नई दिल्ली. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की सदस्य इकाईयों ने दौरा करने पहुंची फीफा-एएफसी टीम से बुधवार को मुलाकात की और उन्हें सूचित किया कि उच्चतम न्यायालय का राष्ट्रीय खेल संस्था में हस्तक्षेप ‘जरूरी’ था. पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने प्रफुल्ल पटेल की अगुआई वाले दल को एआईएफएफ से बाहर कर दिया था तथा राष्ट्रीय संस्था के दिनचर्या के काम को चलाने के अलावा नये संविधान को बनाने और चुनाव कराने के लिए 3 सदस्यीय प्रशासकों की समिति गठित की थी.
ऐसी अटकलें तभी से लग रही हैं कि भारत पर फीफा प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि एआईएफएफ के मामलों में तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप हुआ है. हालांकि फीफा-एएफसी दल के दौरे से इस तरह की आशंकायें काफी हद तक स्पष्ट हो गईं. दौरे के दूसरे दिन टीम ने राज्य संघों की सात सदस्यीय समिति से चर्चा की.
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बैठक में शिरकत करने वाले एक शीर्ष सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘बातचीत काफी सकारात्मक रही. हमने दौरा करने वाली टीम को बता दिया कि उच्चतम न्यायालय को क्यों हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि (पटेल की अगुआई वाले) पुराने दल ने कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव नहीं कराए थे.’
उन्होंने कहा, ‘(चुनाव नहीं कराने से) काफी भ्रम की स्थिति बन गई थी और इससे भारतीय फुटबॉल प्रभावित हो रही थी. यह देश के खेल के लिए अच्छा नहीं था. इसलिए ये सारी बातें फीफा-एएफसी टीम को बताई गईं कि सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी था. इससे निकलने का कोई और तरीका नहीं था.’
पता चला है कि फीफा चाहता है कि राष्ट्रीय महासंघ के ‘बदलाव के दौर’ का समय संक्षिप्त रहे. उन्होंने कहा, ‘फीफा के एक तारीख निर्धारित करने की संभावना है जिससे पहले एआईएफएफ के चुनाव कराए जाने चाहिए ताकि भारत में होने वाला फीफा अंडर-17 विश्व कप नये अधिकारियों की टीम द्वारा आयोजित किया जाए.’ हालांकि अभी तक कुछ भी आधिकारिक नहीं है और चीजें तभी स्पष्ट होंगी जब फीफा अधिकारी गुरूवार को सीओए सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे.
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Tags: AFC, AIFF, Football, Sports news, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 20:01 IST
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