Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य के दोनों गठबंधनों (सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी) के अंदर की गांठें खुलने लगी हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों ही तरफ सीटों का बंटवारा आसान नहीं होने वाला है। दोनों धड़ों के सभी सहयोगी दल 100 से ज्यादा सीटों कीं मांग कर रहे हैं और अपने दावों पर अड़ते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर गुरुवार को हुई बैठक में इस बात की चर्चा जोर-शोर से उठी कि पार्टी को आगामी चुनावों में 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के मंत्री, विधायक और सांसद मौजूद थे। पार्टी ने इस काम के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिंदे ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तैयारियां शुरू करें। पार्टी के मामले से परिचित सूत्र ने बताया कि सीटों की पहचान करने के बाद सभी सीटों पर पार्टी प्रभारियों और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी।
बता दें कि एक महीने पहले भी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में पूर्व मंत्री रामदास कदम ने सीएम शिंदे की मौजूदगी में 100 सीटों की मांग की थी। पार्टी के इस कदम से महायुति में खींचतान बढ़ने की आशंका बढ़ गई है क्योंकि अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी भी आगामी चुनावों में 85 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। शिंदे सरकार में ही वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता धर्मरावबाबा आत्राम ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व में उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है और इस पर काम शुरू हो चुका है।
एनसीपी कोटे से एक और वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने भी कुछ दिनों पहले इसी तरह की मांग उठाई थी, तब सहयोगी दलों की तरफ से नाराजगी जताई गई थी। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में महायुति के दो घटक दलों द्वारा 100-100 सीटों के दावे से भाजपा असहज है। सूत्रों का कहना है कि शिंदे और पवार के बीच मची होड़ स्थिति को और गंभीर बना सकती है क्योंकि भाजपा पहले से ही अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति पर चलती रही है। वह हर हाल में लगभग आधी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहेगी। 2019 में बीजेपी ने शिवसेना के साथ गठबंधन में कुल 152 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में भी सीटों को लेकर इसी तरह की होड़ मची हुई है। उद्धव जहां 125 सीटों पर दावा कर रहे हैं, वहीं, कांग्रेस 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रही है। मंगलवार (16 जुलाई) को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं संग बैठक की और 125 संभावित सीटों पर चुनावी समीक्षा की। ठाकरे ने 125 सीटों पर जीत सुनिश्चित कराने के लिए थिंक टैंक बनाने और वॉर रूम तैयार करने का निर्देश दिया। MVA के दूसरे बड़े घटक दल कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले पहले ही 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कह चुके हैं।
महायुति में 100 प्लस तो MVA में 125 से 150 पर रार, दोनों तरफ कौन से दल मांग रहे कितनी सीटें?