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पंजाब को फिर झटका: विशेष औद्योगिक पैकेज देने से केंद्र का इनकार, कहा-फिलहाल देने की कोई योजना भी नहीं Chandigarh News Updates

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Central government refused to give special industrial package to Punjab

भगवंत मान
– फोटो : X @BhagwantMann

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केंद्र सरकार ने पंजाब को विशेष औद्योगिक पैकेज देने से इन्कार कर दिया है। केंद्र ने जवाब दिया है कि फिलहाल पंजाब को विशेष पैकेज देने की उनकी कोई योजना नहीं है। हालांकि पंजाब समेत सभी राज्यों को विभिन्न केंद्रीय योजनाओं और वित्त आयोग की तरफ से सिफारिशों के मुताबिक उचित वित्तीय सहायता और संसाधन जारी किए जाते हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में लोकसभा में इस संबंध में जानकारी दी है।

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इससे पहले पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि बजट में बॉर्डर एरिया के पांच जिलों में औद्योगिक गतिविधियों बढ़ाने के लिए उनके विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए। बजट में भी इस संबंधी प्रावधान शामिल करने की मांग की गई थी। हालांकि बजट में प्रदेश के हाथ निराशा लगी थी, क्योंकि केंद्र ने राज्य के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की थी। जिन जिलों में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए यह पैकेज मांगा था उनमें गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर व फाजिल्का शामिल हैं।

चीमा ने कहा था कि इन जिलों में नई इंडस्ट्री आने से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उनको नौकरी की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा और साथ ही वे नशे से भी दूर रहेंगे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड को भी विशेष पैकेज देने का हवाला देते हुए यह मांग की थी। पंजाब सरकार का कहना है कि सबसे अधिक बॉर्डर एरिया पंजाब में लगता है, इसलिए प्रदेश को औद्योगिक के साथ अन्य कार्यों के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है।

वित्त आयोग से भी की थी यह मांग 

इससे पहले 16वें वित्त आयोग से भी राज्य सरकार की तरफ से यह मांग की गई थी। इसके अलावा अटारी-वाघा बॉर्डर के व्यापारिक पाबंदी के कारण हुए नुकसान को घटाने के लिए भी राशि जारी करने की मांग की थी। साथ ही खेतीबाड़ी उत्पादों के लिए भी विशेष पैकेज मांगा गया था, ताकि फसल विविधीकरण को बढ़ाने देने में मदद मिल सके। साथ ही जालंधर, अमृतसर समेत प्रमुख शहरों के नगर निकायों के लिए भी विशेष ग्रांट का मुद्दा उठाया गया था।

सीएम मान ने नीति आयोग की बैठक का किया था बहिष्कार 

इससे पहले सीएम भगवत मान ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। मान ने कहा था कि पंजाब में 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है, बावजूद इसके बॉर्डर सुरक्षा को लेकर भी पुलिस के लिए केंद्र की तरफ से उनको विशेष मदद नहीं दी जा रही है। साथ ही 10 हजार करोड़ रुपये रोकने के लिए भी केंद्र की आलोचना की थी।

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