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Home Loan EMI Calculator: जुलाई 2024 के लिए घोषित खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Data) खाद्य वस्तुओं की महंगाई में कमी के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के टोलरेंस बैंड 4 फीसदी से नीचे फिसलकर 3.5 फीसदी पर आ गई है. खुदरा महंगाई दर में कमी का ये सिलसिला आने वाले महीनों में जारी रहा तो महंगे कर्ज से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. होम लोन (Home Loan) से लेकर कार लोन (Car Loan) समेत एजुकेशन लोन (Education Loan) लेना बैंकों से सस्ता हो सकता है. तो जिन लोगों की ईएमआई चल रही है वो सस्ती हो सकती है.
दूसरी छमाही से कर्ज होगा सस्ता!
केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने महंगाई दर में गिरावट पर कहा, पिछले साल के बेस इफेक्ट के चलते खुदरा महंगाई दर 3.5 फीसदी पर आ गई है लेकिन कोर इंफ्लेशन जून में 3.1 फीसदी से बढ़कर जुलाई 2024 में 3.4 फीसदी पर आ गई है जिसके लिए टेलीकॉम टैरिफ में बढ़ोतरी और कुछ राज्यों में ईंधन के दामों में इजाफा जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, आगे जाकर बेस इफेक्ट अगस्त और सितंबर महीने में हमारे पक्ष में नहीं होगा जिससे महंगाई दर में गिरावट का ट्रेंड बदल सकता है. उन्होंने कहा, 2024-25 में महंगाई दर औसतन 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. और अगर खाद्य महंगाई में कमी आई तो हमारा मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पॉलिसी रेट्स में कटौती की शुरुआत कर सकता है.
9 महीने में 2.50% महंगा हो गया कर्ज
मई 2022 से पहले आरबीआई की पॉलिसी रेट जिसमें रेपो रेट (Repo Rate) शामिल है वो 4 फीसदी हुआ करती थी. लेकिन अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर तेज उछाल के साथ 7.8 फीसदी पर जा पहुंची. जिसके बाद आरबीआई ने पॉलिसी रेट्स में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू कर दिया जो पहले 4 फीसदी हुआ करती थी. अगले छह आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी कर दिया गया. 2.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों से लेकर हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने होम लोन की ब्याज दरों बढ़ा दी. तो जिन होमबायर्स का पहले से होम लोन चल रहा था उनकी ईएमआई महंगी हो गई. इस अवधि में होम लोन के अलावा कार लोन, एजुकेशन लोन से लेकर दूसरे पर्सनल लोन भी महंगे हो गए.
कितना बढ़ गया ईएमआई का बोझ
महज एक साल के भीतर होमबायर्स पर महंगी ईएमआई की गाज गिर गई. मान लिजिए किसी होम बायर्स ने 2021 में 40 लाख रुपये का होम लोन 20 सालों के लिए 7 फीसदी के दर पर लिया था तब उसे 31,012 रुपये मंथली ईएमआई का भुगतान करना पड़ रहा था. लेकिन आरबीआई के रेपो बढ़ाने के बाद बैंकों ने कर्ज महंगा कर दिया जिसके बाद ईएमआई बढ़कर 37,285 रुपये हो गया. यानि होम बायर्स पर 6273 रुपये हर महीने ईएमआई का बोझ बढ़ गया और अगर सालाना इसे जोड़ लें तो 75,276 रुपये ज्यादा ईएमआई का भुगतान पिछले डेढ़ वर्षों से करना पड़ रहा है. ईएमआई 20 फीसदी तक महंगा हो गया. बहरहाल महंगाई दर में जो कमी आई है उसका सिलसिला जारी रहा तो महंगी ईएमआई से राहत मिल सकती है.
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