निजीकरण का असर, 59 प्रतिशत घटा परिवहन विभाग का राजस्व


ख़बर सुनें

गगन तलवार
करनाल। परिवहन विभाग की वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस और पासिंग सहित कई सेवाएं निजी कंपनियों को सौंपने से वाहन मालिक और खुद परिवहन विभाग घाटे में हैं। पिछले चार साल की तुलना में विभाग का करीब 59 प्रतिशत तक राजस्व घटा है। 2018-19 में विभाग को जहां करीब 37 करोड़ का राजस्व मिला था, वो अब महज 15.05 करोड़ रह गया है।
इधर, कंपनियों के काम पर भी सवाल उठ रहे हैं। विभागीय जांच में भी उनका कार्य संतोषजनक नहीं मिला। परिवहन विभाग के पास भी रोजाना कंपनियों से गाड़ी की फिटनेस और पासिंग कराने वाले ट्रांसपोर्टरों की शिकायतें आ रही हैं। आरोप लग रहे हैं कि कंपनियों के कर्मचारी वाहन की फिटनेस या सर्विस के दौरान ऐसे पुर्जे भी बदल देते हैं, जिन्हें मरम्मत करके ठीक किया जा सकता है। इससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ा है। सर्विस का खर्च भी उनका काफी ज्यादा है।
विदित हो कि सरकार ने अप्रैल 2021 से वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस और पासिंग की सेवाएं संबंधित वाहन की कंपनियों को सौंपी थी। जिले में चार कंपनियां इस कार्य को देख रही हैं। विभाग के पास 90 हजार से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। हर सप्ताह 500 से ज्यादा वाहनों की फिटनेस जांच होती है। ब्यूरो
यह है नियम
मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर से पहले कंपनी के मैकेनिक वाहन की फिटनेस देखते हैं। प्रत्येक वाणिज्यिक वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट लेने से पहले अपने वाहन की कंपनी के कार्यालय में जाकर जांच करानी होती है। मैकेनिक गाड़ी की पूरी जांच के बाद सब कुछ ठीक होने की स्थिति में वाहन का फार्म नंबर-14 जारी करना होता है। इसे आरटीए कार्यालय में जमा कराने के बाद विभाग की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। पुर्जे बदलवाना वाहन मालिक की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह एजेंसी से बदलवाए या बाहर कहीं और से।
तो फार्म-14 नहीं करते जारी
ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि जब गाड़ी को जांच के लिए कंपनी में लेकर जाते हैं तो प्रतिनिधि कई छोटे अंदरूनी और बाहरी पुर्जों में कमी बता देते हैं, इन्हें बदलने के लिए कहते हैं, जबकि इन्हें रिपेयर करके भी काम चलाया जा सकता है। कई पुर्जे दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक के होते हैं। यदि इन्हें बदलवाने से मना करते हैं तो फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए जरूरी फार्म-14 जारी नहीं किया जाता।
हर साल ऐसे घटता गया राजस्व
वर्ष राजस्व
2018-19 371552283
2019-20 262373750
2020-21 167474874
2021-22 150535241
कंपनियों का कार्य संतोषजनक नहीं है। इनके कार्यों की जांच चल रही है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। कार्यालय के माध्यम से जमा होने वाले विभाग के राजस्व में भी कुछ अंतर आया है। एनसीआर का भी असर है। ट्रांसपोर्टर्स को बेहतर सुविधाएं मिले, इसलिए कंपनियों को सेवाएं सौंपी थी, लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा।
– सुभाष चंद्र, डीटीओ करनाल

गगन तलवार

करनाल। परिवहन विभाग की वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस और पासिंग सहित कई सेवाएं निजी कंपनियों को सौंपने से वाहन मालिक और खुद परिवहन विभाग घाटे में हैं। पिछले चार साल की तुलना में विभाग का करीब 59 प्रतिशत तक राजस्व घटा है। 2018-19 में विभाग को जहां करीब 37 करोड़ का राजस्व मिला था, वो अब महज 15.05 करोड़ रह गया है।

इधर, कंपनियों के काम पर भी सवाल उठ रहे हैं। विभागीय जांच में भी उनका कार्य संतोषजनक नहीं मिला। परिवहन विभाग के पास भी रोजाना कंपनियों से गाड़ी की फिटनेस और पासिंग कराने वाले ट्रांसपोर्टरों की शिकायतें आ रही हैं। आरोप लग रहे हैं कि कंपनियों के कर्मचारी वाहन की फिटनेस या सर्विस के दौरान ऐसे पुर्जे भी बदल देते हैं, जिन्हें मरम्मत करके ठीक किया जा सकता है। इससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ा है। सर्विस का खर्च भी उनका काफी ज्यादा है।

विदित हो कि सरकार ने अप्रैल 2021 से वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस और पासिंग की सेवाएं संबंधित वाहन की कंपनियों को सौंपी थी। जिले में चार कंपनियां इस कार्य को देख रही हैं। विभाग के पास 90 हजार से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। हर सप्ताह 500 से ज्यादा वाहनों की फिटनेस जांच होती है। ब्यूरो

यह है नियम

मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर से पहले कंपनी के मैकेनिक वाहन की फिटनेस देखते हैं। प्रत्येक वाणिज्यिक वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट लेने से पहले अपने वाहन की कंपनी के कार्यालय में जाकर जांच करानी होती है। मैकेनिक गाड़ी की पूरी जांच के बाद सब कुछ ठीक होने की स्थिति में वाहन का फार्म नंबर-14 जारी करना होता है। इसे आरटीए कार्यालय में जमा कराने के बाद विभाग की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। पुर्जे बदलवाना वाहन मालिक की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह एजेंसी से बदलवाए या बाहर कहीं और से।

तो फार्म-14 नहीं करते जारी

ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि जब गाड़ी को जांच के लिए कंपनी में लेकर जाते हैं तो प्रतिनिधि कई छोटे अंदरूनी और बाहरी पुर्जों में कमी बता देते हैं, इन्हें बदलने के लिए कहते हैं, जबकि इन्हें रिपेयर करके भी काम चलाया जा सकता है। कई पुर्जे दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक के होते हैं। यदि इन्हें बदलवाने से मना करते हैं तो फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए जरूरी फार्म-14 जारी नहीं किया जाता।

हर साल ऐसे घटता गया राजस्व

वर्ष राजस्व

2018-19 371552283

2019-20 262373750

2020-21 167474874

2021-22 150535241

कंपनियों का कार्य संतोषजनक नहीं है। इनके कार्यों की जांच चल रही है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। कार्यालय के माध्यम से जमा होने वाले विभाग के राजस्व में भी कुछ अंतर आया है। एनसीआर का भी असर है। ट्रांसपोर्टर्स को बेहतर सुविधाएं मिले, इसलिए कंपनियों को सेवाएं सौंपी थी, लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा।

– सुभाष चंद्र, डीटीओ करनाल

.


What do you think?

पदक जीतकर मजदूर पिता का सपना किया पूरा

कार्यालय के बाहर खड़ी कार का शीशा तोड़ एक लाख रुपये चोरी