भारतीय हॉकी टीम के सीनियर खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण नहीं जीत पाना निराशाजनक था लेकिन लगातार दूसरा कांस्य पदक भी बुरा नहीं है। आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता। भारत ने आखिरी बार ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण 1980 में जीता था।
मनप्रीत ने पीटीआई वीडियो से कहा, ”बहुत अच्छा लग रहा है। पिछली बार हमने कांस्य जीता था और इस बार भी जीता। टीम फाइनल खेलने के इरादे से गई थी लेकिन जीत नहीं सकी। लेकिन हमने कांस्य जीता और इतना प्यार पाकर अच्छा लग रहा है।” मनप्रीत ने टीम की मानसिक दृढता की भी तारीफ की जिसने ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलकर जीत दर्ज की।
मनप्रीत ने कहा, ”हमें इस तरह के हालात में खेलने की ट्रेनिंग मिली थी। अगर किसी को ग्रीन या यलो कार्ड मिला है तो कैसे खेलना है। लेकिन हमें नहीं लगा था कि उसे रेडकार्ड मिलेगा। अमित रोहिदास की कोई गलती नहीं थी लेकिन उसे रेड कार्ड मिला।” उन्होंने कहा, ”टीम ने डिफेंस में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिये। पेनल्टी कॉर्नर भी हमने बखूबी बचाए।”
अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल चुके गोलकीपर पी आर श्रीजेश के बारे में उन्होंने कहा, ”श्रीजेश के बारे में क्या कहूं। उसके साथ 13 साल बिताये हैं। वह मेरा सीनियर था और मुझे गाइड किया। जब मैं कप्तान बना तब भी मेरा समर्थन किया। उसने हमेशा मुझे प्रेरित किया है। वह लीजैंड है और मुझे उसकी कमी खलेगी क्योंकि मेरे लिए वह बड़े भाई जैसा है।”
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरूष हॉकी टीम के सदस्यों का शनिवार की सुबह देश पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। भारतीय टीम स्पेन को कांस्य पदक के मुकाबले में 2-1 से हराकर हॉकी में 13वां ओलंपिक पदक जीतकर लौटी। भारतीय हॉकी की दीवार श्रीजेश पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में दो पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर के साथ भारत के ध्वजवाहक होंगे।
पेरिस ओलंपिक में फाइनल खेलना चाहते थे लेकिन…ये क्या बोल गए मनप्रीत सिंह? रेड कार्ड पर रखी बेबाक राय