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महाभारत की धरा को न देखती तो जिंदगी रह जाती अधूरी : द्रोपदी Latest Kurukshetra News

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कुरुक्षेत्र। महाभारत की धरा धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को न देखती तो जिंदगी अधूरी ही रह जाती। महाभारत में द्रोपदी का अभिनय करने से यह धरा मेरे जीवन से इस कदर जुड़ी है कि इसे देखने के लिए दिल्ली-चंडीगढ़ जाते समय ट्रेन की खिड़की से झांकती थी। हर समय मन करता था कि इस धरा को करीब से देखूं, जहां श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान गीता का उपदेश देकर पूरी दुनिया को दिशा दी। पवित्र ब्रह्मसरोवर, देवीकूप मां भद्रकाली मंदिर को देखने, यहां नतमस्तक होने की इच्छा पल-पल मन में होती थी।

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महाभारत सीरियल की द्रोपदी ने जब इस धरा पर कदम रखे तो वे भावुक हो उठीं और उन्होंने अपने मन के उद्गार ब्यां किए। मौका था कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 7वें हरियाणा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का, जिसके शुभारंभ अवसर पर वे विश्वविद्यालय में पहुंची तो दर्शकों के साथ सीधा संवाद भी किया। उन्होंने भी माना कि आज भी आधी दुनिया उन्हें द्रोपदी के तौर पर ही जानती है और उनका वास्तविक नाम रूपा गांगुली भुला चुकी है।

अपने अभिनय और सिनेमा जगत से जुड़े अनुभवों को साझा करते हुए अभिनेत्री गांगुली ने कहा कि उनका सपना था कि वह कुरुक्षेत्र जाएं। वे द्रोपदी का किरदार करते हुए इस धरा से इतना जुड़ गई कि बहुत बार उनकी यहां आने की इच्छा हुई। कई बार वह दिल्ली से चंडीगढ़ ट्रेन में सफर करती थीं तो जहां से गुजरते हुए वह ट्रेन की खिड़की से देखने की कोशिश करती थी कि कुरुक्षेत्र कैसा दिखता है। द्रोपदी का किरदार उनके जहन में उतर गया था, जिससे अभिनय को जीवंत कर पाई। जब किसी फिल्म या नाटक में अभिनय करते हैं तो पूर्ण रूप से उसके चरित्र में उतर जाते हैं और उसी चरित्र के सुख दुख को महसूस करते हैं। हर किरदार से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।

वह इस पावन धरा पर आकर मां भद्रकाली, ज्योतिसर व ब्रह्मसरोवर के दर्शन कर अभिभूत है और श्रीकृष्ण भूमि को नमन करती हैं। फिल्म अभिनेता या प्रसिद्ध व्यक्तित्व को समझने की जरूरत है। वह आम इंसान ही है कोई देवी-देवता नहीं है कि उनसे कोई गलती नहीं होगी। आम इंसान समझकर माफ कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई फिल्मों में वे अभिनय कर चुकी है, जिसमें डायन, नौकरानी, मांझी के परिवार सदस्य, बड़ी बहू सहित अन्य मुख्य किरदार निभा चुकी है। अभिनय करते वे उस चरित्र के सुख दुख को महसूस करते हैं कि उससे कई वर्षों तक बाहर निकलकर आना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि वे आर्किटेक्चर बनना चाहते थे, लेकिन एक्ट्रेस बन गई, जिसके बाद उन्होंने समाज में जरूरतमंद लोगों को सहायता देने का प्रयास किया है।

द्रोपदी को क्यों कटवाने पड़े केश, आज खुद खोलेंगी रहस्य

अभिनेत्री रूपा गांगुली के साथ महाभारत सीरियल के समय से ही द्रोपदी के अभिनय के साथ-साथ लंबे केश का चरित्र जुड़ा हुआ था, लेकिन अब उनके ये केश छोटे हैं, जिसका रहस्य वह आज वीरवार को खोलेंगी। उनका कहना है कि अपने अपने केश (बाल) उन्होंने फैशन के लिए नहीं कटवाए बल्कि इसके पीछे एक कठोर रहस्य व दुखभरी कहानी रही है।

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