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जिसके मन के अंदर गुरु का प्रकाश हो गया उसे किसी और की जरूरत नहीं। इसलिए गुरुघर में आकर अरदास करो और कभी भी मन से गुरु को नहीं भुलाना चाहिए। यह बात कथावाचक भाई परमजीत सिंह निसिंग वाले ने कही। वो गुरुनानक देव के प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में जगजीवनपुरा स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में आयोजित समागम में उपस्थित संगत के साथ गुरमत विचार साझे कर रहे थे।
उनके अलावा रागी जत्था भाई पुष्विंद्र सिंह पाऊंटा साहिब वाले, गुरुद्वारा जगजीवनपुरा के हजूरी रागी जत्था भाई देवेंद्र सिंह, मेन बाजार स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा के हजूरी रागी जत्था भाई हरविंद्र सिंह और गुरुद्वारा गुरुनानकपुरा के हजूरी रागी जत्था ने शब्द कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। कथावाचक ने कहा कि दीवाली पर हम अपने घर के बाहर तो रोशनी करते हैं लेकिन अपने मन के अंदर रोशनी नहीं करते है। अगर हम अपने मन के अंदर रोशनी करें तो हमारे अंदर गुरु जी के नाम की ज्योति हमारे अंदर भी उजाला करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि आज हम गुरु नानकदेव जी का प्रकाश दिवस मना रहे है।
इसको मनाने का फायदा तभी है जब हमारे अंदर भी गुरु के नाम का प्रकाश होगा। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर को जिस तरह भूख लगती है तो हम खाना खाते है। इसी तरह आत्मा की भूख को नाम रूपी खाने की जरूरत होती है लेकिन हम सिर्फ अपने शरीर को भूखी को शांत करने का काम करते है आत्मा की भूख का नहीं।
रागी जत्थों ने इस अवसर पर सतगुरु नानक प्रगट होया मिटी धुंध जग चानन होया, बाबा नानका शब्द अटूट बाबा नानका, गुरुनानक दी वढिआई, जैंसा सतगुर सुनिंदा तैसा ही मैं ढीठ, मन क्यूं बेराग करे मेरा सतगुरु पूरा आदि शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया गया। मंच संचालन गुरुद्वारा सिंह सभा के महासचिव महेंद्र सिंह वधवा ने किया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी प्रधान अजीत सिंह सचदेवा, महासचिव महेंद्र सिेंह वधवा, महेंद्र सिंह ग्रोवर, हरदयाल सिंह कश्मीर सिंह, जरनैल सिंह, गुरप्रीत सिंह, बलविंदर सिंह, हरमिंदर सिंह ग्रोवर, गुलशन मोंगा, राणा जोहल, गुरप्रीत सिंह बग्गा, अजमेर सिंह, अ्वतार मोंगा, रसप्रीत सिंह, मुख्तयार सिंह, रमनदीप सिंह, सौरभ टुटेजा सहित अनेक संगत उपस्थित थी।
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