पक्के घरों के सपने दिखा तुड़वा दिए कच्चे घर, अब कटवा रहे चक्कर


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पानीपत। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के घर का सपना दिखाकर उनके कच्चे आवास भी तुड़वा दिए गए। इसके बाद सात माह से लोग छप्पर डालकर रहने को मजबूर हैं। पक्के आवास की चाह में उन्हें निगम कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आरोप है कि कमीशन नहीं मिलने के कारण निगम कर्मियों की ओर से इन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
पार्षद संजीव दहिया ने बताया कि वार्ड नंबर-21 में करीब 57 ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हैं। इनके कागजातों से लेकर आवेदन तक स्वीकृत हुए सात माह से ऊपर का समय हो चुका है, लेकिन निगम अधिकारी इनको लाभ देने की बजाय चक्कर कटवा रहे हैं। इन लोगों को निगम कर्मियों ने योजना की पहली किश्त का आश्वासन देते हुए इनके मकान तक गिरवा दिए। इन्होंने खुद के खर्च से अपने मकानों की नींव तक भरवा दी, लेकिन इनको योजना का लाभ नहीं दिया गया। अब ये लोग किराए या छप्परों में रह रहे हैं। पार्षद के अनुसार कुछ लोगों ने उनसे शिकायत की है कि कुछ निगम कर्मी उनसे कमीशन मांग रहे हैं और इसी कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद वे प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का रिकार्ड लेकर निगम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने निगम कर्मियों को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही संबंधित व्यक्तियों को लाभ नहीं दिया गया तो वे कार्यालय के सामने डेरा डालने को मजबूर होंगे।
पहले भी आ चुके हैं कमीशन मांगने के मामले
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी लाभार्थियों से कमीशन मांगे जाने के मामले सामने आते रहे हैं। पिछले दिनों सीनियर डिप्टी मेयर कार्यालय में भी एक ऐसे ही परिवार ने अपना दुखड़ा सुनाया था, जिसके बाद दुष्यंत भट्ट ने ब्रांच कर्मचारियों को बुलाकर फटकार लगाई थी। वहीं, हर बार निगम सदन की बैठक में भी योजना के लाभार्थियों का जनप्रतिनिधि पक्ष रखते हैं, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती।
पता होता कि इतनी दिक्कत होगी तो आवेदन ही नहीं करते : लाभार्थी
वार्ड नंबर-21 के सौंदापुर में रहने वाले लाभार्थियों ने बताया कि निगम कर्मियों के प्रलोभन में आकर उन्होंने अपनी कच्ची छत गिरा दी। इस वजह से अब उन्हें छत की जगह छप्पर डालना पड़ा है। निगम कर्मियों से बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन वे टस से मस को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि योजना का लाभ लेने के लिए इतनी परेशानी उठानी पड़ती है तो वे कभी इसके लिए आवेदन ही नहीं करते।
वर्जन-
अब होगी आरपार की लड़ाई
निगम कर्मियों से कई बार अनुरोध कर चुके हैं लेकिन वे सुनवाई नहीं कर रहे। वार्ड के कुछ लाभार्थियों ने शिकायत की है कि निगम कर्मी उनसे कमीशन मांगते हैं। अब इसका जवाब निगम कर्मियों से हाउस की बैठक में मांगा जाएगा। फिर भी समाधान नहीं हुआ तो कार्यालय के सामने लोगों के साथ धरना देने पर मजबूर होना पड़ेगा। अब आर पार की लड़ाई होगी, जिसकी तैयारियां कर ली गईं हैं।
-संजीव दहिया, पार्षद, वार्ड नंबर 21

पानीपत। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के घर का सपना दिखाकर उनके कच्चे आवास भी तुड़वा दिए गए। इसके बाद सात माह से लोग छप्पर डालकर रहने को मजबूर हैं। पक्के आवास की चाह में उन्हें निगम कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आरोप है कि कमीशन नहीं मिलने के कारण निगम कर्मियों की ओर से इन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

पार्षद संजीव दहिया ने बताया कि वार्ड नंबर-21 में करीब 57 ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हैं। इनके कागजातों से लेकर आवेदन तक स्वीकृत हुए सात माह से ऊपर का समय हो चुका है, लेकिन निगम अधिकारी इनको लाभ देने की बजाय चक्कर कटवा रहे हैं। इन लोगों को निगम कर्मियों ने योजना की पहली किश्त का आश्वासन देते हुए इनके मकान तक गिरवा दिए। इन्होंने खुद के खर्च से अपने मकानों की नींव तक भरवा दी, लेकिन इनको योजना का लाभ नहीं दिया गया। अब ये लोग किराए या छप्परों में रह रहे हैं। पार्षद के अनुसार कुछ लोगों ने उनसे शिकायत की है कि कुछ निगम कर्मी उनसे कमीशन मांग रहे हैं और इसी कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद वे प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का रिकार्ड लेकर निगम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने निगम कर्मियों को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही संबंधित व्यक्तियों को लाभ नहीं दिया गया तो वे कार्यालय के सामने डेरा डालने को मजबूर होंगे।

पहले भी आ चुके हैं कमीशन मांगने के मामले

बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी लाभार्थियों से कमीशन मांगे जाने के मामले सामने आते रहे हैं। पिछले दिनों सीनियर डिप्टी मेयर कार्यालय में भी एक ऐसे ही परिवार ने अपना दुखड़ा सुनाया था, जिसके बाद दुष्यंत भट्ट ने ब्रांच कर्मचारियों को बुलाकर फटकार लगाई थी। वहीं, हर बार निगम सदन की बैठक में भी योजना के लाभार्थियों का जनप्रतिनिधि पक्ष रखते हैं, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती।

पता होता कि इतनी दिक्कत होगी तो आवेदन ही नहीं करते : लाभार्थी

वार्ड नंबर-21 के सौंदापुर में रहने वाले लाभार्थियों ने बताया कि निगम कर्मियों के प्रलोभन में आकर उन्होंने अपनी कच्ची छत गिरा दी। इस वजह से अब उन्हें छत की जगह छप्पर डालना पड़ा है। निगम कर्मियों से बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन वे टस से मस को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि योजना का लाभ लेने के लिए इतनी परेशानी उठानी पड़ती है तो वे कभी इसके लिए आवेदन ही नहीं करते।

वर्जन-

अब होगी आरपार की लड़ाई

निगम कर्मियों से कई बार अनुरोध कर चुके हैं लेकिन वे सुनवाई नहीं कर रहे। वार्ड के कुछ लाभार्थियों ने शिकायत की है कि निगम कर्मी उनसे कमीशन मांगते हैं। अब इसका जवाब निगम कर्मियों से हाउस की बैठक में मांगा जाएगा। फिर भी समाधान नहीं हुआ तो कार्यालय के सामने लोगों के साथ धरना देने पर मजबूर होना पड़ेगा। अब आर पार की लड़ाई होगी, जिसकी तैयारियां कर ली गईं हैं।

-संजीव दहिया, पार्षद, वार्ड नंबर 21

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