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बिशन स्वरूप कॉलोनी में फाइनेंसर रमेश की हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मास्टर माइंड आरोपी ने 15 लाख कर्ज होने पर दोस्तों संग लूट की साजिश रची। पहले रमेश के ऑफिस की रेकी की और फाइनेंसर के ऑफिस में घुसे। 25 लाख रुपये लूटने के बाद रमेश की हत्या कर फरार हो गए थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर नकदी बरामद करने और अन्य साथियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए चार दिन के रिमांड पर लिया है।
एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि सीआईए एक ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की। सभी आरोपियों को रोहतक गोहाना बाईपास पर दिल्ली पैरलल नहर पुल के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान वधावाराम कॉलोनी निवासी दीपक उर्फ दीपू, गांव सिवाह निवासी बीएससी पास मंजीत उर्फ मोनू, धनसौली निवासी सितेंद्र उर्फ मोहित और सुमित उर्फ मोनू के रूप में हुई। वारदात के मास्टर माइंड दीपक और मंजीत है। उन्होंने असतेंद्र और सुमित को कमीशन देकर वारदात को अंजाम दिया।
आरोपी दीपक फैक्टरियों में कपड़े की छटाई का ठेका लेता है। वह कुछ समय पहले बिशन स्वरूप कॉलोनी में फाइनेंसर रमेश के पास गया था। इस दौरान उसे भनक लगी कि ऑफिस में हर समय रकम होती है। दीपक की मंजीत से दोस्ती थी, दोनों ने ज्वेल्स होटल में कमरा लेकर सट्टे का अवैध धंधा शुरू कर दिया। इसमें मंजीत ने अपने साथी सितेंद्र एवं सुमित को भी शामिल कर लिया। आरोपी मंजीत के ऊपर 15 लाख की देनदारी थी। दीपक को भी मंजीत पर कर्ज की जानकारी थी। दोनों ने साजिश रची और सीपीयू ठीक कराने के बहाने फाइनेंसर के ऑफिस पहुंचकर वारदात अंजाम दी।
तीन ने दिया वारदात को अंजाम, एक देता रहा पहरा
एसपी के मुताबिक गत 10 जून को आरोपी मंजीत ऑफिस में गया और गुजरात से रुपये मंगवाने की बात कही। रमेश के पास उस दिन रकम नहीं थी तो उसने मंजीत से कहा कि दो दिन में बताएगा। रमेश ने 11 जून को फोन कर मंजीत को ऑफिस में बुलाया। मंजीत साथी दीपक, सितेंद्र व सुमित को लेकर वहा पहुंचा। दीपक को रखवाली के लिए बाहर खड़ाकर तीनों ऑफिस के अंदर गए। रमेश का मुंह हाथ व पैर टेप से बांधकर अलमारी में रखे 25 लाख रुपये निकाल लिए। विरोध करने पर रमेश को पीटा और हत्या कर दी।
बिशन स्वरूप कॉलोनी में फाइनेंसर रमेश की हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मास्टर माइंड आरोपी ने 15 लाख कर्ज होने पर दोस्तों संग लूट की साजिश रची। पहले रमेश के ऑफिस की रेकी की और फाइनेंसर के ऑफिस में घुसे। 25 लाख रुपये लूटने के बाद रमेश की हत्या कर फरार हो गए थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर नकदी बरामद करने और अन्य साथियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए चार दिन के रिमांड पर लिया है।
एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि सीआईए एक ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की। सभी आरोपियों को रोहतक गोहाना बाईपास पर दिल्ली पैरलल नहर पुल के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान वधावाराम कॉलोनी निवासी दीपक उर्फ दीपू, गांव सिवाह निवासी बीएससी पास मंजीत उर्फ मोनू, धनसौली निवासी सितेंद्र उर्फ मोहित और सुमित उर्फ मोनू के रूप में हुई। वारदात के मास्टर माइंड दीपक और मंजीत है। उन्होंने असतेंद्र और सुमित को कमीशन देकर वारदात को अंजाम दिया।
आरोपी दीपक फैक्टरियों में कपड़े की छटाई का ठेका लेता है। वह कुछ समय पहले बिशन स्वरूप कॉलोनी में फाइनेंसर रमेश के पास गया था। इस दौरान उसे भनक लगी कि ऑफिस में हर समय रकम होती है। दीपक की मंजीत से दोस्ती थी, दोनों ने ज्वेल्स होटल में कमरा लेकर सट्टे का अवैध धंधा शुरू कर दिया। इसमें मंजीत ने अपने साथी सितेंद्र एवं सुमित को भी शामिल कर लिया। आरोपी मंजीत के ऊपर 15 लाख की देनदारी थी। दीपक को भी मंजीत पर कर्ज की जानकारी थी। दोनों ने साजिश रची और सीपीयू ठीक कराने के बहाने फाइनेंसर के ऑफिस पहुंचकर वारदात अंजाम दी।
तीन ने दिया वारदात को अंजाम, एक देता रहा पहरा
एसपी के मुताबिक गत 10 जून को आरोपी मंजीत ऑफिस में गया और गुजरात से रुपये मंगवाने की बात कही। रमेश के पास उस दिन रकम नहीं थी तो उसने मंजीत से कहा कि दो दिन में बताएगा। रमेश ने 11 जून को फोन कर मंजीत को ऑफिस में बुलाया। मंजीत साथी दीपक, सितेंद्र व सुमित को लेकर वहा पहुंचा। दीपक को रखवाली के लिए बाहर खड़ाकर तीनों ऑफिस के अंदर गए। रमेश का मुंह हाथ व पैर टेप से बांधकर अलमारी में रखे 25 लाख रुपये निकाल लिए। विरोध करने पर रमेश को पीटा और हत्या कर दी।
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