बेटी को पहलवान बनाने के लिए पिता ने लिया 8 लाख रुपये का लोन, अब जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में दांव लगाएगी मंजू


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हिसार। परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के बावजूद कौथकलां के रहने वाले अमीर संधू ने हौसला नहीं तोड़ा और बेटी मंजू संधू को पहलवान बनाने की ठानी। पिता ने बेटी को खिलाने के लिए चार साल पहले आठ लाख रुपये का लोन भी लिया। अब 18 वर्षीय मंजू इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में दांव लगाती नजर आएगी।
मंजू पिछले पांच साल से उमरा के एशियन स्पोर्ट्स स्कूल में कुश्ती कोच संजय मलिक के पास प्रशिक्षण ले रही है। जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग 22 जून से लेकर 30 जून तक इटली में होगी। मंजू के पिता खेतीबाड़ी करते हैं। माता तकदीर गृहिणी है। मंजू तीन बहनों में सबसे छोटी है। मंजू का एक छोटा भाई भी है। मंजू के पिता अमीर संधू ने बताया कि गांव के मैदान में बेटी ने एक साल तक रेस लगाई। बेटी की कुश्ती में काफी रुचि थी। मगर गांव कौथकलां में उन्हें कोच नहीं मिला। इसके बाद बेटी को खेलने के लिए उमरा भेजा। मंजू पांच साल से कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही है। मंजू 72 किलोग्राम भारवर्ग में खेलेंगी।
जानिए… किस आधार पर मंजू का हुआ चयन
कुश्ती कोच संजय मलिक के अनुसार रांची में 26 मई से 29 मई तक जूनियर रैंकिंग नेशनल हुई थी। इसमें मंजू ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके अलावा लखनऊ में दो जून को जूनियर एशिया चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में फस्ट पॉजिशन आई थी। इन दोनों बेस पर अब मंजू का जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग के लिए चयन किया गया है।
मंजू की उपलब्धियां
– 2018-19 में पूना में हुए खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक
– 2019-20 में गुवाहाटी में हुए खेेलो इंडिया में स्वर्ण पदक
मंजू एक बेहतरीन खिलाड़ी है। अब तक मंजू कई स्वर्ण पदक जीत चुकी है। अब वह इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग की तैयारी में जुट चुकी है। – संजय मलिक, कोच, कुश्ती, उमरा

हिसार। परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के बावजूद कौथकलां के रहने वाले अमीर संधू ने हौसला नहीं तोड़ा और बेटी मंजू संधू को पहलवान बनाने की ठानी। पिता ने बेटी को खिलाने के लिए चार साल पहले आठ लाख रुपये का लोन भी लिया। अब 18 वर्षीय मंजू इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में दांव लगाती नजर आएगी।

मंजू पिछले पांच साल से उमरा के एशियन स्पोर्ट्स स्कूल में कुश्ती कोच संजय मलिक के पास प्रशिक्षण ले रही है। जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग 22 जून से लेकर 30 जून तक इटली में होगी। मंजू के पिता खेतीबाड़ी करते हैं। माता तकदीर गृहिणी है। मंजू तीन बहनों में सबसे छोटी है। मंजू का एक छोटा भाई भी है। मंजू के पिता अमीर संधू ने बताया कि गांव के मैदान में बेटी ने एक साल तक रेस लगाई। बेटी की कुश्ती में काफी रुचि थी। मगर गांव कौथकलां में उन्हें कोच नहीं मिला। इसके बाद बेटी को खेलने के लिए उमरा भेजा। मंजू पांच साल से कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही है। मंजू 72 किलोग्राम भारवर्ग में खेलेंगी।

जानिए… किस आधार पर मंजू का हुआ चयन

कुश्ती कोच संजय मलिक के अनुसार रांची में 26 मई से 29 मई तक जूनियर रैंकिंग नेशनल हुई थी। इसमें मंजू ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके अलावा लखनऊ में दो जून को जूनियर एशिया चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में फस्ट पॉजिशन आई थी। इन दोनों बेस पर अब मंजू का जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग के लिए चयन किया गया है।

मंजू की उपलब्धियां

– 2018-19 में पूना में हुए खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक

– 2019-20 में गुवाहाटी में हुए खेेलो इंडिया में स्वर्ण पदक

मंजू एक बेहतरीन खिलाड़ी है। अब तक मंजू कई स्वर्ण पदक जीत चुकी है। अब वह इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग की तैयारी में जुट चुकी है। – संजय मलिक, कोच, कुश्ती, उमरा

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