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शुक्रवार को इस मौसम की पहली हल्की बारिश ने शहर में जलभराव के सभी दावे फिर धो डाले। अब तक करीब 40 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद शहर की सड़कों पर बारिश का पानी जमा दिखाई देने से साफ है कि अभी इस काम के लिए गंभीरता से वर्क आउट किए जाने की जरूरत है।
नगर परिषद ने जहां शहर के 31 वार्डों, जहां सीवर जाम की समस्या थी वहां शिकायत वाली जगहों के सीवर साफ कराकर आठ लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। इसके अलावा जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नालों के साथ बिजली आधारित मोटर सैट लगाकर उनको बिजली कनेक्शन के साथ जोड़ दिया गया है। तीन जगह यह काम हो चुका है जबकि बावल रोड के पास नागपाल साउंड के पास यह काम अभी अधूरा है।
जल भराव की समस्या कई दशक पुरानी
बता दें, शहर में जल भराव की समस्या कई दशक पुरानी है और लगभग हर मानसून में शहर को जल भराव की स्थिति झेलनी पड़ती है। मुख्य बाजार हो या बाहरी कालोनियां या फिर जिला मुख्यालय की ओर आने वाली सड़कें अधिकांश पर जल भराव साफ नजर आता है। शुक्रवार को हल्की बारिश के बाद जलभराव का नजारा साफ दिखा। बावल रोड पर नई सब्जी मंडी तक आधी सड़क पर जल भराव साफ दिखाई दिया जबकि इस सड़क के दोनों ओर बरसाती नाले का निर्माण कराया जा चुका है।
जगह- जगह भरा बारिश का पानी
दिल्ली रोड हो या फिर कालाका रोड, शक्ति नगर का इलाका हो या फिर सेक्टर 1 काफी जगह पर बारिश का पानी का भराव रहा। डीसी अशोक कुमार गर्ग के निवासी की नाक नीचे चंद मीटर पर हुडा मार्केट के पास ही सड़क पर जल भराव साफ नजर आया। उधर नगर परिषद के वार्ड नंबर 2 में बारिश के जल भराव की समस्या ने इस बार भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को भी लगभग यही नजारा देखने को मिला। झज्जर फ्लाईओवर के दोनों ओर जल भराव की स्थिति दिखाई दी। इस समस्या की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। शहर के वार्ड 31 हो या 25, वार्ड 5 हो या रामपुरा, कुतुबपुर, गुलाबी बाग, शास्त्री नगर, यादव नगर, महावीर नगर, विकास नगर, उत्तम नगर समेत अनेक इलाकों में बरसाती पानी के भराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। सूरत ए हाल यह है कि मानसून सिर पर है मगर नगर में जल भराव की समस्या का स्थायी समाधान इस बार भी होता नजर नहीं आ रहा।
पॉलिथीन और प्लास्टिक के गिलास नालियों को करते हैं अवरुद्ध
बता दें, नगर परिषद की सीमा के भीतर एक सर्वेक्षण के अनुसार 8 हजार से सीवरेज हैं। बार-बार पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद गली मोहल्लों में पॉलिथीन और प्लास्टिक के गिलास नालियों को अवरुद्ध करते दिखाई दे जाएंगे। नगर अधिकारियों के मुताबिक इस बार 1800 से अधिक सीवर साफ कराए गए हैं। फरवरी से यह काम शुरू हुआ जो अप्रैल के अंत तक चला। ऐसी सूरत में सभी सीवरों की सफाई इस बार भी नहीं हो पाई। ऐसी सूरत में जल भराव की संभावनाएं प्रबल हैं।
शहर में नालों की सफाई नगर परिषद करा रही है जबकि सीवर सफाई का काम जनस्वास्थ्य विभाग करता है। काफी सीवर साफ करा दिए हैं। मानसून की बारिश तेज अधिक होती है या कम यह कोई नहीं बता सकता। भगवान पर सब कुछ निर्भर है। हम अपने प्रयास कर रहे हैं कि नगर में जल भराव न हो। हम बाजार के दुकानदारों से मिले हैं जिन्होंने बताया कि इस बार जल भराव कम हुआ। -पूनम यादव, चेयरपर्सन नगर परिषद, रेवाड़ी।
शहर में बरसाती जल का भराव न हो, इसके लिए तीन जगहों पर वाटर पिट बनाए गए हैं। 30 लाख रुपये खर्च हो गए हैं। चौथी जगह यह काम अभी होना है। सीवर की सफाई का काम कराया गया है। हमारी कोशिश है कि जल भराव न हो। – विनय प्रकाश चौहान, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग।
शुक्रवार को इस मौसम की पहली हल्की बारिश ने शहर में जलभराव के सभी दावे फिर धो डाले। अब तक करीब 40 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद शहर की सड़कों पर बारिश का पानी जमा दिखाई देने से साफ है कि अभी इस काम के लिए गंभीरता से वर्क आउट किए जाने की जरूरत है।
नगर परिषद ने जहां शहर के 31 वार्डों, जहां सीवर जाम की समस्या थी वहां शिकायत वाली जगहों के सीवर साफ कराकर आठ लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। इसके अलावा जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नालों के साथ बिजली आधारित मोटर सैट लगाकर उनको बिजली कनेक्शन के साथ जोड़ दिया गया है। तीन जगह यह काम हो चुका है जबकि बावल रोड के पास नागपाल साउंड के पास यह काम अभी अधूरा है।
जल भराव की समस्या कई दशक पुरानी
बता दें, शहर में जल भराव की समस्या कई दशक पुरानी है और लगभग हर मानसून में शहर को जल भराव की स्थिति झेलनी पड़ती है। मुख्य बाजार हो या बाहरी कालोनियां या फिर जिला मुख्यालय की ओर आने वाली सड़कें अधिकांश पर जल भराव साफ नजर आता है। शुक्रवार को हल्की बारिश के बाद जलभराव का नजारा साफ दिखा। बावल रोड पर नई सब्जी मंडी तक आधी सड़क पर जल भराव साफ दिखाई दिया जबकि इस सड़क के दोनों ओर बरसाती नाले का निर्माण कराया जा चुका है।
जगह- जगह भरा बारिश का पानी
दिल्ली रोड हो या फिर कालाका रोड, शक्ति नगर का इलाका हो या फिर सेक्टर 1 काफी जगह पर बारिश का पानी का भराव रहा। डीसी अशोक कुमार गर्ग के निवासी की नाक नीचे चंद मीटर पर हुडा मार्केट के पास ही सड़क पर जल भराव साफ नजर आया। उधर नगर परिषद के वार्ड नंबर 2 में बारिश के जल भराव की समस्या ने इस बार भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को भी लगभग यही नजारा देखने को मिला। झज्जर फ्लाईओवर के दोनों ओर जल भराव की स्थिति दिखाई दी। इस समस्या की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। शहर के वार्ड 31 हो या 25, वार्ड 5 हो या रामपुरा, कुतुबपुर, गुलाबी बाग, शास्त्री नगर, यादव नगर, महावीर नगर, विकास नगर, उत्तम नगर समेत अनेक इलाकों में बरसाती पानी के भराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। सूरत ए हाल यह है कि मानसून सिर पर है मगर नगर में जल भराव की समस्या का स्थायी समाधान इस बार भी होता नजर नहीं आ रहा।
पॉलिथीन और प्लास्टिक के गिलास नालियों को करते हैं अवरुद्ध
बता दें, नगर परिषद की सीमा के भीतर एक सर्वेक्षण के अनुसार 8 हजार से सीवरेज हैं। बार-बार पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद गली मोहल्लों में पॉलिथीन और प्लास्टिक के गिलास नालियों को अवरुद्ध करते दिखाई दे जाएंगे। नगर अधिकारियों के मुताबिक इस बार 1800 से अधिक सीवर साफ कराए गए हैं। फरवरी से यह काम शुरू हुआ जो अप्रैल के अंत तक चला। ऐसी सूरत में सभी सीवरों की सफाई इस बार भी नहीं हो पाई। ऐसी सूरत में जल भराव की संभावनाएं प्रबल हैं।
शहर में नालों की सफाई नगर परिषद करा रही है जबकि सीवर सफाई का काम जनस्वास्थ्य विभाग करता है। काफी सीवर साफ करा दिए हैं। मानसून की बारिश तेज अधिक होती है या कम यह कोई नहीं बता सकता। भगवान पर सब कुछ निर्भर है। हम अपने प्रयास कर रहे हैं कि नगर में जल भराव न हो। हम बाजार के दुकानदारों से मिले हैं जिन्होंने बताया कि इस बार जल भराव कम हुआ। -पूनम यादव, चेयरपर्सन नगर परिषद, रेवाड़ी।
शहर में बरसाती जल का भराव न हो, इसके लिए तीन जगहों पर वाटर पिट बनाए गए हैं। 30 लाख रुपये खर्च हो गए हैं। चौथी जगह यह काम अभी होना है। सीवर की सफाई का काम कराया गया है। हमारी कोशिश है कि जल भराव न हो। – विनय प्रकाश चौहान, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग।
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