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श्रुति कक्कड़, हिन्दुस्तान टाइम्स
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की तदर्थ समिति (ad hoc committee) को बहाल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के पास तदर्थ समिति का पुनर्गठन करने का विकल्प खुला है, ताकि महासंघ के मामलों को नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सके। जस्टिस दत्ता ने कहा, “मैंने आईओए को तदर्थ समिति की बहाली का निर्देश दिया है। समिति का पुनर्गठन करने का अधिकार आईओए के पास होगा।”
बता दें कि IOA ने 18 मार्च को भारतीय कुश्ती महासंघ की तदर्थ समिति को भंग कर दिया था। अदालत ने बजरंग पुनिया, विनेश फोगट सहित चार पहलवानों द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें डब्ल्यूएफआई के प्रबंधन, नियंत्रण और प्रशासन को संभालने के लिए एक सदस्यीय समिति की नियुक्ति की मांग की गई थी।
इन पहलवानों ने पिछले साल जंतर मंतर पर डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह पर सात महिला पहलवानों पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप पर गिरफ्तारी की मांग की थी। इस साल के शुरू में इन पहलवानों ने दिसंबर में महासंघ के पदाधिकारियों के चुनाव को रद्द करने और अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
बृज भूषण के वफादार संजय सिंह को 21 दिसंबर 2023 को हुए चुनावों में डब्ल्यूएफआई का नया प्रमुख चुना गया था। अंतरिम राहत के लिए अपनी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने डब्ल्यूएफआई के मौजूदा स्वरूप में कामकाज पर रोक लगाने और कुश्ती के खेल के लिए राष्ट्रीय महासंघ के रूप में कोई भी गतिविधि करने से रोकने की मांग की थी।
केंद्र ने चुनाव के तीन दिन बाद ही डब्ल्यूएफआई को कथित तौर पर फैसले लेते समय अपने खुद के संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए 24 दिसंबर 2023 को निलंबित कर दिया था और आईओए से इसका कामकाज देखने के लिए एक तदर्थ समिति गठित करने का अनुरोध किया था।
फरवरी में विश्व कुश्ती संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने निलंबन हटा लिया जिसके कारण आईओए ने मार्च में अपनी तदर्थ समिति को भी भंग कर दिया था। शीर्ष पहलवानों की याचिका पर अदालत ने चार मार्च को केंद्र सरकार, डब्ल्यूएफआई और डब्ल्यूएफआई की तदर्थ समिति को नोटिस जारी किया था।
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भारतीय कुश्ती महासंघ की एड हॉक कमेटी को करें तुरंत बहाल, दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश