नेहा पढ़ाई के अलावा मां के सहयोग के लिए करती थी सिलाई


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आईपीएस बनने का सपना संजोये नेहा पढ़ाई के साथ मां की मदद के लिए सिलाई भी करती थी। मामा ने कोरोना संक्रमण काल में पढ़ने के लिए मोबाइल दिया तो छात्रा ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर अपने सपनों के साथ परिजनों की मेहनत को सफल कर दिखाया है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित बारहवीं के परीक्षा परिणाम में कला संकाय में 500 में से 494 अंक प्राप्त कर नेहा ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है।
केसीएम स्कूल निंदाना की छात्रा नेहा पुत्री अजमेर के पिता के पास सिर्फ खेती योग्य एक बीघा जमीन है। वह अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए हिस्से पर जमीन लेकर काम करते हैं। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मां पूजा सिलाई करती हैं। मां सिर्फ पांचवीं पढ़ी हैं और पिता आठवीं पास हैं।
नेहा की मां ने बताया कि उनकी दो संतान हैं, जिसमें पूजा बड़ी तथा भाई रवि छोटा है। बेटा दसवीं कक्षा का छात्र है। नेहा आईपीएस बनना चाहती है। उसके मामा भारतीय सेना में हैं। मामा के दिशानिर्देशों के अनुसार ही नेहा आगे पढ़ाई करेगी। हालात इतने खराब हैं कि घर में बेटी की पढ़ाई के लिए अलग कमरा तक नहीं है। पूरा परिवार एक ही कमरे में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है। इसी कमरे में रात को 12 बजे तक जागकर नेहा पढ़ाई करती थी, जिसमें पूरा परिवार सोता है। जब तक नेहा पढ़ाई करती तब तक मां सिलाई करती है। बीच-बीच में मां का हाथ बंटाने के लिए पूजा भी सिलाई का काम करती है। रात को पढ़ाई करते वक्त नींद आती तो खुद चाय बनाती है। यही नहीं नेहा की मां पूजा ने बताया कि उनकी बेटी घर के सभी कार्य करने में माहिर है।

आईपीएस बनने का सपना संजोये नेहा पढ़ाई के साथ मां की मदद के लिए सिलाई भी करती थी। मामा ने कोरोना संक्रमण काल में पढ़ने के लिए मोबाइल दिया तो छात्रा ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर अपने सपनों के साथ परिजनों की मेहनत को सफल कर दिखाया है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित बारहवीं के परीक्षा परिणाम में कला संकाय में 500 में से 494 अंक प्राप्त कर नेहा ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है।

केसीएम स्कूल निंदाना की छात्रा नेहा पुत्री अजमेर के पिता के पास सिर्फ खेती योग्य एक बीघा जमीन है। वह अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए हिस्से पर जमीन लेकर काम करते हैं। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मां पूजा सिलाई करती हैं। मां सिर्फ पांचवीं पढ़ी हैं और पिता आठवीं पास हैं।

नेहा की मां ने बताया कि उनकी दो संतान हैं, जिसमें पूजा बड़ी तथा भाई रवि छोटा है। बेटा दसवीं कक्षा का छात्र है। नेहा आईपीएस बनना चाहती है। उसके मामा भारतीय सेना में हैं। मामा के दिशानिर्देशों के अनुसार ही नेहा आगे पढ़ाई करेगी। हालात इतने खराब हैं कि घर में बेटी की पढ़ाई के लिए अलग कमरा तक नहीं है। पूरा परिवार एक ही कमरे में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है। इसी कमरे में रात को 12 बजे तक जागकर नेहा पढ़ाई करती थी, जिसमें पूरा परिवार सोता है। जब तक नेहा पढ़ाई करती तब तक मां सिलाई करती है। बीच-बीच में मां का हाथ बंटाने के लिए पूजा भी सिलाई का काम करती है। रात को पढ़ाई करते वक्त नींद आती तो खुद चाय बनाती है। यही नहीं नेहा की मां पूजा ने बताया कि उनकी बेटी घर के सभी कार्य करने में माहिर है।

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