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संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। गांव बेगू में नशे की रोकथाम को लेकर ग्रामीणों की तरफ से प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में रविवार को ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए गांव के ठेके का शटर बंद कर डेढ़ घंटे तक धरना दिया और सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेका अवैध होने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने ठेका संचालक को दो दिन का अल्टीमेटम देकर सभी दस्तावेज दिखाने की बात कही है। वहीं, ग्रामीणों ने रोष जाहिर करने के दौरान मेडिकल स्टोर संचालकों को भी नशे की गोलियां न बेचने की चेतावनी दी है।
रविवार को सुबह 11 बजे बेगू गांव की महिलाएं और पुरुष शराब ठेके के समक्ष एकत्र हुए। ऐसे में उन्होंने ठेकेदार और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया । ग्रामीणों का आते देखकर शराब ठेका संचालक शटर बंद कर वहां से चले गए। जिसके बाद ग्रामीणों ने शराब ठेके के बाहर ही धरना दे दिया। कुछ समय बाद ठेकेदार को मौके पर बुलाया गया और बातचीत की। वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शराब ठेका अवैध है और बिना अनुमति के ही चल रहा है, जिसके बाद ठेकेदार ने ठेके के वैध होने की जानकारी दी। ऐसे में सदर थाना प्रभारी ईश्वर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों की बात सुनीं। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि ठेकेदार दो दिन के अंदर ठेका संचालन के सभी दस्तावेजों को पेश करे। अगर दो दिन के अंदर दस्तावेजों को पेश नहीं किया गया तो वह अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। इस मौके पर सुरजीत सिंह बेगू, लाजवंती, सुरेश कुमार, छिंद्रपाल, सादोदेवी, रानी, संदीप व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
दवा विक्रेताओं को नशे की गोलियां न बेचने की दी चेतावनी
ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ भी रोष जाहिर किया। वहीं, उन्होंने कहा कि गांव में जो भी मेडिकल स्टोर संचालक नशे की गोलियों की सप्लाई युवाओं को कर रहा है व बंद कर दे। अगर उनकी तरफ से इसके बाद भी नशे की गोलियों की सप्लाई की जाती है तो वह अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि ग्रामीणों ने स्टोर संचालकों को भी दो दिन का समय है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसके बाद उन्हें गोलियां बेचने की जानकारी मिली तो स्टोर को बंद करवाया जाएगा।
मां बोली, बेटा शराब के कारण मर गया, अब पोतों की है चिंता
वहीं, रोष प्रदर्शन के दौरान महिला ने कहा कि उसका बेटा शराब का आदी था, जिसकी लत के कारण उसकी मौत हो गई है। अब उसका पोता है, जिसकी आयु कम है। ऐसे में उसे चिंता है कि कहीं वो भी अब नशे की गोलियों की लत में न पड़ जाए, जिसके कारण उसे पोते की भी देखरेख करनी पड़ती है। वहीं, महिला ने कहा कि 15 वर्ष के बच्चे भी नशे की गोलियों के आदी हो रहे है। गांव में स्थिति बेहद ही खराब है।
उपायुक्त के समक्ष सोमवार को पेश होंगे ग्रामीण और शराब ठेका संचालक
रोष प्रदर्शन के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचा ठेकेदार संचालक ने उपायुक्त के समक्ष सभी दस्तावेजों को पेश करनी की बात कहीं थी। जिसके बाद सदर थाना प्रभारी ने ठेकेदार और ग्रामीणों को सोमवार को उपायुक्त के समक्ष पेश होने की बात कहीं है। ऐसे में ग्रामीण भी सोमवार को उपायुक्त के समक्ष पेश होंगे ओर ठेके को बंद करने की मांग उठाएंगे।
ग्रामीण बोले प्रशासन साथ दे तो ठीक, नहीं तो अपने स्तर पर करेंगे कार्रवाई
वहीं, ग्रामीण सुरजीत सिंह ने कहा कि वह उपायुक्त, एसपी, सांसद और अन्य अधिकारियों के समक्ष भी नशा रोकने की मांग को लेकर पेश हो चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी किसी ने भी सुनवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अगर उनका साथ नहीं दिया तो वह अपने स्तर पर ही कार्रवाई करेंगे। इसके लिए चाहे उन्हें गांव का शराब ठेके बंद करवाना पड़े या फिर मेडिकल स्टोरों को ताला लगाना पड़े।
संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। गांव बेगू में नशे की रोकथाम को लेकर ग्रामीणों की तरफ से प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में रविवार को ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए गांव के ठेके का शटर बंद कर डेढ़ घंटे तक धरना दिया और सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेका अवैध होने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने ठेका संचालक को दो दिन का अल्टीमेटम देकर सभी दस्तावेज दिखाने की बात कही है। वहीं, ग्रामीणों ने रोष जाहिर करने के दौरान मेडिकल स्टोर संचालकों को भी नशे की गोलियां न बेचने की चेतावनी दी है।
रविवार को सुबह 11 बजे बेगू गांव की महिलाएं और पुरुष शराब ठेके के समक्ष एकत्र हुए। ऐसे में उन्होंने ठेकेदार और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया । ग्रामीणों का आते देखकर शराब ठेका संचालक शटर बंद कर वहां से चले गए। जिसके बाद ग्रामीणों ने शराब ठेके के बाहर ही धरना दे दिया। कुछ समय बाद ठेकेदार को मौके पर बुलाया गया और बातचीत की। वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शराब ठेका अवैध है और बिना अनुमति के ही चल रहा है, जिसके बाद ठेकेदार ने ठेके के वैध होने की जानकारी दी। ऐसे में सदर थाना प्रभारी ईश्वर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों की बात सुनीं। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि ठेकेदार दो दिन के अंदर ठेका संचालन के सभी दस्तावेजों को पेश करे। अगर दो दिन के अंदर दस्तावेजों को पेश नहीं किया गया तो वह अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। इस मौके पर सुरजीत सिंह बेगू, लाजवंती, सुरेश कुमार, छिंद्रपाल, सादोदेवी, रानी, संदीप व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
दवा विक्रेताओं को नशे की गोलियां न बेचने की दी चेतावनी
ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ भी रोष जाहिर किया। वहीं, उन्होंने कहा कि गांव में जो भी मेडिकल स्टोर संचालक नशे की गोलियों की सप्लाई युवाओं को कर रहा है व बंद कर दे। अगर उनकी तरफ से इसके बाद भी नशे की गोलियों की सप्लाई की जाती है तो वह अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि ग्रामीणों ने स्टोर संचालकों को भी दो दिन का समय है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसके बाद उन्हें गोलियां बेचने की जानकारी मिली तो स्टोर को बंद करवाया जाएगा।
मां बोली, बेटा शराब के कारण मर गया, अब पोतों की है चिंता
वहीं, रोष प्रदर्शन के दौरान महिला ने कहा कि उसका बेटा शराब का आदी था, जिसकी लत के कारण उसकी मौत हो गई है। अब उसका पोता है, जिसकी आयु कम है। ऐसे में उसे चिंता है कि कहीं वो भी अब नशे की गोलियों की लत में न पड़ जाए, जिसके कारण उसे पोते की भी देखरेख करनी पड़ती है। वहीं, महिला ने कहा कि 15 वर्ष के बच्चे भी नशे की गोलियों के आदी हो रहे है। गांव में स्थिति बेहद ही खराब है।
उपायुक्त के समक्ष सोमवार को पेश होंगे ग्रामीण और शराब ठेका संचालक
रोष प्रदर्शन के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचा ठेकेदार संचालक ने उपायुक्त के समक्ष सभी दस्तावेजों को पेश करनी की बात कहीं थी। जिसके बाद सदर थाना प्रभारी ने ठेकेदार और ग्रामीणों को सोमवार को उपायुक्त के समक्ष पेश होने की बात कहीं है। ऐसे में ग्रामीण भी सोमवार को उपायुक्त के समक्ष पेश होंगे ओर ठेके को बंद करने की मांग उठाएंगे।
ग्रामीण बोले प्रशासन साथ दे तो ठीक, नहीं तो अपने स्तर पर करेंगे कार्रवाई
वहीं, ग्रामीण सुरजीत सिंह ने कहा कि वह उपायुक्त, एसपी, सांसद और अन्य अधिकारियों के समक्ष भी नशा रोकने की मांग को लेकर पेश हो चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी किसी ने भी सुनवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अगर उनका साथ नहीं दिया तो वह अपने स्तर पर ही कार्रवाई करेंगे। इसके लिए चाहे उन्हें गांव का शराब ठेके बंद करवाना पड़े या फिर मेडिकल स्टोरों को ताला लगाना पड़े।
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