ख़बर सुनें
संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए उपायुक्त के आदेश के बाद बाल कल्याण समिति और श्रम विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान समिति ने आठ बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। अचानक की गई इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कुछ दुकानदार तो दुकान बंद कर चले गए। बाल कल्याण समिति ने नियमानुसार कार्रवाई कर बच्चों को उनके अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने बताया कि शहर में ऐसी शिकायतें मिली रही थी कि बाजारों में दुकानों पर नाबालिग से मजदूरी कराई जाती है। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने टीम का गठन किया। इस टीम में उनके अलावा, श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त आकाश मित्तल, एलपीओ मोनिका चौधरी सहित अन्य सोशल वर्कर शामिल थे। अनीता वर्मा ने कहा कि बाल कल्याण समिति कई दिनों से बाजारों में रेकी कर बाल मजदूरों को चिह्नित कर रही थी। टीम ने बुधवार देर शाम को पुलिस का सहयोग लेकर रोड़ी बाजार, सदर बाजार, मोहता मार्केट,गीता भवन वाली गली,सदर बाजार,पीएनबी वाली गली सहित अन्य जगहों पर जाकर औचक कार्रवाई शुरू की। इस दौरान 8 बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। इसके बाद दुकानदारों को नोटिस जारी कर बाल कल्याण समिति समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया। बच्चों के परिजनों व रिश्तेदारों को भी बुलाया गया। परिजनों व रिश्तेदारों को जागरूक करते हुए बताया गया कि बाल मजदूरी गैर कानूनी है।
बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है। किसी भी देश के बच्चे अगर शिक्षित और स्वस्थ होंगे तो वह देश उन्नति और प्रगति करेगा। देश में खुशहाली आएगी, लेकिन अगर बच्चे बचपन से ही किताबों को छोड़कर कारखानों में काम करने लगेंगे तो देश समाज का भविष्य उज्ज्वल नहीं होगा। – मोनिका चौधरी, अधिकारी, बाल कल्याण समिति, सिरसा।
बाल कल्याण समिति ने पुलिस को साथ लेकर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है। कार्रवाई के दौरान बाल कल्याण समिति ने करीब आठ बाल श्रमिकों को मुक्त करा कर परिजनों को सुपुर्द किया है। बच्चों के सर्वोत्तम हित को देखते हुए परिजनों को बाल मजदूरी नहीं कराने के लिए पाबंद भी किया है और साथ ही दुकानदारों को चेतावनी दी गई है। -अनीता वर्मा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति सिरसा।
संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए उपायुक्त के आदेश के बाद बाल कल्याण समिति और श्रम विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान समिति ने आठ बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। अचानक की गई इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कुछ दुकानदार तो दुकान बंद कर चले गए। बाल कल्याण समिति ने नियमानुसार कार्रवाई कर बच्चों को उनके अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने बताया कि शहर में ऐसी शिकायतें मिली रही थी कि बाजारों में दुकानों पर नाबालिग से मजदूरी कराई जाती है। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने टीम का गठन किया। इस टीम में उनके अलावा, श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त आकाश मित्तल, एलपीओ मोनिका चौधरी सहित अन्य सोशल वर्कर शामिल थे। अनीता वर्मा ने कहा कि बाल कल्याण समिति कई दिनों से बाजारों में रेकी कर बाल मजदूरों को चिह्नित कर रही थी। टीम ने बुधवार देर शाम को पुलिस का सहयोग लेकर रोड़ी बाजार, सदर बाजार, मोहता मार्केट,गीता भवन वाली गली,सदर बाजार,पीएनबी वाली गली सहित अन्य जगहों पर जाकर औचक कार्रवाई शुरू की। इस दौरान 8 बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। इसके बाद दुकानदारों को नोटिस जारी कर बाल कल्याण समिति समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया। बच्चों के परिजनों व रिश्तेदारों को भी बुलाया गया। परिजनों व रिश्तेदारों को जागरूक करते हुए बताया गया कि बाल मजदूरी गैर कानूनी है।
बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है। किसी भी देश के बच्चे अगर शिक्षित और स्वस्थ होंगे तो वह देश उन्नति और प्रगति करेगा। देश में खुशहाली आएगी, लेकिन अगर बच्चे बचपन से ही किताबों को छोड़कर कारखानों में काम करने लगेंगे तो देश समाज का भविष्य उज्ज्वल नहीं होगा। – मोनिका चौधरी, अधिकारी, बाल कल्याण समिति, सिरसा।
बाल कल्याण समिति ने पुलिस को साथ लेकर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है। कार्रवाई के दौरान बाल कल्याण समिति ने करीब आठ बाल श्रमिकों को मुक्त करा कर परिजनों को सुपुर्द किया है। बच्चों के सर्वोत्तम हित को देखते हुए परिजनों को बाल मजदूरी नहीं कराने के लिए पाबंद भी किया है और साथ ही दुकानदारों को चेतावनी दी गई है। -अनीता वर्मा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति सिरसा।
.