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फरीदाबाद: हरियाड़ा के फरीदाबाद की सड़कों पर एक लड़की ऑटो रिक्शा चलाती है. वह पुरुष ऑटो चालकों को टक्कर देती है. उसका कहना है कि मजबूरी में उसे यह काम करना पड़ता है, लेकिन दूसरों के सामने हाथ फैलाने से ये बेहतर है. उसे इस काम में कोई शर्म नहीं है. उसने बताया कि पिता की मृत्यु हो जाने के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी, जिसके बाद उसने ऑटो की स्टेरिंग संभाली.
आज के दौर में लड़कियां किसी से कम नहीं हैं. रोजगार और परिवार के लिए वे पुरुषों के बराबर का काम कर सकती हैं. ऐसे ही फरीदाबाद में सोनाली ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा कर रही है. सोनाली ने बताया कि वह यूपी की रहने वाली है, जो फरीदाबाद मे कई साल से रह रही हैं. वर्तमान में वह 20 साल की है. पिता की मृत्यु के बाद घर चलाने वाला कोई नहीं था.
मुझे कोई शर्म नहीं है
आगे बताया कि उसकी छोटी 3 बहनें हैं. घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब हो गई थी, इसलिए उसे ऑटो रिक्शा चलाना पड़ा. वह फरीदाबाद की कई जगहों पर ऑटो रिक्शा चलाती है. कहा, ”भीख मांगने से अच्छा है कि कोई मेहनत-मजदूरी करूं. काम में कोई शर्म नहीं है. भीख मांगने में शर्म है. कोई भी काम करें, काम की कमी नहीं है, करने वाला चाहिए. हर रोज ऑटो रिक्शा चलाकर 500 से ₹700 के बीच कमाती हूं, जिससे घर का गुजारा कर पा रही हूं. आजकल कंपटीशन ज्यादा है. फरीदाबाद में कई ऑटो रिक्शा चालक हैं. कई बार ऐसा होता है कि सवारी कम मिलती है. निराश होकर घर जाना पड़ता है. लेकिन, मुझे कोई शर्म नहीं है.”
महिलाओं को दिया संदेश
वहीं महिलाओं को संदेश देते हुए सोनाली ने कहा कि कभी भी काम में शर्म नहीं करनी चाहिए. मेहनत करो उसका फल मिलता है. चाहे दिन में 100, 200 या 300 कमाओ केवल लाइफ में मेहनत जरूरी है.
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