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Sperm Donor : ‘विक्की डोनर’ फिल्म तो आपको याद ही होगी. जिसमें एक्टर आयुष्मान खुराना स्पर्म डोनर बन कपल्स की जिंदगी में खुशियां लाने का काम करते थे. हाल ही में इससे मिलती-जुलती एक फिल्म नेटफ्लिक्स पर भी आई है. जिसका नाम ‘Kadhalikka Neramillai’ है. इन दोनों ही फिल्मों में स्पर्म की अहमियत क्या होती है, किसी की स्पर्म क्वालिटी सही न होने से किस तरह की मानसिक समस्याएं झेलनी पड़ती है, इसे बताया गया है.
फिल्मों के अलावा असल जिंदगी में भी स्पर्म डोनर की अहम भूमिका होती है. देश में कई जगह स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation) चलता है। इसके लिए बकायदा स्पर्म बैंक बनाए गए हैं. लेकिन सवाल उठता है कि भारत में स्पर्म डोनर कैसे मिलते हैं, स्पर्म डोनेट कौन से लोग कर सकते हैं, इसकी पूरी प्रॉसेस क्या होती है. आइए जानते हैं…
कौन डोनेट कर सकता है स्पर्म
डॉक्टर्स के अनुसार, जिस तरह से ब्लड बैंकों में अलग-अलग ब्लड ग्रुप वाले ब्लड जमा किए जाते हैं, ताकि मेडिकल इमरजेंसी में इनका इस्तेमाल हो सके. ठीक इसी तरह फर्टिलिटी क्लीनिक में भी अंडाणु और शुक्राणु बैंक बनाए जाते हैं. जहां स्पर्म डोनेट करने वालों की पहचान सीक्रेट रखा जाता है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की कोई दिक्कतें न आए.हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्पर्म डोनेशन के भी कुछ क्राइटेरिया हैं, उसे पूरा करने वाले ही स्पर्म डोनेट कर सकते हैं.
स्पर्म डोनेट करने का क्राइटेरिया क्या है
Assisted Reproductive Technology Bill, 2021 के अनुसार, भारत में 18 से 39 साल की उम्र वाले पुरुष अपना स्पर्म डोनेट कर सकते हैं. कुछ स्पर्म डोनेशन बैंक में स्पर्म डोनेशन की उम्र 34 भी तय की गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि कोई व्यक्ति सिर्फ एक ही बार स्पर्म डोनेट कर सकता है.
स्पर्म डोनर को क्या कोई जानकारी भी देनी होती है
डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर कोई स्पर्म डोनेट करना चाहता है तो उसे फैमिली हिस्ट्री, पारिवारिक बीमारियों की जानकारी देनी होती है. स्पर्म डोनेशन से पहले ब्लड टेस्ट, HIV और स्पर्म डोनेशन बैंक के मेडिकल टेस्ट करवाने होते हैं. स्पर्म डोनेट करने वालों को अपनी सेक्सुअल हिस्ट्री भी बतानी पड़ती है. शराब, सिगरेट और किसी तरह की दवा का सेवन करने की आदत है, तो इसकी भी जानकारी देनी पड़ती है.
अगर कोई स्पर्म डोनेट करना चाहे तो सबसे पहले उसकी शारीरिक जांच होती है कि कहीं कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है. शादीशुदा हैं या सिंगल इसका स्पर्म डोनेशन से कोई संबंध नहीं. स्पर्म डोनेशन के बाद उसे 6 महीने तक क्रायो क्रेन में फ्रिज किया जाता है. फिर उसकी क्वालिटी चेक की जाती है. इसके बाद फीमेल बॉडी में इंजेक्ट किया जाता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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भारत में कैसे मिलते हैं स्पर्म डोनर, जानें क्या होता है इसका पूरा प्रोसेस