नौकरी न मिलने से परेशान पीएचडी होल्डर ने की आत्महत्या


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करनाल। कोरोना के चलते लोगों को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ी, इसके परिणाम अभी तक सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आरके पुरम में सामने आया है, जहां एक पीएचडी होल्डर ने संदिग्ध परिस्थितियों जहरीला पदार्थ निगलकर जान दे दी। परिजनों का कहना है कि कोरोना काल में डॉ. प्रदीप की नौकरी चली गई थी, तभी से वह परेशान चल रहा था। उसका डॉक्टर से इलाज भी कराया जा रहा था, इसके बावजूद उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।
मृतक प्रदीप के पिता महेंद्र ने बताया कि उसका बेटा पहले पानीपत के समालखा में एक शिक्षण संस्थान में नौकरी करता था। कोरोना काल में वहां से उसकी नौकरी छूट गई थी। तभी से वह परेशान चल रहा था। उसने कई जगहों पर नौकरी खोजने के प्रयास किए, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली तो वह डिप्रेशन में रहने लगा, इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से उसका इलाज शुरू कराया।
बच्चों को कराता था पीएचडी
पिता ने बताया कि नौकरी छूटने के बाद डॉ. प्रदीप के पास विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे। वह उन्हें पीएचडी के लिए तैयार कराता था, लेकिन इसके बावजूद उसने यह कदम उठा लिया।
वर्जन
फिलहाल शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों के बयान पर 174 की कार्रवाई की गई है।
– राजीव मिगलानी, सेक्टर-32 थाना प्रभारी

करनाल। कोरोना के चलते लोगों को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ी, इसके परिणाम अभी तक सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आरके पुरम में सामने आया है, जहां एक पीएचडी होल्डर ने संदिग्ध परिस्थितियों जहरीला पदार्थ निगलकर जान दे दी। परिजनों का कहना है कि कोरोना काल में डॉ. प्रदीप की नौकरी चली गई थी, तभी से वह परेशान चल रहा था। उसका डॉक्टर से इलाज भी कराया जा रहा था, इसके बावजूद उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।

मृतक प्रदीप के पिता महेंद्र ने बताया कि उसका बेटा पहले पानीपत के समालखा में एक शिक्षण संस्थान में नौकरी करता था। कोरोना काल में वहां से उसकी नौकरी छूट गई थी। तभी से वह परेशान चल रहा था। उसने कई जगहों पर नौकरी खोजने के प्रयास किए, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली तो वह डिप्रेशन में रहने लगा, इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से उसका इलाज शुरू कराया।

बच्चों को कराता था पीएचडी

पिता ने बताया कि नौकरी छूटने के बाद डॉ. प्रदीप के पास विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे। वह उन्हें पीएचडी के लिए तैयार कराता था, लेकिन इसके बावजूद उसने यह कदम उठा लिया।

वर्जन

फिलहाल शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों के बयान पर 174 की कार्रवाई की गई है।

– राजीव मिगलानी, सेक्टर-32 थाना प्रभारी

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