पॉलिस्टर धागे के रेट बढ़े तो बंद हो गए 20 बड़े कंबल प्लांट


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पानीपत। पॉलिस्टर धागे के लगातार बढ़ रहे दामों से मिंक एवं पोलर कंबल के 20 बड़े प्लांट बंद हो गए हैं। 140 कंबल उद्योग एक ही शिफ्ट में चल रहे हैं। मई में कंबल का उत्पादन जोरों पर होता है लेकिन इस साल मांग काफी कम है। उद्यमियों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
चीन से 3 डी बेडशीट का आयात बंद करने वाले उद्यमियों के सामने अब फैक्ट्रियां चलाना चुनौती बन गया है। पानीपत में पॉलिस्टर धागा चीन की तुलना में 15 से 20 रुपये महंगा है। चीन से 3 डी बेडशीट मंगाने पर 10 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। इसके अलावा अन्य टेक्सटाइल उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी 20 प्रतिशत है। पानीपत के उद्यमियों को ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। धागे के रेट में पिछले साल के मुताबिक 50 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा हो गया है। उद्यमियों का कहना है कि पॉलिस्टर धागे की बढ़ती कीमत और अधिक उत्पादन ने इस साल मिंक और पोलर कंबल की मांग को कम कर दिया है। शहर के 150 छोटे-बड़े प्लांटों में से 80 मिंक एवं 40 पोलर कंबल और बाकी 3डी बेडशीट के हैं। पिछले साल तक प्रतिदिन लगभग आठ लाख किलोग्राम मिंक कंबल का उत्पादन होता है यानि 3.20 लाख कंबल हर रोज बनते थे।
पानीपत में धागा 120 से 130 रुपये प्रति किलो मिलता है। 3डी बेडशीट 200 से 225 रुपये पड़ती है। यही बेडशीट चीन से मंगाई जाए तो कारोबारी को 180 से 190 में मिल जाती है। इस समय पानीपत में करीब 20 लाख मीटर कपड़े का उत्पादन रोजाना हो रहा है। चीन से दो लाख मीटर कपड़े का आयात किया जा रहा है। धागे की कीमत न घटी तो आयात और बढ़ सकता है।
20 प्रतिशत उद्योग हो चुके हैं बंद – प्रीतम
इंडस्ट्रियल एसोसिएशन पानीपत के प्रधान प्रीतम सचदेवा ने बताया कि इस साल मिंक और पोलर कंबल की मांग में भारी गिरावट देखी गई है। इस वजह से प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं। लगभग 20 प्रतिशत कंबल उद्योग बंद हो चुके हैं। 80 प्रतिशत उद्योग एक ही शिफ्ट में चल रहे हैं। पहले ये तीनों शिफ्ट में चलते थे। ये ही कंबल उत्पादन का पीक समय होता है। धागे के रेट में हुई बढ़ोतरी से मांग न के बराबर हो गई है।

पानीपत। पॉलिस्टर धागे के लगातार बढ़ रहे दामों से मिंक एवं पोलर कंबल के 20 बड़े प्लांट बंद हो गए हैं। 140 कंबल उद्योग एक ही शिफ्ट में चल रहे हैं। मई में कंबल का उत्पादन जोरों पर होता है लेकिन इस साल मांग काफी कम है। उद्यमियों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

चीन से 3 डी बेडशीट का आयात बंद करने वाले उद्यमियों के सामने अब फैक्ट्रियां चलाना चुनौती बन गया है। पानीपत में पॉलिस्टर धागा चीन की तुलना में 15 से 20 रुपये महंगा है। चीन से 3 डी बेडशीट मंगाने पर 10 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। इसके अलावा अन्य टेक्सटाइल उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी 20 प्रतिशत है। पानीपत के उद्यमियों को ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। धागे के रेट में पिछले साल के मुताबिक 50 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा हो गया है। उद्यमियों का कहना है कि पॉलिस्टर धागे की बढ़ती कीमत और अधिक उत्पादन ने इस साल मिंक और पोलर कंबल की मांग को कम कर दिया है। शहर के 150 छोटे-बड़े प्लांटों में से 80 मिंक एवं 40 पोलर कंबल और बाकी 3डी बेडशीट के हैं। पिछले साल तक प्रतिदिन लगभग आठ लाख किलोग्राम मिंक कंबल का उत्पादन होता है यानि 3.20 लाख कंबल हर रोज बनते थे।

पानीपत में धागा 120 से 130 रुपये प्रति किलो मिलता है। 3डी बेडशीट 200 से 225 रुपये पड़ती है। यही बेडशीट चीन से मंगाई जाए तो कारोबारी को 180 से 190 में मिल जाती है। इस समय पानीपत में करीब 20 लाख मीटर कपड़े का उत्पादन रोजाना हो रहा है। चीन से दो लाख मीटर कपड़े का आयात किया जा रहा है। धागे की कीमत न घटी तो आयात और बढ़ सकता है।

20 प्रतिशत उद्योग हो चुके हैं बंद – प्रीतम

इंडस्ट्रियल एसोसिएशन पानीपत के प्रधान प्रीतम सचदेवा ने बताया कि इस साल मिंक और पोलर कंबल की मांग में भारी गिरावट देखी गई है। इस वजह से प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं। लगभग 20 प्रतिशत कंबल उद्योग बंद हो चुके हैं। 80 प्रतिशत उद्योग एक ही शिफ्ट में चल रहे हैं। पहले ये तीनों शिफ्ट में चलते थे। ये ही कंबल उत्पादन का पीक समय होता है। धागे के रेट में हुई बढ़ोतरी से मांग न के बराबर हो गई है।

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