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जींद। नागरिक अस्पताल में एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के तहत कार्यरत कर्मचारियों ने वीरवार को अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल की। लगभग 100 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने बस स्टैंड से लेकर सिविल सर्जन कार्यालय तक प्रदर्शन भी किया। उन्हाेंने साफ कहा है कि यदिउनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गई तो वह बडे़ स्तर पर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। हालांकि कुछ देर रजिस्ट्रेशन पर्ची को छोड़कर अस्पताल का काम सामान्य रहा।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की प्रदेश समिति के आह्वान पर एनएचएम कर्मचारियों ने वीरवार को हड़ताल रखी। इसमें अस्पताल के लगभग 100 कर्मचारी शामिल हुए। इसके अलावा अन्य संगठनों के लोग भी शामिल रहे। कर्मचारी संघ के संदीप कुंडू ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों का शोषण लंबे समय से जारी है। कई बार समझौते होने के बावजूद भी अभी तक कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया। वेतन विंगति दूर करने, मुख्यमंत्री की सातवें वेतनमान घोषणा को जारी करने, कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू करने आदि पर सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुए है। कोरोना काल के दौरान इन कर्मचारियों ने काफी उपलब्धियां अपनी मेहनत के बलबूते पर हासिल की। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र कुमार वत्स ने बताया कि अगर सरकार ने मांगों तो पूरा नहीं किया तो संघ बैठक करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकता है। इस मौके पर प्रदेश कार्यालय सचिव गौरव सहगल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप आर्य, अमित, डॉ. परमजीत, राकेश, रेणु, इंदू, सुनीता, संतोष, सीमा भी मौजूद रहे।
बॉक्स
कुछ देर बाधित रहा रजिस्ट्रेशन कार्य
नागरिक अस्पताल में केवल 15 मिनट के लिए मरीजों का रजिस्ट्रेशन कार्य प्रभावित हुआ था। अन्य सभी सेवाएं सामान्य तौर पर चलती रही। इमरजेंसी, डिलीवरी, एंबुलेंस, डिलीवरी हट, टीकाकरण, जच्चा-बच्चा जांच, आयुष ओपीडी, टीबी जांच और उपचार, स्कूल हेल्थ सभी सेवाएं सामान्य रूप से चली। इसकी मुख्य वजह थी कि इन सभी सेवाओं में आउटसोर्स के तहत कर्मचारी रखे गए हैं। एनएचएम के कर्मचारियों की संख्या अस्पताल में काफी कम है, जिनमें से अधिकतर सिविल सर्जन कार्यालय में ही कार्यरत हैं।
वर्जन
हड़ताल से कार्य प्रभावित न हो इसलिए पहले से ही तमाम व्यवस्थाएं कर दी गईं थी, हलांकि अस्पताल में हड़ताल के कारण कोई कार्य प्रभावित नहीं हुआ। कर्मचारियों की मांगों को मुख्यालय भेज दिया गया है। इसमें स्थानीय स्तर पर कोई मांग बाकी नहीं है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हड़ताल नहीं करनी चाहिए।
-डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन।
जींद। नागरिक अस्पताल में एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के तहत कार्यरत कर्मचारियों ने वीरवार को अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल की। लगभग 100 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने बस स्टैंड से लेकर सिविल सर्जन कार्यालय तक प्रदर्शन भी किया। उन्हाेंने साफ कहा है कि यदिउनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गई तो वह बडे़ स्तर पर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। हालांकि कुछ देर रजिस्ट्रेशन पर्ची को छोड़कर अस्पताल का काम सामान्य रहा।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की प्रदेश समिति के आह्वान पर एनएचएम कर्मचारियों ने वीरवार को हड़ताल रखी। इसमें अस्पताल के लगभग 100 कर्मचारी शामिल हुए। इसके अलावा अन्य संगठनों के लोग भी शामिल रहे। कर्मचारी संघ के संदीप कुंडू ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों का शोषण लंबे समय से जारी है। कई बार समझौते होने के बावजूद भी अभी तक कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया। वेतन विंगति दूर करने, मुख्यमंत्री की सातवें वेतनमान घोषणा को जारी करने, कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू करने आदि पर सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुए है। कोरोना काल के दौरान इन कर्मचारियों ने काफी उपलब्धियां अपनी मेहनत के बलबूते पर हासिल की। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र कुमार वत्स ने बताया कि अगर सरकार ने मांगों तो पूरा नहीं किया तो संघ बैठक करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकता है। इस मौके पर प्रदेश कार्यालय सचिव गौरव सहगल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप आर्य, अमित, डॉ. परमजीत, राकेश, रेणु, इंदू, सुनीता, संतोष, सीमा भी मौजूद रहे।
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कुछ देर बाधित रहा रजिस्ट्रेशन कार्य
नागरिक अस्पताल में केवल 15 मिनट के लिए मरीजों का रजिस्ट्रेशन कार्य प्रभावित हुआ था। अन्य सभी सेवाएं सामान्य तौर पर चलती रही। इमरजेंसी, डिलीवरी, एंबुलेंस, डिलीवरी हट, टीकाकरण, जच्चा-बच्चा जांच, आयुष ओपीडी, टीबी जांच और उपचार, स्कूल हेल्थ सभी सेवाएं सामान्य रूप से चली। इसकी मुख्य वजह थी कि इन सभी सेवाओं में आउटसोर्स के तहत कर्मचारी रखे गए हैं। एनएचएम के कर्मचारियों की संख्या अस्पताल में काफी कम है, जिनमें से अधिकतर सिविल सर्जन कार्यालय में ही कार्यरत हैं।
वर्जन
हड़ताल से कार्य प्रभावित न हो इसलिए पहले से ही तमाम व्यवस्थाएं कर दी गईं थी, हलांकि अस्पताल में हड़ताल के कारण कोई कार्य प्रभावित नहीं हुआ। कर्मचारियों की मांगों को मुख्यालय भेज दिया गया है। इसमें स्थानीय स्तर पर कोई मांग बाकी नहीं है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हड़ताल नहीं करनी चाहिए।
-डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन।
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