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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:अपनी अति की वृत्ति को देश पर गर्व करने में लगाएं Politics & News

पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

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2 दिन पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

इन दिनों हमारे देश में एक नया ढंग चला है और वो है अति पर टिकना। हर बात की अति की जा रही है। जो भी करो अति पर जाकर करो। खाना-पीना, मौज-मस्ती, सबमें अति उतर आई। और तो और विरोध-समर्थन की भी अति हो रही है।

जो लोग सत्तापक्ष का समर्थन कर रहे हैं, वो अंधे होकर समर्पित हो गए। जो विपक्ष का समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने आंखें बंद कर ली। अगर अति की आदत पड़ गई है तो अपनी अति की वृत्ति को देश के गर्व में लगा दें। अपने देश पर गर्व करने की अति करो।

अभी तो लोग इस देश का इस्तेमाल एक सीढ़ी की तरह कर रहे हैं और खासतौर पर नई पीढ़ी में राष्ट्रीय भावना का अभाव दिख रहा है, जबकि हमें ध्यान देना चाहिए कि हम बहुत तेजी से दुनिया में आगे निकल रहे हैं। हमारा लोकतंत्र बेजोड़ है।

हमारा देश विदेशों की गुटबाजी से मुक्त है। एक समय था, जब दशानन और दशरथ, दोनों का राज्य चल रहा था। फिर राम आए। उन्होंने वानरों के साथ मनुष्यों के भीतर भी गर्व का अंकुरण किया, तब जाकर वो रावण का विरोध कर पाए और उन्होंने विजय हासिल की। हम जितना अपने राष्ट्र पर गर्व करेंगे, हमारा राष्ट्र उतनी ही तेजी से ऊपर जाएगा। राम यही सिखा गए।

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