष 2018 में गांव के सरकारी स्कूल में कोच नीरज मलिक बच्चों को भारोत्तोलन के गुर सिखाते थे। अन्य बच्चों को खेलते हुए देख कर संजना ने भी खेलने की इच्छा जताई। बेटी के खेलने की इच्छा को देखते हुए पिता ने हामी भर दी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह डर लग रहा था कि वह खेल का खर्चा नहीं उठा पाएंगे। लेकिन संजना की मेहनत और किस्मत ने भी साथ दिया। ब्लॉक, जिला व प्रदेश स्तर पर बेहद ही कम समय में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से वर्ष 2020 में संजना का एनआईएस पटियाला में चयन हो गया। वहां कोच दुष्यंत के मार्गदर्शन में संजना अभ्यास कर रही है। उम्मीद है संजना ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाएगी।

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