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गुरुग्राम। परीक्षा के दौरान बोर्ड में फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) और दूसरे प्रमाण पत्र जमा कराने के कारण हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने जिले के 10वीं और 12वीं के 5 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोक दिया है। इनमें चार विद्यार्थी 10वीं के जबकि 12वीं की एक छात्रा है।
मंगलवार को प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना और जिनका परिणाम रोका गया है, उन विद्यार्थियों का ब्योरा भेज दिया गया। इस सूची के मुताबिक प्रदेश में कुल 2582 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है। इनमें 10वीं कक्षा के 1741 और 12वीं के 841 शामिल हैं। गुरुग्राम में जिन स्कूलों और विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है, उनमें 10वीं कक्षा के मानेसर के दीपिका पब्लिक और जमालपुर स्कूल के 2-2 विद्यार्थी शामिल हैं। 12वीं कक्षा में अुर्जन नगर के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एक छात्रा का परिणाम रोक दिया गया है।
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बोर्ड की ओर से जारी की गई फर्जी प्रमाण पत्र भेजने वाले विद्यार्थियों की सूची अभी नहीं मिली है। सूची मिलने के बाद जिला स्तर पर भी इन विद्यार्थियों के दस्तावेज की जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर फर्जी दस्तावेज भेजे गए हैं।
कैप्टन इंदु बोकन, जिला शिक्षा अधिकारी
गुरुग्राम। परीक्षा के दौरान बोर्ड में फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) और दूसरे प्रमाण पत्र जमा कराने के कारण हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने जिले के 10वीं और 12वीं के 5 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोक दिया है। इनमें चार विद्यार्थी 10वीं के जबकि 12वीं की एक छात्रा है।
मंगलवार को प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना और जिनका परिणाम रोका गया है, उन विद्यार्थियों का ब्योरा भेज दिया गया। इस सूची के मुताबिक प्रदेश में कुल 2582 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है। इनमें 10वीं कक्षा के 1741 और 12वीं के 841 शामिल हैं। गुरुग्राम में जिन स्कूलों और विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है, उनमें 10वीं कक्षा के मानेसर के दीपिका पब्लिक और जमालपुर स्कूल के 2-2 विद्यार्थी शामिल हैं। 12वीं कक्षा में अुर्जन नगर के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एक छात्रा का परिणाम रोक दिया गया है।
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बोर्ड की ओर से जारी की गई फर्जी प्रमाण पत्र भेजने वाले विद्यार्थियों की सूची अभी नहीं मिली है। सूची मिलने के बाद जिला स्तर पर भी इन विद्यार्थियों के दस्तावेज की जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर फर्जी दस्तावेज भेजे गए हैं।
कैप्टन इंदु बोकन, जिला शिक्षा अधिकारी
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