- Hindi News
- Opinion
- Amidst The Turmoil In Bangladesh, How Is The Condition Of Hindus There
कट्टरपंथ क्या कर सकता है, किस हद तक जा सकता है, इसका अंदाज़ा न तो आज तक कोई लगा पाया है और नहीं आगे कोई लगा पाएगा। भारत सरकार कह रही है कि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं लेकिन जो खबरें आ रही हैं, वे बहुत डरावनी हैं। भयावह भी।
वहाँ रह रहे हिंदुओं, सिखों को जान- माल का ख़तरा है। उनके घर जलाए जा रहे हैं। उनके मंदिर, गुरुद्वारे अपवित्र किए जा रहे हैं। कहीं- कहीं आग के हवाले भी। हालाँकि, ऐसा नहीं है कि शेख़ हसीना के राज में वहाँ रह रहे हिंदुओं, सिखों के हालात बहुत अच्छे थे।
हालांकि, इतना था कि उनके मंदिर, गुरुद्वारे सुरक्षित थे। उनके परिवार और परिवार की महिलाएँ, बच्चियाँ सुरक्षित थीं। उनकी दुकानें, व्यापार सुरक्षित था, लेकिन मंदिर में ज़ोर से घंटी बजाने की इजाज़त नहीं थी। गुरुद्वारे में तेज आवाज़ में अरदास की इजाज़त नहीं थी। महिलाएँ, बच्चियाँ सुरक्षित तो थीं, लेकिन उन्हें खुलापन नहीं दिया गया था।
शेख हसीना के लम्बे शासनकाल में हज़ारों मस्जिदें बनाई गईं लेकिन कोई एक मंदिर तक नहीं बनाया गया। हालाँकि खबरें हैं कि वहाँ कि हिंदुओं के घरों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए अब खुद मुस्लिम भाई सामने आ गए हैं लेकिन हिंसक प्रदर्शन के दौरान जो कुछ हुआ उस उत्पात ने न तो मंदिर देखा, न मस्जिद। न मुसलमान देखा, न हिंदू।
अब आप शेख़ हसीना का राज जाने के बाद उनके प्रति दया का भाव रख सकते हैं लेकिन उन्होंने अपने लम्बे शासनकाल के दौरान न तो किसी के प्रति दया भाव दिखाया, न ही किसी के प्रति कोई उदारता बरती।
शेख हसीना की तानाशाही ही वह वजह है कि अब उनके देश से भाग निकलने के तुरंत बाद ही सब कुछ शांति की ओर बढ़ रहा है। सेना ने सब कुछ अपने हाथ में ले लिया है और लोगों का सामान्य जीवन लौट रहा है। आगे फिर बांग्लादेश कट्टरपंथियों के हाथों में जाने वाला है, इस सच से किसी भी तरह इनकार नहीं किया जा सकता।
नेपाल, चीन, पाकिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका के बाद बांग्लादेश भी भारत के लिए पराया हो जाएगा। बल्कि कहा जा सकता है कि एक तरह से मित्रता भूलकर दुश्मन की श्रेणी में आ सकता है।
फिलहाल, शेख़ हसीना भारत की राजधानी दिल्ली में किसी सेफ़ हाउस में बैठी हुई हैं। उन्हें शरण देने के लिए अब तक कोई देश आगे नहीं आया है। बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने वाले, वहाँ के राष्ट्रपिता कहलाने वाले मुजीबुर्रहमान की बेटी के एक दिन ये हाल होंगे, ये किसी ने सोचा नहीं था। खुद शेख़ हसीना ने भी नहीं।
भास्कर ओपिनियन:बांग्लादेश की उठापटक के बीच कैसे हैं वहाँ के हिंदुओं के हालात