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हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) पराली प्रबंधन में नेपाल का सहयोग करेगा। इसके लिए यह विश्वविद्यालय नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करके वहां के वैज्ञानिकों को पराली प्रबंधन संबंधी तकनीकी ज्ञान हस्तांतरित करेगा। यह निर्णय नेपाल के शिष्टमंडल की चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज के साथ हुई बैठक में लिया गया।
नेपाल का यह शिष्टमंडल पराली प्रबंधन के लिए उपयुक्त तकनीकी एंव मशीनों की जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से एचएयू के दौरे पर आया है। इस सात सदस्यीय शिष्टमंडल का नेतृत्व नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संस्थान के विभागाध्यक्ष जावेद आलम कर रहे हैं। बता दें नेपाल में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा समर्थित एकीकृत स्ट्रॉ प्रबंधन पर पायलट परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के प्रमुख कार्यान्वयन भागीदारों में नेपाल के कृषि इंजीनियरिंग विभाग, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, कृषि विभाग, नेपाल कृषि अनुसंधान परिषद और कृष्ण धन उद्योग (स्ट्रॉ ब्लॉक के निर्माता) को शामिल किया गया है।
कुलपति ने कहा कि स्ट्रॉ बर्निंग एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के लिए चिंता का विषय है। कुलपति ने नेपाली शिष्टमंडल को पराली प्रबंधन के क्षेत्र में हर संभव तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की बात कही, जिसके तहत भविष्य में दोनों विश्वविद्यालय आपस में मिलकर अनुसंधान कार्य कर सकेंगे, जिससे पराली प्रबंधन की समस्या का समाधान निकल सकेगा। विश्वविद्यालय पहुंचने पर इस नेपाली शिष्टमंडल का कृषि अभियान्त्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बलदेव डोगरा व स्टाफ ने स्वागत किया।
विभागाध्यक्ष डॉ. विजया रानी और डॉ. अनिल कुमार ने विश्वविद्यालय के कृषि मशीनरी परीक्षण केंद्र की गतिविधियों से शिष्टमंडल को अवगत कराया। मशीनों संबंधी उनके प्रश्नों के जवाब दिए। शिष्टमंडल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी एंव मशीनरी नेपाल के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) पराली प्रबंधन में नेपाल का सहयोग करेगा। इसके लिए यह विश्वविद्यालय नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करके वहां के वैज्ञानिकों को पराली प्रबंधन संबंधी तकनीकी ज्ञान हस्तांतरित करेगा। यह निर्णय नेपाल के शिष्टमंडल की चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज के साथ हुई बैठक में लिया गया।
नेपाल का यह शिष्टमंडल पराली प्रबंधन के लिए उपयुक्त तकनीकी एंव मशीनों की जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से एचएयू के दौरे पर आया है। इस सात सदस्यीय शिष्टमंडल का नेतृत्व नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संस्थान के विभागाध्यक्ष जावेद आलम कर रहे हैं। बता दें नेपाल में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा समर्थित एकीकृत स्ट्रॉ प्रबंधन पर पायलट परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के प्रमुख कार्यान्वयन भागीदारों में नेपाल के कृषि इंजीनियरिंग विभाग, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, कृषि विभाग, नेपाल कृषि अनुसंधान परिषद और कृष्ण धन उद्योग (स्ट्रॉ ब्लॉक के निर्माता) को शामिल किया गया है।
कुलपति ने कहा कि स्ट्रॉ बर्निंग एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के लिए चिंता का विषय है। कुलपति ने नेपाली शिष्टमंडल को पराली प्रबंधन के क्षेत्र में हर संभव तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की बात कही, जिसके तहत भविष्य में दोनों विश्वविद्यालय आपस में मिलकर अनुसंधान कार्य कर सकेंगे, जिससे पराली प्रबंधन की समस्या का समाधान निकल सकेगा। विश्वविद्यालय पहुंचने पर इस नेपाली शिष्टमंडल का कृषि अभियान्त्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बलदेव डोगरा व स्टाफ ने स्वागत किया।
विभागाध्यक्ष डॉ. विजया रानी और डॉ. अनिल कुमार ने विश्वविद्यालय के कृषि मशीनरी परीक्षण केंद्र की गतिविधियों से शिष्टमंडल को अवगत कराया। मशीनों संबंधी उनके प्रश्नों के जवाब दिए। शिष्टमंडल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी एंव मशीनरी नेपाल के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
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