अंबाला. सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है, जहां लोग अपनी आस्था और विश्वास के साथ भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई प्रयास करते हैं. भक्तों की खाली झोली भरने वाली और सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मां शीतला की 1964 से शोभा यात्रा हर साल अंबाला छावनी में निकाली जाती है. इस यात्रा को लेकर भक्तों में भी काफी ज्यादा उत्साह होता है. यह शोभा यात्रा साउथ इंडियन क्लब के द्वारा निकाली जाती है.
मनोकामना पूर्ण होने पर करते हैं ये
इस शोभा यात्रा में मां शीतला के भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद माता का धन्यवाद करने के लिए श्रद्धा से अपने शरीर में कुंडे और त्रिशूल लगाकर यात्रा निकलते हैं. ज्यादा जानकारी देते हुए साउथ इंडियन क्लब के सदस्य शक्ति ने बताया कि मां शीतला की शोभा यात्रा हर साल उनके द्वारा अंबेडकर पार्क से शुरू की जाती है. जिसके बाद यह यात्रा बंधु नगर में संपन्न हो जाती है. यह यात्रा 1964 से साउथ इंडियन क्लब के द्वारा निकाली जा रही है.
शोभा यात्रा खत्म होने के बाद करते हैं अग्नि परीक्षा
जिसमें सबसे पहले मां शीतला के भक्तजन 21 या 11 दिन के व्रत रखते हैं. जिसमें भक्तजन नंगे पैर रहते है. शोभा यात्रा खत्म होने के बाद भक्तजन अग्नि परीक्षा करते है. इस अग्नि परीक्षा में अंगारों के ऊपर से भक्तजन गुजरते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए दूर-दूर के राज्यों से भक्त पहुंचते है.
वही इस बारे में जब यात्रा में शामिल भक्तजन से बात की तो उन्होंने बताया कि हर साल सावन माह के दौरान शीतला माता की हम पूजन करते है. जिसमें माता शीतला के व्रत रखने होते है. जिसमें अपनी-अपनी मन्नत पूरी होने के बाद भक्त यात्रा निकलते है. यह यात्रा बंधु नगर से शुरू होती है. यात्रा समाप्त होने के बाद भक्तजन अग्नि परीक्षा देंगे.
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