परिजनों ने नम आंखों से की सचिन की अंत्येष्टि, गांव में पसरा मातम


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जुलाना। रोहतक में एक पीजी में रहकर नौकरी की तैयारी कर रहे लजवानां कलां निवासी युवक सचिन (22) के फंदे से लटक कर खुदकुशी करने की घटना से गांव में मातम पसर गया है। यह घटना वीरवार की सुबह हुई। शव पहुंचने के बाद दोपहर बाद परिजनों ने नम आंखों से गांव में ही सचिन की अंत्येष्टि की। शव यात्रा में गांव के लोग उमड़े हुए थे। हर किसी की आंखें नम थी। सभी यही कह रहे थे कि सचिन को हौसला बनाए रखना चाहिए थे, हिम्मत हार कर ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था।
दो साल से रोहतक में कोचिंग ले रहा सचिन बुधवार को निराश था। उसने अपने पिता सत्यपाल को फोन कर कहा था कि वह जल्द घर आ रहा है। शाम को उसने अपनी बहन गांव खरक रामजी में पूनम के पास फोन पर बात की और कहा कि अब वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाएगा। वीरवार की सुबह सचिन की मौत का पता चला। इसको लेकर जुलाना क्षेत्र के युवाओं में रोष है। युवाओं ने शनिवार को जुलाना में धरना देकर सड़क जाम करने की चेतावनी दी है। सचिन के पिता सत्यपाल पूर्व सैनिक हैं और बड़ा भाई बेरोजगार है। परिवार का खर्च चलाने और पिता के कदमों पर चलते हुए सचिन सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। सचिन के कमरे में रह रहे रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शील स्वभाव का था। सभी के साथ घुल मिलकर रहता था। रात को उसने कहा कि वह एक बर्थडे पार्टी में जा रहा है। आप दूसरे कमरे में सो जाना। उसके साथ कई अन्य साथी आएंगे। रूपेश ने बताया कि सुबह जब कमरे का गेट नहीं खुला तो उन्होंने आवाज लगाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला। वीरवार सुबह उसकी मौत का समाचार ही मिला। वीरवार की दोपहर में शव पहुंचने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से गांव में ही स्टेडियम के पास स्थित श्मशान घाट पर सचिन का अंतिम संस्कार किया। सचिन इस स्टेडियम में ही खेलता था। इसमें अकालगढ़, लजवाना कलां, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा खेलने आते हैं। सभी सेना और पुलिस में भर्ती की तैयारी करते हैं। सचिन की मौत पर युवाओं ने रोष जताते हुए कहा कि शनिवार को चारों गांवों के युवा जुलाना पहुंचकर जींद-रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सचिन के पिता सत्यपाल ने बताया कि उसकी चार लड़कियां हैं और दो लड़के थे। चारों लड़कियों व बड़े लड़के मंगत की शादी हो चुकी है। सचिन सबसे छोटा था तथा अभी अविवाहित था। उसका बड़ा लड़का मंगत भी बेरोजगार है। अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए सचिन लगातार मेहनत कर रहा था। सचिन ने दो साल पहले गोवा में हुई भर्ती में फिजीकल और चिकित्सा जांच को पूरा कर लिया था लेकिन पेपर होना बाकी था। उसे सेना में भर्ती होने का जुनून था।
जिसमें धैर्य नहीं वह सेना के काबिल नहीं
सचिन के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रकार के फैसले से अगर युवा घबरा जाते हैं, तो वे सेना में जाने के काबिल नहीं हैं। युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वह अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसे कदम नहीं उठाए ताकि उनके कदम परिजनों पर भारी नहीं पड़ें। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का वक्त आ गया था, इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।

जुलाना। रोहतक में एक पीजी में रहकर नौकरी की तैयारी कर रहे लजवानां कलां निवासी युवक सचिन (22) के फंदे से लटक कर खुदकुशी करने की घटना से गांव में मातम पसर गया है। यह घटना वीरवार की सुबह हुई। शव पहुंचने के बाद दोपहर बाद परिजनों ने नम आंखों से गांव में ही सचिन की अंत्येष्टि की। शव यात्रा में गांव के लोग उमड़े हुए थे। हर किसी की आंखें नम थी। सभी यही कह रहे थे कि सचिन को हौसला बनाए रखना चाहिए थे, हिम्मत हार कर ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था।

दो साल से रोहतक में कोचिंग ले रहा सचिन बुधवार को निराश था। उसने अपने पिता सत्यपाल को फोन कर कहा था कि वह जल्द घर आ रहा है। शाम को उसने अपनी बहन गांव खरक रामजी में पूनम के पास फोन पर बात की और कहा कि अब वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाएगा। वीरवार की सुबह सचिन की मौत का पता चला। इसको लेकर जुलाना क्षेत्र के युवाओं में रोष है। युवाओं ने शनिवार को जुलाना में धरना देकर सड़क जाम करने की चेतावनी दी है। सचिन के पिता सत्यपाल पूर्व सैनिक हैं और बड़ा भाई बेरोजगार है। परिवार का खर्च चलाने और पिता के कदमों पर चलते हुए सचिन सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। सचिन के कमरे में रह रहे रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शील स्वभाव का था। सभी के साथ घुल मिलकर रहता था। रात को उसने कहा कि वह एक बर्थडे पार्टी में जा रहा है। आप दूसरे कमरे में सो जाना। उसके साथ कई अन्य साथी आएंगे। रूपेश ने बताया कि सुबह जब कमरे का गेट नहीं खुला तो उन्होंने आवाज लगाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला। वीरवार सुबह उसकी मौत का समाचार ही मिला। वीरवार की दोपहर में शव पहुंचने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से गांव में ही स्टेडियम के पास स्थित श्मशान घाट पर सचिन का अंतिम संस्कार किया। सचिन इस स्टेडियम में ही खेलता था। इसमें अकालगढ़, लजवाना कलां, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा खेलने आते हैं। सभी सेना और पुलिस में भर्ती की तैयारी करते हैं। सचिन की मौत पर युवाओं ने रोष जताते हुए कहा कि शनिवार को चारों गांवों के युवा जुलाना पहुंचकर जींद-रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

सचिन के पिता सत्यपाल ने बताया कि उसकी चार लड़कियां हैं और दो लड़के थे। चारों लड़कियों व बड़े लड़के मंगत की शादी हो चुकी है। सचिन सबसे छोटा था तथा अभी अविवाहित था। उसका बड़ा लड़का मंगत भी बेरोजगार है। अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए सचिन लगातार मेहनत कर रहा था। सचिन ने दो साल पहले गोवा में हुई भर्ती में फिजीकल और चिकित्सा जांच को पूरा कर लिया था लेकिन पेपर होना बाकी था। उसे सेना में भर्ती होने का जुनून था।

जिसमें धैर्य नहीं वह सेना के काबिल नहीं

सचिन के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रकार के फैसले से अगर युवा घबरा जाते हैं, तो वे सेना में जाने के काबिल नहीं हैं। युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वह अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसे कदम नहीं उठाए ताकि उनके कदम परिजनों पर भारी नहीं पड़ें। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का वक्त आ गया था, इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।

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