- Hindi News
- Opinion
- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column The Only Way To Reduce Pain Is To Divert Attention From Pain
पं. विजयशंकर मेहता
ऐसा कहा गया है एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है। दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनको और कोई बीमारी न भी हो, तो भी उन्हें दर्द हो सकता है। अब दर्द कहां है? शरीर में, मन में, हृदय में या मस्तिष्क में?
यह तलाशना पड़ता है कि असली और सबसे ज्यादा नुकसानदायक दर्द है कहां? दर्द के साथ एक और बात होती है, यह नया भी होता है और पुराना भी होता है। कोई बीमारी नहीं है, बूढ़े हो गए, बच्चे दूर चले गए, ध्यान नहीं देते, तो अब एक दर्द माता-पिता को शुरू हो जाता है। इसका क्या इलाज है?
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार विचार करें, तो ध्यान हटाना ही दर्द का इलाज है। यदि जीवन में दर्द आ जाए, पीड़ा हो, तो तुरंत शरीर-मस्तिष्क-मन से ध्यान हटाकर आत्मा पर चले जाएं। बस यहीं से ध्यान हटेगा और दर्द मिटेगा। क्योंकि जैसे ही हम आत्मा पर जाते हैं, वो पीड़ादायक तरंगें सुखदायक तरंगों में बदल जाती हैं, यही आत्मा की विशेषता है। दर्द तो आएंगे, उनके स्थानांतरण की कला सीख जाइए, फिर दर्द तकलीफ नहीं देगा।
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:दर्द से ध्यान हटाना ही दर्द कम करने का इलाज है