बैंक्वेट हॉल और मैरिज लॉन के लिए दिल्ली की तर्ज पर बने नियम


Rules made on the lines of Delhi for Banquet Hall and Marriage Lawn

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गुरुग्राम। हरियाणा पार्टी लॉन वेलफेयर एसोसिएशन ने निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा से मुलाकात कर शहर के बैंक्वेट हॉल, पार्टी लॉन, गार्डन, मैरिज पैलेस को बचाने की गुहार लगाई है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल राव की अगुवाई में पदाधिकारियों ने निगमायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें निगम की ओर से इस समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि बैंक्वेट हॉल, पार्टी और मैरिज लॉन के लिए कोई नियम नहीं होने के कारण बेवजह इन पर सीलिंग की तलवार लटकी है। 79 बैंक्वेट हॉल, गार्डन, मैरिज पैलेस और पार्टी लॉन को नगर निगम की ओर से नोटिस भी दिया गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्य दिल्ली में एमसीडी ने इन स्थानों के लिए नियम बनाए हैं। उसी तर्ज पर गुरुग्राम में भी नियम बनाकर बैंक्वेट हॉल, गार्डन और मैरिज पैलेस को बचाया जा सकता है।
अनिल राव ने कहा कि साउथ दिल्ली नगर निगम ने इन सभी स्थानों के प्लॉट के क्षेत्रफल के हिसाब से लाइसेंस फीस तय की है। अगर 400 वर्गमीटर के प्लॉट में कोई गार्डन, बैंक्वेट हॉल, मैरिज या पार्टी लॉन है तो उसके लिए 6000 रुपये, 1000 वर्गमीटर के लिए सात, पांच हजार वर्गमीटर के लिए 12 हजार, 10 हजार वर्ग मीटर के लिए 27 हजार और इससे ऊपर के लिए 50 हजार रुपये मासिक फीस तय की गई है। इसी तरह राजस्थान में भी लाइसेंस फीस ही निर्धारित है।
अनिल ने कहा कि शहर में जितने भी गार्डन, बैंक्वेट हॉल, मैरिज लॉन है, उन्हें टेंट व्यापारियों ने लीज पर ले रखा है। प्रदेश में 2007 और 2012 की पॉलिसी के अनुसार ऐसे किसी भी स्थान को अधिकृत नहीं कराया जा सकता। अगर उसके लिए सीएलयू लेते हैं तो इसका फायदा जमीन मालिक को होगा। उन्होंने कहा कि निगम के आदेश के बाद कोरोना काल में सभी संचालकों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। फायर सेफ्टी सबसे बड़ा मुद्दा होता है, सभी में आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम है बावजूद इसके पिछले दिनों 20 बैंक्वेट हॉल, गार्डन और मैरिज पैलसे सील कर दिए गए। सरकार इनके लिए लाइसेंस फीस निर्धारित करे और समय-समय पर सुरक्षा उपकरणों की जांच करे। अगर कोई उल्लंघन करता पाया जाए तो भले ही उसे सील कर दिया जाए। अनिल ने कहा कि यह आमजन की जरूरी सुविधा में शुमार है। जरूरत के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र में भी ये बनने लगे हैं। निगमायुक्त आहुजा ने पदाधिकारियों को उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। निगमायुक्त से मिलने वालों में एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान संजीव कुमार, कोषाध्यक्ष शिवचरण शर्मा और रमेश कालरा शामिल थे।

गुरुग्राम। हरियाणा पार्टी लॉन वेलफेयर एसोसिएशन ने निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा से मुलाकात कर शहर के बैंक्वेट हॉल, पार्टी लॉन, गार्डन, मैरिज पैलेस को बचाने की गुहार लगाई है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल राव की अगुवाई में पदाधिकारियों ने निगमायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें निगम की ओर से इस समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि बैंक्वेट हॉल, पार्टी और मैरिज लॉन के लिए कोई नियम नहीं होने के कारण बेवजह इन पर सीलिंग की तलवार लटकी है। 79 बैंक्वेट हॉल, गार्डन, मैरिज पैलेस और पार्टी लॉन को नगर निगम की ओर से नोटिस भी दिया गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्य दिल्ली में एमसीडी ने इन स्थानों के लिए नियम बनाए हैं। उसी तर्ज पर गुरुग्राम में भी नियम बनाकर बैंक्वेट हॉल, गार्डन और मैरिज पैलेस को बचाया जा सकता है।

अनिल राव ने कहा कि साउथ दिल्ली नगर निगम ने इन सभी स्थानों के प्लॉट के क्षेत्रफल के हिसाब से लाइसेंस फीस तय की है। अगर 400 वर्गमीटर के प्लॉट में कोई गार्डन, बैंक्वेट हॉल, मैरिज या पार्टी लॉन है तो उसके लिए 6000 रुपये, 1000 वर्गमीटर के लिए सात, पांच हजार वर्गमीटर के लिए 12 हजार, 10 हजार वर्ग मीटर के लिए 27 हजार और इससे ऊपर के लिए 50 हजार रुपये मासिक फीस तय की गई है। इसी तरह राजस्थान में भी लाइसेंस फीस ही निर्धारित है।

अनिल ने कहा कि शहर में जितने भी गार्डन, बैंक्वेट हॉल, मैरिज लॉन है, उन्हें टेंट व्यापारियों ने लीज पर ले रखा है। प्रदेश में 2007 और 2012 की पॉलिसी के अनुसार ऐसे किसी भी स्थान को अधिकृत नहीं कराया जा सकता। अगर उसके लिए सीएलयू लेते हैं तो इसका फायदा जमीन मालिक को होगा। उन्होंने कहा कि निगम के आदेश के बाद कोरोना काल में सभी संचालकों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। फायर सेफ्टी सबसे बड़ा मुद्दा होता है, सभी में आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम है बावजूद इसके पिछले दिनों 20 बैंक्वेट हॉल, गार्डन और मैरिज पैलसे सील कर दिए गए। सरकार इनके लिए लाइसेंस फीस निर्धारित करे और समय-समय पर सुरक्षा उपकरणों की जांच करे। अगर कोई उल्लंघन करता पाया जाए तो भले ही उसे सील कर दिया जाए। अनिल ने कहा कि यह आमजन की जरूरी सुविधा में शुमार है। जरूरत के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र में भी ये बनने लगे हैं। निगमायुक्त आहुजा ने पदाधिकारियों को उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। निगमायुक्त से मिलने वालों में एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान संजीव कुमार, कोषाध्यक्ष शिवचरण शर्मा और रमेश कालरा शामिल थे।

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