मासूम के सिर से उठा पिता का साया, किसी का छिन गया इकलौता सहारा


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संवाद न्यूज एजेंसी
कुंजपुरा/करनाल। नेवल-मुगलमाजरा मार्ग पर कुंजपुरा खंड में स्थित संजय लेदर फैक्टरी में रविवार को हौद की सफाई करते समय मजदूरों की मौत से तीन परिवारों की गृहस्थी उजड़ गई। किसी मासूम के सिर से पिता का साया उठ गया तो किसी ने पति और बेटे को खो दिया। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। जिसे भी घटना का पता चला, वह गमगीन हो गया। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। मृतकों के परिजन घटनास्थल से ही रोते-बिलखते कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी तक पहुंचे, जहां देर रात तक विलाप जारी रहा।
बिहार के भागलपुर जिले के थाना पीरपैंती अंतर्गत गांव प्यालापुर निवासी राजू (24), झारखंड राज्य के गोडा जिले के थाना बुहारीजोर क्षेत्र के गांव महौला निवासी पवन ठाकुर (23) और करनाल के डबरी गांव निवासी सतीश कुमार (28) की मौत से परिजनों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। शाम 7:40 बजे जब एंबुलेंस से राजू का शव मोर्चरी हाउस लाया गया तो उसकी पत्नी ममता शव से लिपट कर रोते-रोते बेसुध हो गई। साथी मजदूरों के परिवारों के सदस्य उसे दिलासा दे रहे थे। उसके डेढ़ वर्षीय मासूम बेटे दीवान के सिर से पिता का साया उठ गया है। ऐसे में महिला रो-रोकर कह रही थी कि वह किसके सहारे बच्चे को पालेगी। अब उसका कोई सहारा नहीं रहा।
डबरी गांव के श्रमिक सतीश कुमार पाल की मौत की सूचना मिलते ही उनके गांव के पूर्व सरपंच गुरनाम सिंह लाडी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मोर्चरी हाउस के बाहर पहुंचे। पूर्व सरपंच ने फैक्टरी संचालक पर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि मजदूरों के पास सुरक्षा उपकरण होते तो यह हादसा नहीं होता। 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान की स्थिति में मजदूरों से हौद में काम करवाना मानवता के खिलाफ है। तापमान बढ़ने से हौद में अमोनिया व सल्फर डाइऑक्साइड जैसी घातक गैसें उत्पन्न होती हैं। दूसरी ओर शव को देख सतीश के पिता रमेश कुमार, चाचा राम सिंह, दादी सास विद्या देवी व ग्रामीणों के आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। चाचा राम सिंह ने बताया कि सतीश ऑटो चलाया करता था। कोरोना काल में यह काम बंद हो गया तो अपनी ससुराल कुंजपुरा में रहकर फैक्टरी में काम करने लगा था। करीब आठ वर्ष पूर्व उसकी शादी किरणलता से हुई थी। अभी तक उसके पास कोई औलाद नहीं थी। तीसरा मृतक मजदूर पवन कुमार ठाकुर अविवाहित था। चचेरे भाई अमित ठाकुर ने बताया कि वह करीब दो वर्ष से इस फैक्टरी में काम कर रहा था। उसका चचेरा भाई मौसम ठाकुर उसे बचाने हौद में उतरा, लेकिन वह भी बेहोश हो गया। उसे बचा लिया गया है। इसके अलावा गैस चढ़ने से अचेत हुए तीन श्रमिकों को निजी अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है।

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कुंजपुरा/करनाल। नेवल-मुगलमाजरा मार्ग पर कुंजपुरा खंड में स्थित संजय लेदर फैक्टरी में रविवार को हौद की सफाई करते समय मजदूरों की मौत से तीन परिवारों की गृहस्थी उजड़ गई। किसी मासूम के सिर से पिता का साया उठ गया तो किसी ने पति और बेटे को खो दिया। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। जिसे भी घटना का पता चला, वह गमगीन हो गया। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। मृतकों के परिजन घटनास्थल से ही रोते-बिलखते कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी तक पहुंचे, जहां देर रात तक विलाप जारी रहा।

बिहार के भागलपुर जिले के थाना पीरपैंती अंतर्गत गांव प्यालापुर निवासी राजू (24), झारखंड राज्य के गोडा जिले के थाना बुहारीजोर क्षेत्र के गांव महौला निवासी पवन ठाकुर (23) और करनाल के डबरी गांव निवासी सतीश कुमार (28) की मौत से परिजनों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। शाम 7:40 बजे जब एंबुलेंस से राजू का शव मोर्चरी हाउस लाया गया तो उसकी पत्नी ममता शव से लिपट कर रोते-रोते बेसुध हो गई। साथी मजदूरों के परिवारों के सदस्य उसे दिलासा दे रहे थे। उसके डेढ़ वर्षीय मासूम बेटे दीवान के सिर से पिता का साया उठ गया है। ऐसे में महिला रो-रोकर कह रही थी कि वह किसके सहारे बच्चे को पालेगी। अब उसका कोई सहारा नहीं रहा।

डबरी गांव के श्रमिक सतीश कुमार पाल की मौत की सूचना मिलते ही उनके गांव के पूर्व सरपंच गुरनाम सिंह लाडी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मोर्चरी हाउस के बाहर पहुंचे। पूर्व सरपंच ने फैक्टरी संचालक पर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि मजदूरों के पास सुरक्षा उपकरण होते तो यह हादसा नहीं होता। 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान की स्थिति में मजदूरों से हौद में काम करवाना मानवता के खिलाफ है। तापमान बढ़ने से हौद में अमोनिया व सल्फर डाइऑक्साइड जैसी घातक गैसें उत्पन्न होती हैं। दूसरी ओर शव को देख सतीश के पिता रमेश कुमार, चाचा राम सिंह, दादी सास विद्या देवी व ग्रामीणों के आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। चाचा राम सिंह ने बताया कि सतीश ऑटो चलाया करता था। कोरोना काल में यह काम बंद हो गया तो अपनी ससुराल कुंजपुरा में रहकर फैक्टरी में काम करने लगा था। करीब आठ वर्ष पूर्व उसकी शादी किरणलता से हुई थी। अभी तक उसके पास कोई औलाद नहीं थी। तीसरा मृतक मजदूर पवन कुमार ठाकुर अविवाहित था। चचेरे भाई अमित ठाकुर ने बताया कि वह करीब दो वर्ष से इस फैक्टरी में काम कर रहा था। उसका चचेरा भाई मौसम ठाकुर उसे बचाने हौद में उतरा, लेकिन वह भी बेहोश हो गया। उसे बचा लिया गया है। इसके अलावा गैस चढ़ने से अचेत हुए तीन श्रमिकों को निजी अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है।

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नशीला पदार्थ पिलाकर 20 हजार ले उड़े

अरे द्वार पालो कन्हैया से कह दो…………..के दर पे सुदामा गरीब आ गया है