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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Maintain The Importance Of Songs And Music In Your Life
9 दिन पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
मुझे एक मनोचिकित्सक ने बड़ी रोचक बात बताई कि पुराने दर्द भरे नगमे, मनपसंद गीत और ईश्वर के भजन सुने जाएं, तो इससे शांति और खैरियत के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन निकलते हैं। अभी तो ये विचार होता है कि पुराने दर्द भरे गीत सुनो तो और मूड खराब हो जाएगा, भारीपन आ जाएगा, पर शोध कहता है कि ऐसा नहीं है।
दास होना अलग बात है और भीतर के उदासी भाव को महसूस करना अलग बात है। हम क्यों उदास हैं? यदि ये कारण पकड़ में आ जाए तो बाहर उदासी को विदा करने में आसानी होगी। जब हम पुराने गीत, कोई अच्छा-सा भजन सुनते हैं, तो उस भजन के केंद्र में जो दिव्य पुरुष है, हम उससे जुड़ जाते हैं।
कोई भी दर्द भरा पुराना गीत हमें अपनी ही यादों में ले जाता है और नतीजे में तरोताजा कर जाता है। इसलिए गीत- संगीत का महत्व अपने जीवन में बनाए रखें। हमारे यहां संगीतमय कथाओं की इसलिए परंपरा है। नारद जी पहले संगीत नहीं जानते थे। बाद में उन्होंने संगीत इसलिए सीखा क्योंकि गीत-संगीत के माध्यम से ही प्रसन्नता का वितरण कर सकते हैं।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:अपने जीवन में गीत-संगीत का महत्व बनाए रखें