[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Incorporate Hard Work And Humility Into Your Life

पं. विजयशंकर मेहता
अगर आप सबका दिल जीतना चाहते हैं, तो दो भाइयों को जीवन से जोड़े रखिए। बड़े भाई का नाम है परिश्रम और छोटे का नाम है विनम्रता। ये दोनों सगे भाई हैं, और जिसके साथ हैं, वो सबका प्यारा हो जाएगा। पहले विनम्रता की बात करते हैं। दूसरों के प्रति आदर, प्रोत्साहन, इसका खूब विस्तार करें। विनम्रता जताने से अधिक उसका प्रसार करें।
आपकी विनम्रता दूसरों में उतरे, दूसरों से तीसरे में जाए, ताकि दुनिया में विनम्रता की सुगंध आए। खूब मेहनत करने का वक्त है ये। आपके भीतर और कोई योग्यता हो या न हो, केवल परिश्रम साध लें, तो लोग इसे ही योग्यता मानेंगे। परिश्रम में क्रोध न करें, सबके काम आएं और किसी से अपेक्षा न रखें। परिश्रम करते समय दबाव में भले ही रहें, पर तनाव में ना आएं।
परिश्रम व विनम्रता का उदाहरण श्रीराम-रावण के युद्ध में अंगद व हनुमान थे। अंगद परिश्रमी, हनुमान विनम्र। जब रावण पर पहला आक्रमण हुआ तो इन दोनों ने ही उसकी शुरुआत की थी। दुर्गुणों पर जीतना है, सफलता पाना है, तो इन दोनों को जीवन में उतारिए।
[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:परिश्रम और विनम्रता को अपने जीवन में उतारिए