ख़बर सुनें
विस्तार
हरियाणा के यमुनानगर में जगाधरी बस स्टैंड के सामने स्थित 50 साल पुराने क्वालिटी मार्किंग सेंटर के दिन बहुरने वाले हैं। जल्द ही दो दशक से बंद पड़े इस मार्किंग सेंटर में लगी करोड़ों की मशीनों से न केवल धूल हटेगी बल्कि इस सेंटर का चार मंजिला नया भवन भी बनेगा। सेंटर में लगने वाली अत्याधुनिक मशीनें देशभर में मशहूर जगाधरी की बर्तन नगरी में नई चमक लाने का काम करेंगी।
इस सेंटर के भवन की ड्राइंग में जो पेंच फंसा हुआ था उसे दूर कर इसे लगभग फाइनल कर दिया है। दो माह बाद इसके आगे की कार्रवाई शुरू होगी। बनने के बाद यह सेंटर जगाधरी के बर्तन उद्योग को नयी दिशा देने में अपनी भूमिका निभाएगा। जिन छोटे-छोटे कार्यों के लिए यहां के बर्तन व्यापारियों को पंजाब, चंडीगढ़ व उत्तर प्रदेश जाना पड़ता है, इसके बनने के बाद ये सुविधाएं उन्हें अपने शहर में ही मिलेंगी। संवाद
सेंटर की लागत आएगी 27 करोड़ रुपये
क्वालिटी मार्किंग सेंटर के निर्माणाधीन भवन व मशीनों पर कुल 27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से 15 करोड़ रुपये भवन पर व 12 करोड़ रुपये आधुनिक मशीनें लगाने पर खर्च होंगे। दरअसल सेंटर की ड्राइंग में पेंच फंसने से इसके निर्माण में देरी हुई। जिस कंपनी को भवन का नक्शा बनाने की जिम्मेदारी दी थी उसने गुरुग्राम के मार्किंग सेंटर से मिलता जुलता नक्शा ही बना दिया था। जबकि जगाधरी में जहां पर पहले से क्वालिटी सेंटर बना है उसकी भौगोलिक परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए इसकी ड्राइंग में बदलाव किया गया। अब सात की जगह चार मंजिला भवन बनाने का निर्णय लिया है।
लिफ्ट की जगह बनेगा रैंप
पहली ड्राइंग में अधिकारियों ने लिफ्ट का प्रावधान किया था, परंतु 50 टन वजन की मशीनरी को लिफ्ट से इतनी ऊंचाई पर ले जाना आसान नहीं था। इसलिए अब इसमें लिफ्ट की जगह रैंप फाइनल किया गया है। इसमें यह भी बदलाव किया गया है कि भारी मशीनरी को ग्राउंड फ्लोर पर लगाया जाएगा। क्योंकि भारी भरकम मशीनें चलने से जो कंपन होगी उससे भवन को किसी तरह का नुकसान न हो। क्वालिटी मार्किंग सेंटर के अधिकारियों ने नगर निगम से इसका नक्शा पास करवा करवाना है।
यहीं पर बनेगी बर्तनों की डाई
जगाधरी में मेटल की 1200 से अधिक यूनिट हैं। जगाधरी बस स्टैंड के सामने करीब ढाई एकड़ में स्थित करीब 50 साल पुराना क्वालिटी मार्किंग सेंटर दो दशक से बंद पड़ा है। जगाधरी की बर्तन नगरी को देखते हुए इसे यहां खोला गया था। इसमें करोड़ों रुपये की मशीनें लगी हैं। इसमें बर्तनों की डाई बनाने से लेकर उद्योग से संबंधित अन्य काम होते थे। इनमें लगी मशीनों से यह तक पता चल सकता है कि बर्तन में कितनी तरह की धातुओं का इस्तेमाल कितनी मात्रा में हुआ है। इसमें टूल रूम स्थापित होने से आइटीआइ पास युवा इसमें प्रशिक्षण ले सकेंगे।
नए डिजाइन बनाने में मदद मिलेगी
दी जगाधरी मेटल मैन्युफेक्चर्स एंड स्पलायर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा का कहना है कि यह दुख की बात है कि जिस बर्तन नगरी से यमुनानगर की देशभर में पहचान है वहीं पर क्वालिटी मार्किंग सेंटर बंद पड़ा है। इसे आधुनिक बनाने की मांग उन्होंने शिक्षा मंत्री व सीएम से की थी। यदि इसमें आधुनिक मशीनें लगती है बर्तन उद्योग रफ्तार पकड़ेगा। इसमें तैयार होने वाली डाई से नए डिजाइन के बर्तन बनेंगे जो अच्छी कीमत पर बिकेंगे।
फाइनल हो चुकी है ड्राइंग
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ विनोद कुमार ने बताया कि क्वालिटी मार्किंग सेंटर की ड्राइंग फाइनल हो चुकी है। 15 करोड़ रुपये से इसका भवन बनेगा। इसमें लिफ्ट की जगह अब रैंप बनेगा जिससे मशीन को ऊपर ले जाया जाएगा। वहीं अब यह सात की जगह चार मंजिल तक ही बनाया जाएगा।
.