राजस्थान के सीएम गहलोत के बयान पर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिय ने पलटवार किया है। पूनिया ने कहा कि सीएम गहलोत चाहे तो बीजेपी के दफ्तर में पुलिस घुसा दें। कौन मना करता है। हमने तो कभी मना नहीं किया। जनता को जवाब देना पड़ेगा। पूनिया ने राजधानी जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस का इस्तेमाल करना गहलोत की पुरानी फितरत है। सचिन पायलट पर राजद्रोह के केस दर्ज किया गया। उल्लेखनीय है कि आज दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस की एंट्री पर सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी अगर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है। धरना दे रही है। प्रदर्शन कर रही है, तो करे वो डेमोक्रेसी है। तो क्या हम ऐसा ही व्यवहार करें वहां पर तो इन पर क्या बीतेगी? राजस्थान के जितने भी तथाकथित नेता हैं। उनको यहां मैसेज देना चाहिए कि एआईसीसी में पुलिस भेजकर आपने बहुत गलत काम किया है। हम यहां बैठे हैं। हमारा ऑफिस है बीजेपी का, कल सरकार हमारी नहीं है, कोई हमारे ऑफिस में घुस जाएं तो फिर क्या होगा? ये उनकी ड्यूटी बनती है।
पूनिया बोले- लोगों को भड़काने की कोशिश
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार की इसमें भूमिका घृणित और विध्वंसक है। लोकतंत्र में कोई योजना लागू होती है। उसके खिलाफ कैबिनेट में कोई प्रस्ताव लागू करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह से लोगों को भड़काने और गुमराह करने की सरकार की कोशिश रही है और इसके लिए सरकार की पूरी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया है। पूनिया ने कहा कि इस तरह से कैबिनेट में प्रस्ताव को अप्रूव किया है। यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि उनको चाहिए था कि योजनाओं की खूबी के बारे में युवाओं को बताते और उन्हें इस योजना से जुड़ने के लिए जागरूक करते हैं। पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी को ईडी का नोटिस है, इसमें बीजेपी का कोई दखल नहीं है. ईडी संवैधानिक संस्था है और अदालत के आदेश पर उन्होंने केस की जांच शुरू की है।
गहलोत ने साधा था भाजपा पर निशाना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एआईसीसी कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस के घुसने पर भाजपा पर निशाना साधा था। गहलोत ने कहा कि राजस्थान के बीजेपी दफ्तर में पुलिस घुस जाएगी तो बीजेपी पर क्या बीतेगी। सीएम गहलोत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी पर जमकर प्रहार किए। सीएम ने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार है। बीजपी वाले राजस्थान में आंदोलन करें, तो क्या हम वो ही व्यवहार करें जो इन्होंने हमारे साथ किया। एआईसीसी का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। मीडियावालों को और वर्कर्स को पीटकर बाहर निकाल दिया। राजस्थान में आज हम लोग सरकार में है। बीजेपी अगर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है। धरना दे रही है। प्रदर्शन कर रही है, तो करे वो डेमोक्रेसी है। तो क्या हम ऐसा ही व्यवहार करें वहां पर तो इन पर क्या बीतेगी? राजस्थान के जितने भी तथाकथित नेता हैं। उनको यहां मैसेज देना चाहिए कि एआईसीसी में पुलिस भेजकर आपने बहुत गलत काम किया है। हम यहां बैठे हैं। हमारा ऑफिस है बीजेपी का, कल सरकार हमारी नहीं है, कोई हमारे ऑफिस में घुस जाएं तो फिर क्या होगा? ये उनकी ड्यूटी बनती है।
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